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छुट्टियों में भी बचिए Heart Attack और Cardiac Arrest से, जान लें इससे बचने के TIPS

नई दिल्ली. जान है तो जहान है! ये कहावत आपने बड़े बूढ़ों से बहुत सुनी होगी. ये कहावत तो आज भी इसी रूप में है लेकिन जहान बहुत बदल गया है और बदल गई है सेहत भी. इसी सेहत और लाइफ को बिगाड़ रहा है बढ़ता हुआ हार्ट अटैक (Heart Attack) और कार्डिएक अरेस्ट ( Cardiac Arrest )। देश और दुनिया में हार्ट अटैक की समस्या बेहद तेजी से बढ़ रही है। अब तो बूढ़े ही नहीं बल्कि युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। हम सभी को घूमने का बहुत शौक होता है. घर में तो हम अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखते हैं लेकिन ट्रैवलिंग में, जब हम घर से दूर रहते हैं और कई बार किसी शहर से बहुत दूर, छुट्टियों का आनंद ले रहे होते हैं तब ये समस्या आपको चपेट में न लें, उसके लिए कुछ खास टिप्स  हम आपको बता रहे हैं.

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फैमली डॅाक्टर से रूटिन चैकअप जरूर करवा लें

ये टिप्स तब भी काम आएंगे जब आप रोमांचक सफर पर होंगे, रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग, बंजी जंपिंग, क्लिफ जंपिंग, पैराशूट राइडिंग, स्विमिंग जैसे किसी हैरंतेगज खेल का अनुभव ले रहे होंगे या फिर किसी वादी में सैर पर निकले होंगे।
जब भी आप लोग घूमने जाने की योजना बनाएं तो जाने से एक हफ्ते पहले फैमली डॅाक्टर से रूटिन चैकअप जरूर करवा लें और खोने पिने का भी ध्यान रखें।

इसी कड़ी में आपको बातते हैं कि बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने बुधवार की रात को दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। बॉलीवुड में इससे पहले भी कई कलाकार दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवा चुके हैं।

ओम पुरी, रीमा लागू, इंदर कुमार और फारुक शेख जैसे कलाकार और जयललिता जैसे लोगों की लंबी फेहरिस्त है जिनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई. गौरतलब है कि दिल का दौरा पड़ना दुनिया की सबसे घातक बीमारी है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर होता है जिन्हें लोग आम तौर पर नहीं जानते हैं। अगर आप भी दोनों बीमारियों के लक्षण और कारण को नहीं पहचाते तो जान लीजिए।

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हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्‍ट में क्‍या है अंतर? (What is the difference between heart attack and cardiac arrest?)

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट ये वो शब्द हैं जो ह्रदय से जुड़े संकट को सूचित करते हैं। हालांकि अक्सर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच भ्रमित हो जाते हैं। हालांकि दोनों ही ह्रदय से जुड़ी चिकित्सकीय आपातकालीन स्थितियां हैं लेकिन इन दोनों से बिल्कुल अलग तरीके से निपटा जाता है।

हार्ट अटैक क्या होता है- What is a heart attack

हार्ट अटैक या दिल का दौरा तब होता है जब अचानक ह्रदय को होने वाली खून की आपूर्ति में अवरोध उत्पन्न हो जाता है जो आम तौर पर खून के थक्के या कोलेस्ट्रोल के जमने से, जिसे प्लैक कहते हैं, होता है। इस तरह के खून की आपूर्ति में कमी की वजह से ह्रदय की मांसपेशियों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।

हार्ट अटैक आमतौर पर किसी एक प्लैक के फटने की वजह से आता है जिससे फटने की जगह पर खून का थक्का बन जाता है। इस थक्के की वजह से कोरोनरी धमनी से जानेवाले खून की आपूर्ति बंद हो जाती है जिससे हार्ट अटैक आता है।

दिल का दौरा के लक्षण- Symptoms of heart attack

छाती में दर्द, शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द- ऐसा महसूस हो सकता है जैसे दर्द छाती से आपके हाथों की ओर बढ़ रहा है (आमतौर पर बायां हाथ प्रभावित होता है, लेकिन ये दोनों हाथों को भी प्रभावित कर सकता है), जबड़ा, गला, गर्दन, पीठ और पेट में दर्द शामिल है।

चक्कर आना, पसीना आना, साँस फूलना, मितली आना या उल्टी, बहुत ज़्यादा चिंतित होना (एक घबराहट के दौरे की तरह), खांसी या घरघराहट शामिल है।

क्या है कार्डियक अरेस्ट- Sudden cardiac arrest: Symptoms and causes

कार्डियक अरेस्ट का मतलब है किसी व्यक्ति में जिसमें ह्रदय रोग का निदान हुआ हो या न हुआ हो, अचानक ह्रदय का काम करना बंद हो जाना। ये तब होता है जब ह्रदय अचानक पूरे शरीर के लिए खून की पम्पिंग करना बंद कर देता है।

कार्डियक अरेस्ट के दौरान या तो ह्रदय की धड़कन रुक जाती है या फिर वो इतनी तेजी से धड़क रहा होता है जिससे कार्डियक चेंबर का प्रभावी तौर पर संकुचन नहीं हो पाता। इन दोनों ही मामलों में क्योंकि ह्रदय का संकुचन या तो नहीं है या प्रभावी नहीं है, शरीर के महत्वपूर्ण अवयवों को खून की आपूर्ति नहीं हो पाती। एक बार मस्तिष्क में खून पहुंचना बंद हो जाए तो मरीज बेहोश हो जाता है और साँस रुक जाती है। होश न रहना, सांसों और धड़कन के न होने से कार्डियक अरेस्ट का निदान हो पाता है।

कार्डिएक अरेस्ट होने की एक मुख्य वजह है हार्ट अटैक

ऐसा नहीं है कि हर कोई व्यक्ति जिसे हार्ट अटैक आता है उसे कार्डिएक अरेस्ट भी होगा। लेकिन हार्ट अटैक से पीड़ित एक चौथाई मरीज़ों को अचानक कार्डियक अरेस्ट आने की संभावना होती है। ऐसा होने का कारण हार्ट अटैक के तुरंत बाद ह्रदय में होने वाली विद्युतीय खराबी है।

कार्डियक अरेस्ट की एक और मुख्य वजह पहले आए हार्ट अटैक से कमज़ोर हुआ ह्रदय और इससे क्षतिग्रस्त हुए ऊतक है। ऐसे मामलो में कार्डियक अरेस्ट को पहले ही एआईसीडी (ऑटोमैटिक इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर) इम्प्लांटेशन के माध्यम से रोका जा सकता है। एआईसीडी एक उपकरण है जो कार्डियक अरेस्ट का पता लगा लेता है और चंद सेकंडों में ज़रुरी थेरेपी उपलब्ध करा देता है।

एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल अचानक आए कार्डियक अरेस्ट से 700,000 लोगों की मृत्यु हो जाती है जो देश में होने वाली सभी मौतों का 10 % है।

जब अचानक आए कार्डियक अरेस्ट से जूझ रहे व्यक्ति के बचने की संभावना की बात होती है तो इसमें उपचार के लिए लगने वाला समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि कार्डियक अरेस्ट 5 मिनट से ज्यादा समय तक जारी रहता है तो मस्तिष्क को नुकसान होने की संभावना होती है और यदि कार्डियक अरेस्ट 10 मिनट से ज्यादा समय तक जारी रहता है तो मरीज़ की मौत होने की संभावना होती है। इसलिए कार्डिएक अरेस्ट के लिए जितनी जल्दी हो सके प्राथमिक उपचार किए जाने चाहिए।

Komal Mishra

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