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Rajaji National Park, ऋषिकेशः क्या करें, कैसे जाएं? Tickets और Entries की जानकारी

राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) ऋषिकेश (Rishikesh) से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और 820.42 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। साल 1983 में बना ये पार्क मोतीचूर अभ्यारण, चिल्ला अभ्यारण्य और राजाजी अभ्यारण्य नाम के अभ्यारण्यों से मिलकर बना है। इस पार्क का नाम प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और राजनेता श्री राजगोपालाचारी के नाम पर रखा गया है। भारत के प्रमुख वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में गिने जाने वाला ये पार्क पक्षियों की 315 प्रजातियों का घर भी है। एशियाई हाथी, चीता, भालू, कोबरा, जंगली सुअर, सांभर, भारतीय खरगोश, जंगली बिल्ली और कक्कड़ जैसे जन्तु इस पार्क में मिलते हैं। चीता, सुस्त भालू, हिरण और भौंकने वाले हिरण भी इस पार्क में देखे जा सकते हैं। इस पार्क में गंगा नदी 24 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस पार्क में साल, पश्चिमी गंगा के नमी वाले जंगल, उत्तरी शुष्क पतझड़ वाले वन और खैर-शीशम के जंगल पाये जाते हैं। पर्यटकों के लिये ये पार्क हर साल 15 नवम्बर से 15 जून के बीच में खुला रहता है। पर्यटक अपने 34 किलोमीटर लम्बी जंगल सफारी के दौरान पहाड़ियों की सुन्दरता, घाटियों और नदियों के मनोरम दृश्यों का आनन्द ले सकते हैं।

राजाजी नेश्नल पार्क में जाने के लिए लोगों को शुल्क भी देना होता है। इसमें भारतीय नागरिकों को एंट्री फीस के रूप में प्रति व्यक्ति 750 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 1500 रुपये का शुल्क लगता है। वहां अगर आप जीप लेना चाहते हैं तो इसके लिए भी अलग से शुल्क देना होता है। जिसमें प्रति सफारी 1500 रुपये और प्रति व्यक्ति 150 रुपये होता है।

जंगल सफारी का ले सकते हैं मजा
पर्यटक अपने 34 किमी लम्बे जंगल सफारी के दौरान पहाड़ियों की सुन्दरता, घाटियों और नदियों के मनोरम दृश्य का आनन्द ले सकते हैं। पर्यटक जंगल सफारी का आनन्द दिन में दो बार ले सकते हैं। एक तो सुबह 6 बजे से 9 बजे तक और वहीं दूसरा वक्त शाम 3 बजे से शाम 6 बजे तक। नेशनल पार्क में जीप सफारी का लुत्फ उठाने के लिए आपको 1500 रुपये खर्च करने होंगे। अगर आप पशु पक्षियों को देखना चाहते हैं। तो इसके लिए शाम का समय सबसे बेहतर रहता है। हर सफारी फोरेस्ट ऑफिस के द्वारा बुक की जाती है। जो कि आपको पहले ही परमिशन लेनी होती है।

इन सबके अलावा आप राजाजी पार्क में रह भी सकते हैं। यहां पर दिन और रात में रुकने की भी व्यवस्था है। इसके लिए आपको पहले से बुकिंग करवानी होती है। नेश्नल पार्क के गेट पर ही आपको इसके अंदर जाने और जिप्सी लेने के लिए पर्मिट मिल जाता है। वहीं राजाजी नेश्नल पार्क के फोरेस्ट रेस्ट हाउस अशारोडी, मोतीचूर, चिल्ला, रानीपुर और बेरी बड़ा में उपलब्ध है। इसके लिए आपको पार्क डायरेक्टर के ऑफिस से पर्मिट लेना होता है।

कैसे आयें
राजाजी नेश्नल पार्क आने के लिए अगर आप हवाई जहाज द्वारा यात्रा करते हैं, तो नजदीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है जो कि यहां से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पर्यटक एयरपोर्ट से बस या टैक्सी के द्वारा आसानी से नेशनल पार्क पहुंच सकते हैं। वहीं ट्रेन द्वारा यात्रा करने वाले लोगों को राजाजी नेशनल पार्क का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार पड़ता है जोकि यहां से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं इसके अलावा दूसरा नजदीकी स्टेशन देहरादून स्टेशन है जो कि नेशनल पार्क से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। दोनों ही स्टेशन से पर्यटक आसानी से टैक्सी या बस द्वारा पहुंच सकते हैं। इसके अलावा पर्यटक यहां पर सड़क द्वारा भी आ सकते हैं।

Taranjeet Sikka

एक लेखक, पत्रकार, वक्ता, कलाकार, जो चाहे बुला लें।

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