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Brahmatal Trek की पूरी जानकारी यहां लें, कब जाएं, कैसे पहुंचें

उत्तराखंड के चमोली ( Chamoli ) जिले में स्थित ब्रह्मताल ( Brahmatal ) अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. साहसिक प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए ये एक स्वर्ग की तरह है. ब्रह्मताल ट्रेक ( Brahmatal Trek ) आकर्षक और रोमांचकारी है, लोगों को काफी ज्यादा पसंद आती है. रिज के बीच में एकांत क्षेत्र में छिपी हुई झील, पेचीदा ट्रेकर्स के लिए एक आदर्श गंतव्य प्रदान करता है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने यहां पर ध्यान लगाया था. इस ट्रेक की असली सुंदरता बर्फ से ढंके हिमालय पर्वतमाला के आकर्षक दृश्य में बनती है. आप एक तरफ चौखम्बा, नीलकंठ, कामेत, हाथी और घोड़ा की राजसी सुंदरता को देख सकते हैं, जबकि दूसरी तरफ मृगथुनी, त्रिशूल, बेथरटोली हिमाल और नंदघट्टी को देखा जा सकता है.

इसके अलावा, अनंत लकीरें, राजसी चोटियों और बर्फ से बंधी झील की स्थापना, न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम सर्दियों की ट्रेक के लिए एकदम सही है. ब्रह्मताल ( Brahmatal ) में जाने का असली मजा तो सर्दियों में आता है दब बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा देखने को मिलता है और पूरा उत्तराखंड ही इस मौसम में बर्फ से घिरा होता है. हर दिशा में शक्तिशाली हिमालय के बीच एक जमी हुई झील दिखाई देती है जो कि एक ऐसा दृश्य है जिसे आप जीवन भर संजोते रहेंगे.

ब्रह्मताल ( Brahmatal ) जाने के लिए आपको पहले से ही कई तरह की तैयारी करनी होती है, जैसे कि अपने साथ पानी और खाना खुद का लेकर जाएं जरूरी नहीं कि ट्रेकिंग के वक्त आपको पानी और खाना मिल सकेगा. हो सकता है कि आपको अपनी ट्रेकिंग में कोई भी खाने के लिए जगह ना मिलें, वहीं इसके अलावा अपने साथ अपना खुद के कैंपिंग टेंट लेकर जाएं.

आप किसी भी मौसम में ब्रह्मताल ( Brahmatal ) की यात्रा कर रहे, इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपने अपने साथ गर्म कपड़े रखे हुए हैं. क्योंकि यहां पर गर्मियों में भी मौसम सर्द हो सकता है. अपनी ट्रेकिंग के लिए खुद के ट्रेकिंग गियर और सामान ले जाएं, हमेशा ही तैयार रहें. वहीं ट्रेकिंग पर जाते वक्त साथ में मेडिकल किट लेकर जाएं और अपनी रूटीन की दवाईयां भी साथ में रखें. साथ में ट्रेकिंग के लिए अपने आराम के हिसाब से जूते लेकर जाएं, जिससे आपको कम थकावट महसूस हो.

अगर आप मॉनसून के मौसम में भी जा रहे हैं तो थोड़ा संभल कर ट्रेकिंग करें क्योंकि बारिश के वक्त में लैंडस्लाइड का खतरा हो सकता है. वहीं साथ में बारिश से बचने वाले कपड़ों की बी पूरी तरह से व्यवस्था कर के चलें। इसके साथ ही ट्रेकिंग पर जाने से पहले आपको जरूरी परमिट की जरूरत होगी, वो भी पहले से ही लेकर जाएं। इसके अलावा हो सकता है कि आपको बिजली ना होने की समस्या का सामना करना पड़े तो उसका प्रबंध भी पहले से ही करके चले, ताकि आपका फोन, कैमरा चार्ज रह सके.

कोशिश करें कि अपने साथ एक गाइड को भी ट्रेकिंग पर लेकर जाएं, क्योंकि आप इलाके में नए होंगे तो भटकने की संभावना हो सकती है, लेकिन अगर आप एक अनुभवी गाइड को साथ में लेकर जाएंगे तो आपको बेहतर अनुभव होगा, और भटकने की परवाह नहीं रहेगी। जिससे आप ट्रेकिंग का पूरा मजा ले सकेंगे.

कब जाएं ट्रेकिंग पर ( Best time for Brahmatal Trek )

ब्रह्मताल ट्रेकिंग ( Brahmatal Trek ) करने के लिए 2 मौसम काफी अच्छे रहते हैं, एक तो अप्रैल और मई का वक्त क्योंकि इस वक्त यहां पर ज्यादा गर्मी नहीं होती है तो ऐसे में आपको प्राकृतिक सुंदरता अच्छे से नजर आएगी. तो वहीं दूसरा अगर आप अक्टूबर से दिसंबर के बीच में जाएंगे तो आपको बर्फ से ढके पहाड़ देखने को मिलेंगे जिनकी ट्रेकिंग करने से आपको अच्छा अनुभव मिलेगा.

कैसे पहुंचे ( How to Reach Brahmatal )
ब्रह्मताल ट्रेक ( Brahmatal Trek ) तक पहुंचने के लिए आप ट्रेन और सड़क दोनों तरीकों से जा सकते हैं. अगर आप ट्रेन से जा रहे हैं तो इसके लिए आपको सबसे पास काठगोदाम रेलवे स्टेशन पड़ेगा, जो कि आपकी ट्रेकिंग लोकेशन के बेस कैंप लौहाजंग से 8 से 10 घंटे की दूरी पर है. आप वहां तक बसों के माध्यम से पहुंच सकते हैं. वहीं अगर आप सड़क मार्ग से जा रहे हैं तो आपको बसों की अच्छी सर्विस मिल जाएगी, जो कि काठगोदाम, हलद्वानी से मिल जाएंगी.

ट्रेकिंग का रास्ता ( Brahmatal Journey)
बेस कैंप – लौहजंग
लौहाजंग से बेकलताल – 6.3 किलोमीटर
बेकलताल से खाबेखाल – 2.7 किलोमीटर
खाबेखाल से दलदम वाया ब्रह्मताल – 5 किलोमीटर

Taranjeet Sikka

एक लेखक, पत्रकार, वक्ता, कलाकार, जो चाहे बुला लें।

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