Bageshwar Dham Sarkar ka Token Kab-Kaise Milta Hai: छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम सरकार का टोकन कब और कैसे मिलता है, आइए जानते हैं...
Bageshwar Dham Sarkar ka Token Kab-Kaise Milta Hai: बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित है. बागेश्वर धाम सरकार से नजदीकी रेलवे स्टेशन छतरपुर (Chhatarpur Railway Station) है. छतरपुर रेलवे स्टेशन से यहां 30 मिनट में पहुंचा जा सकता है.
बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) में आने वाले लोगों की बड़ी संख्या ये जानने को उत्सुक रहते हैं कि यहां डाले जाने वाले टोकन की तिथि (Bageshwar Dham Sarkar ka Token Kaise Milta Hai) कब होती है. इस लेख में हम बागेश्वर धाम सरकार टोकन के बारे में जानकारी लेंगे.
टोकन (Bageshwar Dham Sarkar Token) के लिए ही दूर दूर से भक्त यहां आते हैं. कई बार ऐसा होता है कि बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) में भक्त पहुंच तो जाते हैं लेकिन उन्हें टोकन कब डाला जा रहा है, इसकी न तो जानकारी मिलती है और न ही ये व्यवस्था ही पता चल पाती है.
ऐसे में उनके बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) पहुंचने का सही उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है. ऐसे में इसी समस्या को दूर करने की कोशिश हम कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) में टोकन कब डाले जाते हैं…
बागेश्वर धाम सरकार में टोकन कब डाले जाएंगे (Bageshwar Dham Sarkar mein Token Kab Dalen Jayenge) इस दिन को तय धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ही करते हैं.
जब टोकन डलने की तारीख तय हो जाती है, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार (Bageshwar Dham Divya Darbar) में इसकी खबर दी जाती है.
टोकन (Bageshwar Dham Sarkar Token) लेने के लिए भक्त जिस पर्ची को जमा करता है, उसपर अपना नाम, पता और टेलीफोन नंबर भी लिखकर डालते हैं.
भक्तों की इन्हीं पर्चियों में से कुछ पर्चियों को छांटा जाता है और जिस भक्त का नंबर निकलता है उससे फोन के जरिए संपर्क किया जाता है. बागेश्वर धाम सरकार ये दावा करता है कि ऐसा हनुमान जी के आशीर्वाद से होता है.
बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) जानकारी देता है कि दरबार में जब किसी भक्त की अर्जी लग जाती है तो दिव्य दरबार में पूज्य गुरुदेव उसे बताते हैं कि पेशी कितनी करनी है.
आमतौर पर कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का आदेश दिया जाता है. अगर भक्त चाहें, तो दरबार में इससे ज्यादा भी पेशी कर सकती हैं.
हां, ध्यान ये रहे कि जब तक आपकी पेशी पूरी नहीं हो जाती, तब तक मदिरा, मांस, लहसुन और प्याज और दूसरे व्यसनों से पूरी तरह दूर रहना होता है.
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