Solang Valley : मैं बनना चाहता था शम्मी कपूर लेकिन कहानी उल्टी पड़ गई!
2013 जा रही है, 2014 आ रहा था… हम मनाली में थे. बात कोई 30 दिसंबर 2013 की है. मनाली में हम पहुंचे ही थे कि बर्फबारी शुरू हो गई. हम होटेल रूम में किसी तरह पहुंचे.
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Read moreसाल 2020 , कोराना ( Covid 19 ) संकट के बाद जिस दूसरे नाम को लेकर चर्चा में रहेगा, वो China और उसका शहर Wuhan ही है. यह Central China के Hubei Province में स्थित है. Jianghan Plain, वो जगह जो Hanjiang River और Yangtze River के संगम से बनती है. यह शहर इसी Jianghan Plain पर है.
Read moreआम बोलचाल में, चाय को मोटे तौर पर 2 श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है -हरा और काला। इस आर्टिकल में, आप भारत में चाय के प्रकारों ( Types of Tea in India ) और चाय की किस्मों के बारे में जानेंगे…
Read moreबांग्ला में चा, गुजराती में छा, मराठी में चहा, असम में साह, कन्नड़ में चाहा, मलयालम में चाया, उड़िया में चा, नाम अलग है लेकिन हर हिंदुस्तानी की सुबह इस चाय से ही होती है.
Read more(Amarnath Yatra 2020) अमरनाथ यात्रा की पावन घड़ी नजदीक है. इस बार ये यात्रा 42 दिनों के लिए होगी. इसकी शुरुआत 23 जून से हो रही है. इस यात्रा का समापन 3 अगस्त को होगा. पिछली बार अमरनाथ यात्रा 40 दिनों की थी जिसे बढ़ाकर इस बार 42 दिनों के लिए कर दिया गया है.
Read moreकॉर्बेट नेशनल पार्क को 5 ईकोटूरिज्म जोन में बांटा गया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि इस टाइगर रिजर्व एरिया में टूरिज्म एक्टिविटीज को लेकर सही व्यवस्था बनाई जा सके. ये 5 जोन हैं, ढिकाला जोन (Dhikala Zone), बिजरानी जोन (Bijrani Zone), झिरना जोन (Jhirna Zone), ढेला जोन (Dhela Zone) और दुर्गा देवी जोन (Durga Devi Zone).
Read moreउत्तराखंड (Uttarakhand) के गढ़वाल (Garhwal) क्षेत्र में गौमुख-तपोवन-नंदनवन सबसे मशहूर और पसंद किए जाने वाला ट्रेक है। ये इस पूरे सर्किट में सबसे लोकप्रिय ट्रेक हैं
Read moreBest Travel Plan : पहाड़ का सफर कौन नहीं करना चाहता? और वो भी मई जून की भीषण गर्मियों में…! दिल्ली की उमस भरी गर्मी और ऑफिस
Read moreबना डालिए अपने ब्रैंड की शान, लिख डालिए हिंदी में अपनी पहचान, वो भी ट्रैवल जुनून के साथ. हम वादा करते हैं, हिंदी की घुमक्कड़ी में हमसे बेहतर आपको कोई दोस्त नहीं मिलेगा. हम आपके ब्रैंड, प्रॉपर्टी, टूर पैकेज, डेस्टिनेशन के बारे में हिंदी में लिखेंगे.
Read moreसिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का जीवनकाल यात्राओं से भरा हुआ था. वह जहां भी गए, वहां रुके और लोगों की मदद की. गुरुनानक देव जी जहां भी गए वहां पर आज हम गुरुद्वारों को देख सकते हैं. गुरुजी की ऐसी ही यात्रा से जुड़ा गुरुद्वारा है गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक. एक तरफ बॉर्डर के उस पार पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब है तो वहीं बॉर्डर के इस पार हिंदुस्तान में गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक है
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