Dharchula History Dharchula Information Dharchula Weather
Dharchula Travel Guide : आज आपको लेकर चलेंगे हिमालय की उन वादियों में जहां पर बसा है एक खूबसूरत शहर Dharchula . ये शहर अपनी प्राकृतिक छटा से आपका मन मोह लेगा। आज भी यहां के लोग संस्कृति और परंपरा को संजोये हुए है। यहां पर आपको दो देशों के बीच दोस्ताना रिश्तों की अनोखी झलक भी देखने को मिलेगी। और यकिन मानिए अगर आप कोरोना काल के बाद Dharchula के दीदार का मन बनाते है तो आप यहां आकर निराश नहीं होंगे।
कहां है धारचूला ? ( Dharchula Location ) : धारचूला ( Dharchula ) उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक छोटा सा शहर और एक नगर पंचायत है। यह शहर पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर की दूरी पर है । धारचूला समुद्र तल से 915 मीटर की ऊंचाई पर हैं और हिमालयी चोटियों से घिरा हुआ है। मध्यकालीन काल से धारचूला ट्रांस-हिमालयी व्यापार मार्गों के लिए एक प्रमुख व्यापार का केंद्र था। धारचूला के पश्चिम में स्थित बर्फबारी पंचचुली शिखर जौहर घाटी से अलग है। पहाड़ी स्टेशन का नाम ‘धार’ और ‘चूला’ से मिलता है, धार का मतलब है चोटी और चुला का मतलब हिंदी में स्टोव है। यह नाम धराचूला ( Dharchula ) को दिया गया था क्योंकि यह स्टोव जैसा दिखता है। इसी कारण इस शहर को धारचूला कहते हैं।
धारचूला का इतिहास ( History of Dharchula ) : पिथौरागढ़ का इतिहास, धारचूला कात्युरी वंश से जुड़ा हुआ है। धारचूला ट्रांस-हिमालयी व्यापार मार्गों पर एक प्राचीन व्यापारिक शहर था। धारचूला के निवासियों के लिए आय का एकमात्र स्रोत था। कार्पेट जैसे स्थानीय हस्तशिल्प जिन्हें ‘दान’ के रूप में जाना जाता है, वो तिब्बतियों के साथ भोजन और कपड़ों का व्यापार करते थे। लेकिन, 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद, तिब्बतियों के साथ सभी व्यापार बंद हो गए, और इसके बाद यहां के लोगों ने खेती, छोटे व्यवसाय से जुड़ गए। बाद में जाकर सरकारी हस्तक्षेप के साथ, शहर में अच्छी पर्यटन Facilities developed हुई
जब आप यहां आएंगे तो आपको धारचूला को पास से जानने का मौका मिलेगा। आइए जानते है धारचूला में घूमने के लिए क्या- क्या है ?
काली नदी: काली नदी, कालापानी के ग्रेटर हिमालय से निकलती हैं। काली नदी समुद्रतल से लगभग 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। ये नदी नेपाल और भारत का बॉर्डर भी है। यह नदी भारत के दो राज्यों उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की सीमा पर भी बहती हैं, उत्तरप्रदेश में इस नदी का नाम शारदा नदी हैं काली नदी जौलजेबी में गौरी गंगा नदी से मिलने के बाद गंगा नदी में समा जाती है। इसके अलावा पर्यटक यहां काली नदी में राफ्टिंग का मजा भी ले सकते हैं।
चिरकिला डैम: ये डैम धारचूला से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। ये डैम काली नदी पर ही बनाया गया है, जो 1500 किलोवॉट बिजली उत्पन्न करता है। पर्यटक यहां आकर एक खूबसूरत झील भी देख सकते हैं, जो बांध से जुड़ी हुई है। यह स्थल, पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है।
ओम पर्वत: ओम पर्वत को आदि कैलाश, बाबा कैलाश, छोटा कैलाश के नामों से भी जाना जाता है। इस पर्वत पर बर्फ से ओम की आकृति बनी हुई है। ओम पर्वत के पास में ही पार्वती झील और जोन्गलिन्गकोन्ग झील है। ये तिब्बत के कैलाश पर्वत से मिलता-जुलता है।
नारायण आश्रम : नारायण आश्रम पिथौरागढ़ शहर से 116 किलीमीटर की दूरी पर स्थित हैं । इस आश्रम को स्थानीय तौर पर ‘बंगबा’ या ‘चौदास’ भी कहा जाता है । इस आश्रम को 1936 में एक साधू और सामाजिक कार्यकर्ता नारायण स्वामी ने स्थापित किया था
एस्कॉर्ट कस्तूरी मृग अभयारण्य: प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह स्वर्ग है। एस्कॉर्ट कस्तूरी मृग अभयारण्य पिथौरागढ़ से 54 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां पर कस्तूरी हिरण को करीब से देखने का मौका मिलेगा। इस अभयारण्य की स्थापना 1986 में हुई थी।
Dharchula कब जाएं?: वैसे तो आप यहां पर कभी भी घूमने के लिए आ सकते हैं। लेकिन बेस्ट टाइम मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर के बीच का है। यहां पर गर्मियों में ना तो ज्यादा गर्मी पड़ती है और सर्दियों में बर्फबारी भी होती है ।
Dharchula कैसे पहुंचे?: पिथौरागढ़ से आप धारचूला सरकारी बसें और टैक्सी से आसानी से आ सकते हैं। इसके अलावा अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो टनकपुर नजदीकी रेलवे स्टेशन है। टनकपुर रेलवे स्टेशन पिथौरागढ़ से 150 किलोमीटर की दूरी पर है। स्टेशन से धारचूला के लिए बसें मिल जाती है । तो आप अपने मन को मनाइये और धारचूला की सैर करके आइए ।
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