Thursday, March 28, 2024
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Vindhyachal Dham : पूर्वांचल के बड़े धामों में से एक है विंध्याचल मंदिर, यहां लें सम्पूर्ण जानकारी

Vindhyachal Dham – विंध्याचल मंदिर या विंध्याचल धाम, उत्तर प्रदेश राज्य में मिर्ज़ापुर जिले के एक कस्बे में है जिसकी मिर्ज़ापुर शहर से दूरी लगभग 7 किलोमीटर है. विंध्याचल एक धार्मिक पर्यटन स्थल है. यहां आपको माता दुर्गा के कई मंदिर देखने को मिल जायेंगे. माँ विंध्यवासिनी देवी मंदिर यहां का प्रमुख मंदिर है जो की एक शक्तिपीठ भी है. इसके आलावा विंध्याचल में आप अष्टभुजी देवी मंदिर, काली खोह मंदिर, सीता कुंड, विंध्याचल के गंगाघाट के भी दर्शन कर सकते हैं.

यह कस्बा गंगा किनारे बसा हुआ है और बहुत ही शांत है यहां आपको बस धार्मिक विचारधारा वाले लोग ही दिखने को मिलेंगे (Vindhyachal Dham)  हालांकि यहां के मंदिरों में अत्यंत भीड़ देखने को मिलती है लेकिन विंध्याचल टाउन शांतिप्रिय जगह है. विंध्याचल में आपको पहाड़ भी देखने को मिल जायेंगे लेकिन ये पहाड़ पठार होते आप इन्हें बर्फीले पहाड़ समझने की गलती न करें.

Maa Vindhyavasini Mandir Vindhyachal Dham - Puja Timings, Darshan, Rules to follow
Maa Vindhyavasini Mandir Vindhyachal Dham – Puja Timings, Darshan, Rules to follow

विंध्याचल कस्बा वैसे तो 51 शक्तिपीठो में से एक माँ विंध्यवासिनी देवी मंदिर का निवास स्थान है और यहां का माहौल भी कुछ ऐसा प्रतीत होता है जैसे सच में माता सती यहां पर विराजमान हो पावन गंगा नदी इस स्थान की धार्मिक महत्वता को और भी बढ़ाती हैयहां के प्राकृतिक हरे भरे नज़ारे जिनमें पेड़ पौधों की हरियाली और पठार और इन पठारों के ऊपर बने मंदिर भी आकर्षण का केंद्र रहते हैं.

यह स्थान (Vindhyachal Dham), मुख्य रूप से एक धार्मिक स्थल है इसीलिए यहां पर आपको बस मंदिर ही दिखाई देंगे. मंदिरों में भी खासकर माँ जगदम्बा के तीन मंदिर यहां की पहचान है खासकर विंध्याचल मंदिर (Vindhyachal Dham) , जो कि 51 शक्तिपीठो में से एक शक्तिपीठ है और ये सारे मंदिर आसपास ही है. आप आराम से एक ही दिन में इनके दर्शन कर सकते हैं. यदि आपको जानकारी है तो आप इन मंदिरों में अपने आप जा सकते हैं वर्ना आप ऑटो बुक करके आपको सारे मंदिरों के दर्शन करवाकर आपको रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड या फिर आपके होटल पर लाकर छोड़ देगा.

Main Attractions Center in Vindhyachal Dham in Mirzapur

Ganga ghat

विंध्याचल कस्बा पावन गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है. इसी कारण इस स्थान की आस्था और भी बढ़ जाती है मुख्यता यहां आने वाले श्रद्धालु सबसे पहले गंगा नदी के घाट पर डुबकी लगाकर अपने आप को धन्य करते हैं. यहां गंगा घाट विंध्याचल मंदिर के पास ही यहां आपको गंगा नदी के दोनों किनारों पर स्नान करने की सुविधा है. यहां तमाम नाविक आपको गंगा नदी के दूसरे किनारे पर ले जाकर स्नान करवा सकते है और दोनों किनारों के बीच एक शिवलिंग भी है आप जैसे ही घाट के पास पहुंचोगे तो आपको ये नाव वाले यही बोलेंगे की चलिए आपको शिवलिंग के दर्शन करा देंगे और इधर वाले घाट पर पत्थर बहुत ज्यादा है तो आप दूसरे किनारे पर स्नान करें.

Vindhyachal Temple

51 शक्तिपीठो में से एक शक्तिपीठ विंध्याचल मंदिर की माँ विंध्यवासिनी देवी की महिमा अपरम्पार है साल भर यहां श्रद्धालु माँ के दर्शन के लिए आते रहते हैं अत्यंत पवित्र स्थान है जब आप मंदिर जाओगें रास्ते में आपको मेला जैसा दिखाई देगा. आपको रेस्टोरेन्ट , प्रसाद की दुकानें , बच्चों के खिलोंने की दुकाने दैनिक इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं की दुकाने दिखाई पड़ती है. आप यहां से प्रसाद ले जिस दुकान से प्रसाद ले वही अपने चप्पल जूते रख सकते हैं. इसके बाद आप चलते चले जाये कुछ दूरी चलने के बाद आपको यह शक्तिपीठ दिखाई देता है आप सच्चे मन से माँ विंध्यवासिनी देवी का नाम लेकर लाइन में लग जाए यहां भीड़ होती है तो थोड़ा धैर्य रखें. पूर्वांचल भर में और पश्चिमी बिहार में जनेऊ परंपरा के लिए भी अधिकतर हिंदू इसी धाम में आते हैं.

Sita kund

सीता कुंड नामक स्थान एक छोटी से पहाड़ी पर है जहां भगवान राम , लक्ष्मण और सीता की मुर्तियां लगी हुई है. मान्यता है कि इसी स्थान पर माता सीता ने स्नान किया था. वैसे तो यह एक साधारण सा जल स्त्रोत है जो कभी सूखता नहीं है यही समीप में कई और मंदिर है जैसे हनुमान मंदिर , माँ दुर्गा मंदिर , सीता मंदिर इत्यादि.

मातृ नवमी के दिन सीता कुंड पर भारी संख्या में महिलाएं स्नान के लिए आती है और सौभाग्य सामग्री का दान देती है और अपने पितरों को जल अर्पण करती है. यहां जाने का सबसे अच्छा समय नवम्बर से लेकर अप्रैल तक का ही है क्योंकि बाकि दिनों में यहां बहुत गर्मी रहती है वैसे जाने को आप कभी भी जा सकते हो.

How to reach Vindhyachal

By Air – सबसे पास हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, बाबतपुर में, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, जो लगभग माही विंध्यवासिनी मंदिर, विंध्याचल से लगभग 72 किलोमीटर हैं.

By Train – निकटतम रेलवे स्टेशन ‘विंध्याचल’ (भारतीय रेलवे कोड-बीडीएल), मा विन्ध्यवासिनी मंदिर, विंध्याचल से लगभग एक किलोमीटर है. ‘विंध्याचल’ रेलवे स्टेशन बहुत व्यस्त दिल्ली-हावड़ा मार्ग और मुंबई-हावड़ा मार्ग पर स्थित है. हालांकि सभी नहीं, लेकिन ट्रेनों की उचित संख्या ‘विंध्याचल’ रेलवे स्टेशन पर ठहराव की है.

By Road – सड़क मार्ग से विंध्याचल तक पहुंचने के लिए सबसे सुविधाजनक तरीका है NH-2 (एनएच 2), लोकप्रिय दिल्ली कोलकाता रोड के रूप में जाना के माध्यम से है. NH-2 (एनएच 2) सड़क, जो संयोग से एशियाई Highway 1 का हिस्सा है पर, इलाहाबाद और वाराणसी के बीच दोनों स्थानों पर ले या तो गोपीगंज या औराई, पर. पवित्र गंगा नदी, शास्त्री ब्रिज के माध्यम से, पार करने राज्य के माध्यम से Highway 5 के बाद, आप आसानी से विंध्याचल तक पहुंच जाएगा.

Komal Mishra

मैं हूं कोमल... Travel Junoon पर हम अक्षरों से घुमक्कड़ी का रंग जमाते हैं... यानी घुमक्कड़ी अनलिमिटेड टाइप की... हम कुछ किस्से कहते हैं, थोड़ी कहानियां बताते हैं... Travel Junoon पर हमें पढ़िए भी और Facebook पेज-Youtube चैनल से जुड़िए भी... दोस्तों, फॉलो और सब्सक्राइब जरूर करें...

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