Honeymoon TourInteresting Travel FactsTeerth YatraTravel BlogTravel HistoryTravel Tips and TricksVillage Tour

जोधपुर ट्रिप में Mandore Garden को करें शामिल, गार्डन को देखकर दिल हो जाएगा खुश

Mandore Garden- सालों से जोधपुर राजपुताना वैभव का केन्द्र रहा है. जिसके प्रमाण आज भी जोधपुर शहर से लगे अनेक स्थानों पर प्राचीन इमारतों के रूप में मिल जाते हैं. जोधपुर से 9 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐतिहासिक स्थान मौजूद है. जिसको मंडोर गार्डन के नाम से पुकारा जाता है. इसी के नाम पर एक ट्रैन का नाम भी रखा गया है-मंडोर एक्सप्रेस जोकि दिल्ली से जोधपुर के लिए चलती है. यह ट्रैन शाम को पुरानी दिल्ली से चलती है और सुबह सात बजे जोधपुर पहुंचा देती है.

मंडोर का ऐतिहासिक महत्व तो है ही, यहां बना विशाल गार्डन शहरवासियों को पिकनिक मनाने के लिए मानो इनवाइट करता है. कुछ साल पहले पिकनिक मनाने के लिए मंडोर गार्डन पहली पसंद हुआ करती है. एक ओर देवताओं की साल और म्यूजियम दर्शनीय है तो दूसरी ओर झील और फव्वारों का नजारा, यह गार्डन कितना पुराना है, यह तो ठीक से नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना अवश्य है कि राजा मालदेव के समय भी यह उद्यान मौजूद था.

मण्डोर का प्राचीन नाम ‘माण्डवपुर’ था. जोधपुर से पहले मंडोर ही जोधपुर रियासत की राजधानी हुआ करता था.राव जोधा ने मंडोर को असुरक्षित मानकर सुरक्षा के लिहाज से चिड़िया कूट पर्वत पर मेहरानगढ़ फोर्ट का निर्माण कर अपने नाम से जोधपुर को बसाया था तथा इसे मारवाड़ की राजधानी बनाया. वर्तमान में मंडोर दुर्ग के भग्नावशेष ही बाकी हैं, जो बौद्ध स्थापत्य शैली के आधार पर बने हैं. इस दुर्ग में बड़े-बड़े प्रस्तरों को बिना किसी मसाले की सहायता से जोड़ा गया था.

जोधपुर नरेश मालदेव का विवाह जैसलमेर की राजकुमारी से हुआ था. एक बार मालदेव क्रोध में जैसलमेर के बड़ा बाग के बहुत से पेड़ काट आया. इसका बदला लेने के लिए जैसलमेर नरेश लूणकरण ने पूगल जैसिंह को मंडोर भेजा. वह जोधपुर आया और तीन दिन मंडोर गार्डन में रुक कर हर पेड़ के नीचे एक-एक कुल्हाड़ी रख गया. यहां पर नागादड़ी झील है. इसका निर्माण मंडोर के नागवंशियों ने कराया था. गार्डन में देवताओं की साल के पास ही विशाल चट्टान पर काले-गोरे भैंरू और विनायक की मूर्तियां उत्कीर्ण की गई हैं. ये अजीत सिंह  के समय की हैं. मंडोर में सदियों से होली के दूसरे दिन राव का मेला लगता है.

मंडोर म्यूजियम में हैं इतिहास की झलक

यहां ओसियां से मिले 10वीं शताब्दी के एक शिखर का अग्रभाग भी डिस्प्ले किया गया है. इसके बीच में शेषशायी विष्णु अंकित हैं और ऊपर रथ पर सूर्य प्रतिमा अंकित है. 12वीं शताब्दी की किराडू से प्राप्त ब्रह्मा, कुबेर, युद्धरत स्त्री एवं विभिन्न नृत्य मुद्राओं में स्त्री आकृतियां भी दर्शनीय हैं. म्यूजियम में जोधपुर, कुसुमा (सिरोही), नागौर और मंडोर से प्राप्त ऐतिहासिक एवं धर्मिक शिलालेख भी हैं.

जयपुर के ट्रिप में अगर आप बिड़ला मंदिर नहीं गए, तो टूर रह जाएगा अधूरा

सन् 1681 का फारसी भाषा में अंकित एक शिलालेख है। प्राचीन प्रतिमाओं, शिलालेखों के साथ खुदाई से मिली सामग्री भी प्रदर्शित की गई है, जो कालीबंगा, रंगमहल और भीनमाल की खुदाई में उपलब्ध हुई है. चित्रकक्ष में मंडोर के शासकों तथा राठौड़ वीर दुर्गादास की प्रभावशाली आदमकद चित्र कृतियां प्रदर्शित हैं. मारवाड़ के राजाओं की वंशावली, महाराजा गजसिंह द्वारा अहमदनगर के युद्ध का ऐतिहासिक दृश्य, अप्पाजी सिंधिया की खुखरी द्वारा हत्या और महाराजा जसवंतसिंह की विधवा रानियों का अटक नदी से पार होना और मुगल सेना द्वारा घेराव जैसे प्रसंगों के चित्र भी प्रदर्शित हैं.

Fort Khejarla – एक शानदार विरासत जो अब एक होटल बन चुकी है

मंडोर गार्डन एक विशाल गार्डन है. जिसे सुंदरता प्रदान करने के लिए कृत्रिम नहरों से सजाया गया है. जिसमें ‘अजीत पोल’, ‘देवताओं की साल’ व ‘वीरों का दालान’, मंदिर, बावड़ी, ‘जनाना महल’, ‘एक थम्बा महल’, नहर, झील व जोधपुर के विभिन्न महाराजाओं के समाधि स्मारक बने है. लाल पत्थर की बनी यह विशाल इमारतें स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने हैं. इस गार्डन में देशी-विदेशी पर्यटको की भीड़ लगी रहती है. यह गार्डन पर्यटकों के लिए सुबह आठ से शाम आठ बजे तक खुला रहता है.

जोधपुर में स्थित है Jaswant Thada, जिसे मारवाड़ का ताजमहल कहा जाता है

जोधपुर और आसपास के स्थान घूमने का सबसे अच्छा साधन है यहां चलने वाले टेम्पो. आप खाने पीने का सामान गार्डन के गेट से खरीद कर अंदर ले जा सकते हैं.  यहां पर बड़े-बड़े लंगूर रहते हैं जोकि खाना छीन कर भाग जाते हैं.

Komal Mishra

मैं हूं कोमल... Travel Junoon पर हम अक्षरों से घुमक्कड़ी का रंग जमाते हैं... यानी घुमक्कड़ी अनलिमिटेड टाइप की... हम कुछ किस्से कहते हैं, थोड़ी कहानियां बताते हैं... Travel Junoon पर हमें पढ़िए भी और Facebook पेज-Youtube चैनल से जुड़िए भी... दोस्तों, फॉलो और सब्सक्राइब जरूर करें...

error: Content is protected !!