Friday, March 29, 2024
Travel News

Baba ka Dhaba – बाबा ने सुनाई अपनी Love Story, फिर छा गए

baba ka dhaba-दिल्ली के मालवीय नगर में रहने वाले एक बुजुर्ग कपल के वायरल वीडियो ने उनके चेहरे पर मुस्कान ला दी है. वीडियो में बुजुर्ग कपल की दर्दनाक कहानी थी, जिनका ढाबा लॉकडाउन के कारण ठप पड़ा था और वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. मगर वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद ही जिंदगी से निराश कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है. दिल्लीवासियों ने बुजुर्ग कपल की मदद के लिए 2 लाख से ज्यादा की डोनेशन दी है. इसके साथ ही बुजुर्ग कपल का ढाबा भी चल पड़ा है

दरअसल, मालवीय नगर में ‘बाबा का ढाबा’ चलाने वाले बुजुर्ग का नाम कांता प्रसाद है और पत्नी का नाम बादामी देवी है. ये दोनों कई सालों से मालवीय नगर में अपनी छोटी सी दुकान लगाते हैं. दोनों की उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है. कांता प्रसाद बताते हैं कि उनके दो बेटे और एक बेटी है. लेकिन तीनों में से कोई उनकी मदद नहीं करता है. एक शख्स ने जब उनकी तकलीफ का वीडियो लोगों के सामने रखा तो उनके जीवन में कुछ ही पल में खुशहाली लौट आई. आलम यह है कि गुमनाम जिंदगी जीने वाले बुजुर्ग कपल की जिंदगी से जुड़ी आज हर छोटी बड़ी घटना को लोग जानना चाहते है. बता दें कि बुजुर्ग कपल की जिंदगी बेहद दिलचस्प है. दोनोंं के जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखा है.

Baba ka Dhaba : पोस्टर-बैनर से ढका ढाबा, बस नहीं दिख रहे बाबा

कांता प्रसाद बताते हैं, जब उनकी शादी हुई तो वह 5 साल के थे और उनकी पत्नी बादामी देवी मात्र 3 साल की थीं. उस दौर में अंग्रेज गैर शादीशुदा महिलाओं का उत्पीड़न करते थे, इसलिए शादियां जल्दी करा दी जाती थीं. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कोई विकल्प नहीं था, मुझे इसे पसंद करना था और उसे भी मुझसे लगाव रखना था. यह एक ‘मोहर’ जैसा था, हम पर सिर्फ 5 साल की उम्र में एक साथ रहने का स्टाम्प लग गया था. 1961 में उसके परिवार वालों ने उसे मुझे सौंप दिया, मैं बहुत खुश था और उसे घर लेकर आया. हम 21 साल की उम्र में बेहतर अवसरों की आशा में उत्तर प्रदेश से दिल्ली आए.’

Chardham Yatra -केदारनाथ जाना हुआ आसान, 17 साल में पहली बार हेलीकॉप्टर का किराया हुआ कम

The dream of years fulfilled a day ago

कांता प्रसाद कहते हैं कि मैं 21 साल की उम्र में इस बात के सपने देखा करता था और बीते दिन मैंने अपने सपने को सच होते देखा. ईश्वर हमारी सुनता है, आज नहीं तो शायद 30, 40, 50 या मेरी तरह 80 साल की उम्र में. एक न एक दिन हमारा सपना सच होता ही है, मैं अब और जीना चाहता हूं. अपनी पत्नी को भी यूं ही मुस्कुराते देखना चाहता हूं. उसे बहुत जल्दी समझ आ गया कि कैमरे के सामने कैसे मुस्कुराना है, लेकिन मुझे समय लगा. अब हम अपनी दुकान पर जाना चाहते हैं, अमीरों की तरह दुकान पर किसी काम करने वाले को रखना चाहते हैं. फिर मैं अपनी पत्नी को पुराने दिनों की तरह चाय पिलाने के लिए लेकर जाऊंगा, यह सब देखकर ऐसा लगता है जैसे बस शुरुआत है.

Delhi के 10 जगहों पर मिलते हैं सबसे बेस्ट Food

Start of fruit cart

दिल्ली की अपनी जिंदगी के बारे में वह बताते हैं, ‘हम यमुना किनारे रहा करते थे. फिर समय बीता और यहां आ गए. मैंने फल के ठेले से शुरुआत की थी. लेकिन जब बच्चे बड़े हुए तब मैंने कुछ बेहतर करने का सोचा और हमने ‘बाबा का ढाबा’ शुरू किया. हमारी शुरुआत बहुत धीमी हुई थी, हम बस ज़रूरत पूरी करने भर की कमाई कर पाते थे और यह सिलसिला लगभग 30 सालों तक चला. जब मैंने लोगों, नेताओं, अभिनेताओं और मशहूर लोगों की भीड़ देखी तब मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था.

Came to Delhi from Azamgarh in 1961

कांता प्रसाद ने कहा कि जब बेटी पैदा हुई, तब हम आजमगढ़ से दिल्ली आ गए. शुरुआत में सब्जियां बेची और परिवार को पाला. हमने साल 1990 में ‘बाबा का ढाबा’ शुरू किया. बदामी सब्जियां काटती और मैं बनाता हूं.

Komal Mishra

मैं हूं कोमल... Travel Junoon पर हम अक्षरों से घुमक्कड़ी का रंग जमाते हैं... यानी घुमक्कड़ी अनलिमिटेड टाइप की... हम कुछ किस्से कहते हैं, थोड़ी कहानियां बताते हैं... Travel Junoon पर हमें पढ़िए भी और Facebook पेज-Youtube चैनल से जुड़िए भी... दोस्तों, फॉलो और सब्सक्राइब जरूर करें...

error: Content is protected !!