Friday, March 29, 2024
Travel History

Pataudi Palace: सैफ अली खान के महल का कनॉट प्लेस से क्या है रिश्ता?

Pataudi palace, pataudi palace history, pataudi palace history in hindi, pataudi palace kareena kapoor, pataudi palace wedding, pataudi palace saif ali khan house

भारत में कई रियासतें हुई है। कई राजा रजवाड़े हमारे देश में रहे हैं हालांकि आज वो नहीं हैं लेकिन उनकी छोड़ी रियासतें आज भी है। ये रियासतें आज भी अपने खानदान की विरासतों को समेटे हुए हैं। बेशक आप उस वक्त में नहीं थे लेकिन अगर आप उस वक्त को आज जीना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि कैसे रहते थे पुराने राजा तो आप किसी भी छुट्टी में जा सकते हैं और उनके शाही अंदाज को समझ सकते हैँ। हर शहर में किसी ना किसी का राज रहा है और उससे जुड़े निशान भी है नहीं तो कुछ देर की ड्राइव से आप वहां पर जा सकते हैं। तो चलिए फिर आज ट्रेवल जुनून के साथ एक ऐसी ही विरासत को खंगालते हैं।

जब एक किसान का बेटा पहली बार हवाई जहाज (Aeroplane) में बैठा

इस बार हम आपको ले कर जा रहे हैं दिल्ली से जुड़े हुए हरियाणा शहर में, जहां पर पटौदी गांव हैं। यहां पर आपको पटौदी पैलेस के बारे में बताएंगे और पटौदी खानदान के शाही अंदाज से भी रूबरू कराएंगे। दिल्ली से सटे गुरुग्राम से महज 26 किलोमीटर की दूरी पर पटौदी में बना हुआ ये सफेद रंग का महल नवाब पटौदी परिवार की निशानी है। ये वहीं घराना है जिससे हमारे बॉलीवुड के नवाब यानी की सैफ अली खान आते हैं। इस महल को साल 1935 में नवाब इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दकी ने बनवाया था। आपको बता दें कि नवाब इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दकी भारत के मशहूर क्रिकेटर और कैप्टन रहे हैं और नवाब मंसूर अली उर्फ नवाब पटौदी उर्फ टाइगर पटौदी के पिता थे।

पटौदी रियासत का इतिहास

नवाब अली खान के वंशज साल 1408 में अफ्गानिस्तान से भारत आए थे। सलामत खान सबसे पहले वंशज थे और उनके पोते अल्फ खान ने मुगलों का कई लड़ाईयों में साथ भी दिया था। जिस कारण अल्फ खान को राजस्थान और दिल्ली में तोहफे के रूप में जमीनें मिलीं। साल 1804 में पटौदी रियासत की स्थापना की गई थी।

कम खर्चे, कम समय में ये हैं Best Weekend Destinations

क्नॉट प्लेट से है गहरा रिश्ता

इस सफेद रंग महल का आर्किटेक्चर काफी दिलचस्प है यहां पर घूमते हुए आपको दिल्ली के कनॉट प्लेस की झलक दिखेगी। आप शायद इस बात को नहीं जानते होंगे कि कनॉट प्लेस ऊर्फ सीपी में और इस महल में एक गहरा रिश्ता है। दरअसल इस महल को उसी ब्रिटिश आर्किटेक्ट ने बनाया था जिसने कनॉट प्लेस का नक़्शा बनाया था। जी हां सीपी का डिजाइन बनाने वाले रोबर्ट टोर रसेल ने ही इसे भी बनाया था। यहां के पुराने लोगों का मानना था कि नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी को कनॉट प्लेस का डिजाइन काफी ज्यादा पसंद था इसलिए उन्होंने तय किया कि वो अपने महल को भी रोबर्ट टोर रसेल से ही तैयार करवाएंगे।

कैसे पहुंचे ?

दिल्ली से सिर्फ 61 किलोमीटर दूर बना ये पटौदी पैलेस अगर आप जाना चाहते हैं तो इसके लिए बड़े आराम से NH 48 का इस्तेमाल कर 2 घंटों में वहां पर पहुंच सकते हैं।

दिल्ली के पास कीजिए जमकर घुमक्कड़ी, 2 हजार रुपये में ये हैं Best Spots…

कई फिल्मों की हो चुकी शूटिंग

पटौदी पैलेस इतना आलिशान है कि इसमें कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है, जिसमें मंगल पांडे, वीर-जारा, रंग दे बसंती जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल है।

महल में ही है नवाब पटौदी की कब्रगाह

मंसूर अली खान उर्फ नवाब पटौदी की मौत के बाद उन्हें इसी महल में ही बने कब्रगाह में दफनाया गया थी। यहीं पर उनके पास दादा-दादी और पिता की भी कब्र है।

FREE में घूम सकते हैं GOA, ये हैं काम की TRICKS

महल की खूबसूरती

इस बड़े से महल में 150 कमरे हैं और ये हर तरफ से बड़े बगीचे से घिरा हुआ है। ये महल किसी जमाने में नवाब खानदान का निवास हुआ करता था। ये खानदान बहुत ज्यादा एडवांस था इस बात का अंदाजा कमरों के नाम अंग्रेजी स्टाइल में रखे होने से लगाया जा सकता है। इस महल के पीछे एक पूल भी बना हुआ है। जहां पर बैठ मजे से एक शाम गुजारी जा सकती है। वहीं महल के गार्डन में खूबसूरत फुव्वारा भी है। महल के बगीचे में कई बार मोर भी नाचते हैं।

9वें नवाब मंसूर अली पटौदी की मौत के बाद सैफ अली खान को यहां का नवाब बनाया गया था। अब फिलहाल इस महल की देखभाल और डिजाइनिंग का काम सैफ अली खान की पत्नी करीना करती है। उन्होंने ही इसका पूरा जिम्मा लिया हुआ है। इस महल के अंदर अब एक भव्य ड्राइंग रूम है, इसके अलावा 7 बेडरूम, ड्रेसिंग रूम और बिलियर्ड रूम भी है। इस महल का डिजाइन बिल्कुल शाही अंदाज में तैयार किया गया है। कई बार ये मॉडर्न तरीकों से रेनोवेट हुआ हैं और अभी साल 2014 में इसे सैफ ने भी मोडिफाई करवाया था।

हिमाचल के मनाली (Manali) में कहां करें मुफ्त की घुमक्कड़ी?

Taranjeet Sikka

एक लेखक, पत्रकार, वक्ता, कलाकार, जो चाहे बुला लें।

error: Content is protected !!