Thursday, March 28, 2024
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Panchur: चलिए, Uttar Pradesh के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गांव की सैर पर

Panchur… इस गांव का नाम मैंने तभी सुना जब मैंने इंटरनेट पर योगी आदित्यनाथ विलेज ( Yogi Adityanath Village ) करके कीवर्ड को सर्च किया. इससे पहले, मैंने कभी भी पंचूर ( Panchur ) के बारे में नहीं सुना था. जब आप किसी नाम को पहली बार पढ़ते हैं, सुनते हैं, तो वह आपके लिए एक नया शब्द ही नहीं होता, बल्कि एक ऐसा संसार होता है, जिसे जानने समझने को आप और ज्यादा आतुर रहते हैं, ऐसा ही हुआ मेरे साथ.. आइए इस गांव के सफर पर चलते हैं और जानते हैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव के बारे में.

पंचूर का मेरा सफर शुरू हुआ दिल्ली में. यूं कहें कि दिल्ली में कश्मीरी गेट बस अड्डे ( Kashmere Gate Bus Stand ) से. सुबह 11 बजे हरिद्वार की बस ली. 3 बजे के आसपास हरिद्वार पहुंचे. वहां पर चाय पी और फिर चल दिए रानी पोखरी के रास्ते की ओर.

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यहां Himalayan Institute of Medical Sciences के सामने एक होटल में कमरा बुक किया. रात में यही स्टे किया. मुझे इस सफर से पहले नहीं पता था कि Himalayan Institute of Medical Sciences क्या है. रात को यूनिवर्सिटी के गेट तक वॉक करते हुए गए. बहुत बड़ा कैंपस है इसका और कई फील्ड में पढ़ाई भी होती है यहां.

जॉली ग्रांट ( Jolly Grant International Airport – Dehradun ) के नजदीक ठहरने की बड़ी वजह यह थी कि पास में मुन्ना भाई जॉब करते हैं. मुन्ना भाई, हमारे साथ गए विपिन भाई के दोस्त हैं. मुन्ना भाई के पास कार है और अगली सुबह हम उनकी ऑल्टो की सवारी करते हुए ही योगी जी के गांव तक जाने वाले थे.

पंचूर कहां स्थित है || Panchur Location

पंचूर, पौड़ी में यमकेश्वर ब्लॉक ( Yamkeshwar Block Uttarakhand ) में स्थित है. ऋषिकेश से नीलकंठ मंदिर ( Neelkanth Mandir ) जाते हुए एक रास्ता यमकेश्वर के लिए कटता है. इसी रास्ते पर आगे जाकर पंचूर गांव है.

कैसे पहुंचें पंचूर || How to Reach Panchur

पंचूर गांव पहुंचने के लिए आपको निजी वाहन की सवारी ही करनी पड़ेगी. चाहे स्कूटी, या कार आपको अपने भरोसे ही वहां पहुंचना होगा. वैसे आप वाहन बुक भी कर सकते हैं. हमें इस पूरे रास्ते में कहीं भी शेयरिंग वाली गाड़ी नहीं दिखी.

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पंचूर तक का सफर || My journey to Panchur

जॉली ग्रांट से अगली सुबह हम चल दिए पंचूर की ओर. खाली पेट… सिर्फ चाय पीकर… ऋषिकेश से आगे बढ़े तो आया नलतुरा गांव ( Naltura Village ). नलतुरा गांव में ही हमने चाय भी पी और मैगी भी खाई. इस रूट पर कोई रिसॉर्ट और झरना नहीं है, तो भीड़ भी नहीं होती है. हमें और क्या चाहिए था.

नलतुरा ( Naltura Village ) में जिस शॉप पर हमने ब्रेकफास्ट किया, उसी के ओनर ने हमें पूरा रास्ता बता दिया. बिथ्याणी, महंत अवैद्यनाथ इंटर कॉलेज सबकी जानकारी दे दी भाई साहब ने, वह भी कागज पर रूट का नक्शा बनाकर. हमें तो लगा कि 15 से 20 मिनट में बिथ्याणी पहुंच जाएंगे लेकिन बात अभी आगे की थी. हमें डेढ़ घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा.

योगी के गांव में कैसा माहौल है || Yogi Adityanath Village Blog

पंचूर गांव अलग अलग हिस्सों में फैला हुआ है. हालांकि, एक रास्ता जो योगी आदित्यनाथ के घर ( Yogi Adityanath Village House ) तक जाता है, वहां उनके कुनबे के परिवारों के घर एक साथ बने हुए हैं. हां, हमें घर में जाने और लोगों से मिलने की इजाजत तो नहीं मिली लेकिन आगे हमें बहुत कुछ मिला, जिसने सफर को शानदार बना दिया.

हम पंचूर से वापस लौटे तो ठांगर आए. ठांगर ( Thangar Village ) हम पहले भी गए थे, योगी के घर का रास्ता पूछते पूछते. ठांगर, पंचूर गांव के बराबर में ही है. ये गांव मुख्य सड़क पर ही स्थित है. यहां हमें जो कमाल की बात पता चली. योगी आदित्यनाथ ने प्राइमरी और 6ठी, 7वीं, 8वीं की पढ़ाई ठांगर से ही की है. तब उनका नाम अजय सिंह बिष्ट ( Ajay Singh Bisht ) था.

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प्राइमरी स्कूल तो अभी भी है लेकिन 6ठी से 8वीं वाला स्कूल तोड़ दिया गया है. वह स्कूल जर्जर हो चुका था इसलिए ठांगर गांव के प्रधान ने उसे हटवा दिया. प्रधान का नाम महावीर सिंह है. इस पूरे इलाके में बिष्ट लोगों की ही आबादी ज्यादा है. यहां सभी लोग योगी का नाम लेकर गर्व से भर जा रहे थे. चेहरे पर एक अलग ही खुशी साफ दिखाई दे रही थी.

ठांगर के बाद हमने प्राथमिक विद्यालय का भी दौरा किया. यहीं से योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्राइमरी की पढ़ाई की है. यहां हम बच्चों से मिले, टीचर से बात की. आप पूरा वीडियो हमारे चैनल पर देख सकते हैं. हमने उसे यहां आर्टिकल में एंबेड भी कर दिया है.

यमकेश्वर मंदिर के दर्शन || Yamkeshwar Mandir ke Darshan

गांव के सफर के बाद हम चल दिए यमकेश्वर मंदिर की ओर. इस मंदिर के नाम पर ब्लॉक को भी नाम दिया गया है. ठांगर और पंचूर, यमकेश्वर ब्लॉक में ही स्थित है. यमकेश्वर मंदिर में हमने जाना कि जिस महामृत्युंजय मंत्र ( Mahāmrityunjaya Mantra ) की हम महत्ता को सुनते आए हैं, उसकी जड़ यहीं पर मौजूद है. शिव ने यहीं पर एक बालक की अकाल मृत्यु को टाल दिया था और यमराज को आदेश दिया था कि जहां मेरी पूजा हो, वहां तुम्हें आने से बचना चाहिए.

मंदिर में अच्छे से दर्शन हुए और यहीं पर हमें योगी आदित्यनाथ की बहन के गांव के एक शख्स मिले. इन शख्स से भी लंबी बात हुई.

स्कूली बच्चों से दिलचस्प मुलाकात || Meeting with School Kids

यमकेश्वर मंदिर से लौटते वक्त हमें स्कूली बच्चों ने घेर लिया. ये सभी अपने घर जाने के लिए गाड़ी में बैठना चाह रहे थे. बच्चों के लिए ये रोज का काम था. वे किसी न किसी से लिफ्ट मांगते थे. लेकिन जब उन्हें पता चला कि ऑल्टो में तो जगह ही नहीं है, तो रुक गए. हम जैसे ही आगे बढ़े, वे फिर से हमारी ओर दौड़ पड़े.

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एक लड़की और उसके दो भाइयों को हम जगह दे पाए. उन्होंने बाकी साथियों के बैग रख लिए. ऊपर कुछ दूरी पर एक जगह उन्होंने बाकी बच्चों के बैग रख दिए. हमने पूछा तो कहा कि बैग उठाकर आने में ज्यादा मुश्किल होती है. अब वे आसानी से यहां तक आ जाएंगे. मैंने सोचा, वाह सच्ची दोस्ती तो इसे ही कहते हैं.

बच्चों का भी घर आया. बिथ्याणी में इनका घर था. बच्चों ने घर चलकर चाय पीने की जिद की… लेकिन ढलता सूरज हमें जल्द से जल्द ऋषिकेश पहुंचने के लिए कह रहा था. हमें वहां से बस भी लेनी थी. हमने उन्हें बाय कहा और चल दिए ऋषिकेश की ओर.

पटना वाटरफॉल || Patna Waterfalls

ऋषिकेश में एक नगीने जैसा है पटना वाटरफॉल. यहां आपको कुछ छोटी छोटी गुफाएं भी मिलती हैं. झरने से उड़ता पानी आपको एक अलग ही दुनिया में लेकर जाता है. कमाल का ट्रैक है ये. हमने मजे से इस सफर को भी पूरा कर लिया.

इस एक दिन के सफर में हमने बहुत कुछ समेटा. पंचूर और ठांगर की Yatra, यमकेश्वर मंदिर के दर्शन और पटना वाटरफॉल के मजे. कमाल की ट्रिप बन गई थी ये. इस पूरे किस्से को आप वीडियो में भी जरूर देखिएगा. मिलते हैं अगली बार एक नए ब्लॉग में, अपना ध्यान रखिएगा… धन्यवाद

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