उत्तरकाशी में रैट होल माइनिंग की मदद से 41 मजदूर को बचा लिया गया.
उन्हें 17 दिन बाद सुरंग से निकाला गया.
आइए जानते हैं रैट होल माइनिंग क्या है.
जिसकी वजह से मजदूर बचाए गए.
रैट होल माइनर्स को संकीर्ण सुरंग बनाने के लिए तैयार किया जाता है.
रैट-होल माइनिंग बहुत छोटे गड्ढे खोदकर,जो 4 फीट से अधिक चौड़े नहीं होती है.
यह कोयला निकालने की एक विधि है एक बार जब खनिक कोयले की सीमा तक पहुंच जाते हैं...
तो कोयला निकालने के लिए बगल में सुरंगें बनाई जाती हैं.
यह माइनर्स हॉरिजॉन्टल सुरंगों में सैकड़ों फीट तक आसानी से नीचे चले जाते हैं.
इनका काम मेघालय जैसे इलाकों में कोयला निकालने के लिए किया जाता है.
साल 2014 NGT ने इस विधि पर प्रतिबंध लगा दिया था.