जानें, दिल्ली से द्वारकाधीश कैसे पहुंचे?
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ, जो वर्तमान उत्तर प्रदेश में है और दिल्ली से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कृष्ण का जीवन केवल धार्मिक कथाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके नेतृत्व, कूटनीति, और संघर्षों ने उन्हें एक महान ऐतिहासिक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया। मथुरा में कृष्ण की बाल्य लीला, कंस वध और विभिन्न युद्धों के बाद उन्हें अपने अनुयायियों के साथ सुरक्षित स्थान की खोज करनी पड़ी। यही खोज अंततः उन्हें समुद्र के किनारे गुजरात के द्वारका ले आई।
मथुरा से द्वारका की यात्रा स्थल मार्ग और समुद्री मार्ग दोनों से हुई बताई जाती है। मथुरा से पश्चिम की ओर यात्रा करते हुए यमुना और सरस्वती जैसी नदियों के किनारे से होते हुए समुद्र तट तक पहुँचना संभव था। कुछ कथाएँ बताती हैं कि समुद्र द्वारा भूमि प्रदान किए जाने के बाद कृष्ण ने द्वारका में यादव वंश के साथ बसावट की। समुद्र यात्रा में जहाजों या नावों के माध्यम से मूर्तियाँ, पूजा सामग्री, ग्रंथ और परिवार के सदस्य सुरक्षित पहुँचाए गए।
द्वारका पहुँचने के बाद कृष्ण ने यहाँ एक भव्य नगर बसाया। व्यापार, प्रशासन, रक्षा और संस्कृति के केंद्र के रूप में द्वारका का विकास हुआ। समुद्री मार्ग से आने-जाने वाले व्यापारियों, साधुओं और भक्तों के लिए द्वारका एक महत्वपूर्ण तीर्थ बन गया। यहाँ स्थापित मुख्य मंदिर में कृष्ण को “द्वारकाधीश” यानी द्वारका के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। मंदिर समुद्र किनारे ऊँचाई पर बना है, ताकि समुद्री लहरों और आक्रमणों से संरक्षित रहे।
द्वारकाधीश मंदिर पत्थरों से निर्मित है। इसमें पांच शिखर हैं जो समुद्र की लहरों से भी दिखाई देते हैं। गर्भगृह में कृष्ण की प्रतिमा राजसी रूप में स्थापित है। मंदिर के मंडप, दीवारों पर नक्काशी, स्तंभों की सुंदर आकृतियाँ प्राचीन भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। कहा जाता है कि मंदिर का मूल स्वरूप बहुत प्राचीन है, पर समय-समय पर इसकी मरम्मत और पुनर्निर्माण होता रहा है।
द्वारका समुद्र के किनारे स्थित होने के कारण व्यापार का बड़ा केंद्र बन गया। यहाँ से मोती, शंख, मसाले, वस्त्र और अन्य व्यापारिक वस्तुएँ समुद्री मार्ग से अरब, अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों में भेजी जाती थीं। व्यापार के साथ-साथ यहाँ धर्म, योग, संगीत, नृत्य और शिक्षा का केंद्र विकसित हुआ।
द्वारका चार धामों में शामिल है। यहां आने वाले श्रद्धालु कृष्ण की नीति, धर्म और प्रेम के मार्ग को अपनाने का संकल्प करते हैं। जन्माष्टमी, होली, दीपावली, शरद पूर्णिमा जैसे पर्वों पर यहाँ लाखों भक्त आते हैं। मंदिर में पूजा-अर्चना, कथा, भजन, और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।
समुद्री शोधकर्ताओं को समुद्र में डूबी प्राचीन संरचनाओं के अवशेष मिले हैं, जिन्हें द्वारका से जोड़ा जाता है। गोदी, पत्थर की दीवारें, जलमार्ग आदि खोजे गए हैं, जो यह संकेत देते हैं कि द्वारका एक समृद्ध और संगठित समुद्री नगर था।
आधुनिक समय में द्वारका || Dwarka in modern times
आज द्वारकाधीश मंदिर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का केंद्र है। सड़क, रेल और वायु मार्ग से यहाँ पहुँचना आसान हो गया है। समुद्र किनारे का शांत वातावरण ध्यान और साधना के लिए उपयुक्त है। यहाँ धर्मशालाएँ, भोजनालय, संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र भी विकसित हो चुके हैं।
दिल्ली से द्वारका की यात्रा || Journey from Delhi to Dwarka
दिल्ली से द्वारका की यात्रा रेल, सड़क और वायु मार्ग से की जा सकती है। पहले चरण में मथुरा पहुंचना होता है, जहां कृष्ण की जन्मभूमि है। वहां से पश्चिम की दिशा में यात्रा करते हुए गुजरात के द्वारका तक पहुंचा जाता है। आधुनिक समय में ट्रेन, फ्लाइट और हाईवे द्वारा यह यात्रा आसान हो गई है।
पवित्र शहर द्वारका देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ अनेक धार्मिक कथाएँ और मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं, जो इस स्थान को और भी खास बनाती हैं। सुंदर मंदिरों की वास्तुकला, शांत वातावरण और समुद्र किनारे की मनमोहक तटरेखा आपको आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराती है। यही वजह है कि यह स्थान धर्म प्रेमियों के साथ-साथ प्रकृति और समुद्री सौंदर्य देखने वाले पर्यटकों के लिए भी आदर्श माना जाता है।
अगर आप भी द्वारका जाने का प्लान बना रहे हैं और सोच रहे हैं कि यहाँ कैसे पहुँचा जाए, तो नीचे दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी
1. मुंबई से द्वारका || Dwarka from Mumbai
मुंबई से द्वारका की यात्रा आसान है। आप अपनी सुविधा के अनुसार हवाई जहाज़, ट्रेन या सड़क मार्ग से यात्रा कर सकते हैं। मुंबई से पहले जमनगर एयरपोर्ट पहुँचा जाता है, जहाँ से सड़क द्वारा द्वारका तक पहुँचना सरल है। सड़क यात्रा के दौरान सुंदर नज़ारे देखने को मिलते हैं।
2. नई दिल्ली से द्वारका || From New Delhi to Dwarka
दिल्ली से द्वारका पहुंचने के लिए ट्रेन, हवाई जहाज़ और सड़क — तीनों विकल्प उपलब्ध हैं। ट्रेन से यात्रा में एक दिन तक का समय लग सकता है, जबकि हवाई यात्रा तेज़ है। सड़क मार्ग से यात्रा करते हुए आप रास्ते में पश्चिम भारत की संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता देख सकते हैं।
यदि आप दिल्ली से द्वारका (गुजरात) की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए प्रमुख ट्रेन ऑप्शन निम्नलिखित हैं:
प्रमुख ट्रेनें: दिल्ली से द्वारका || Major trains: From Delhi to Dwarka
1. उतरांचल एक्सप्रेस (Uttaranchal Express) – ट्रेन संख्या 19566
प्रस्थान: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS)
प्रस्थान समय: रविवार को दोपहर 1:25 बजे
आगमन: द्वारका (DWK)
आगमन समय: सोमवार को सुबह 11:26 बजे
यात्रा अवधि: लगभग 22 घंटे 1 मिनट
क्लास विकल्प: स्लीपर क्लास, 3एसी, 2एसी, 1एसी
टिकट मूल्य: ₹590 से शुरू
सप्ताहिक परिचालन: रविवार को
2. ओखा फेस्टिवल स्पेशल (Okha Festival Special) – ट्रेन संख्या 09524
प्रस्थान: शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन (SSB)
प्रस्थान समय: रविवार को दोपहर 1:15 बजे
आगमन: द्वारका (DWK)
आगमन समय: सोमवार को दोपहर 1:15 बजे
यात्रा अवधि: लगभग 24 घंटे
क्लास ऑप्शन: स्लीपर क्लास, 3एसी, 2एसी, 3ई
सप्ताहिक परिचालन: रविवार को
प्रमुख रेलवे स्टेशन
दिल्ली में: नई दिल्ली (NDLS), शकूरबस्ती (SSB)
द्वारका में: द्वारका (DWK)
टिकट मूल्य
औसतन: ₹575 से ₹2,235 तक, यात्रा की क्लास और ट्रेन के प्रकार के आधार पर
क्लास: स्लीपर क्लास, 3एसी, 2एसी, 1एसी
यात्रा की योजना
यात्रा की अवधि: 22 से 24 घंटे
सप्ताहिक परिचालन: रविवार को
बुकिंग: IRCTC वेबसाइट, MakeMyTrip, Goibibo, RailYatri, EaseMyTrip, Paytm, ixigo, आदि पर उपलब्ध है.
यात्रा सुझाव
पैकिंग: सुविधाजनक कपड़े, व्यक्तिगत आवश्यकताएं, और यात्रा के दौरान आराम के लिए आवश्यक वस्तुएं साथ रखें।
सुरक्षा: यात्रा के दौरान अपने सामान की सुरक्षा पर ध्यान दें और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की प्रतियाँ साथ रखें।
आराम: लंबी यात्रा के लिए आरामदायक यात्रा के सामान जैसे तकिया, पानी की बोतल, और स्नैक्स साथ रखें।
3. अहमदाबाद से द्वारका || From Ahmedabad to Dwarka
अहमदाबाद से द्वारका की दूरी कम है और यहां ट्रेन तथा सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। यात्रा के दौरान गुजरात की लोकसंस्कृति और समुद्री किनारे का आनंद लिया जा सकता है। यह यात्रा खास तौर पर आरामदायक और सुविधाजनक है।
दिल्ली से हवाई जहाज़ से द्वारका कैसे पहुंचे || How to reach Dwarka from Delhi by airplane?
द्वारका से सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा जमनगर में है, जो लगभग 137 किलोमीटर दूर है। यहाँ से सड़क द्वारा द्वारका पहुँचना आसान है और अधिकतम 3 घंटे का समय लगता है।
मुंबई से जमनगर की उड़ान में लगभग 1 घंटा लगता है।
दिल्ली से उड़ान में करीब 2 घंटे लगते हैं।
जमनगर पहुंचने के बाद टैक्सी, बस या निजी वाहन से द्वारका आसानी से पहुंचा जा सकता है।
मुख्य हवाई अड्डे || main airport
दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (DEL)
द्वारका : द्वारका में कोई प्रमुख हवाई अड्डा नहीं है। नजदीकी हवाई अड्डे हैं.
राजकोट (RAJ): लगभग 200 किमी दूर
जामनगर (JGA): लगभग 225 किमी दूर
उपलब्ध फ्लाइट्स
दिल्ली से द्वारका के लिए कोई सीधी फ्लाइट उपलब्ध नहीं है। यात्रियों को दिल्ली से राजकोट या जामनगर के लिए फ्लाइट लेनी होती है, और फिर वहां से सड़क मार्ग द्वारा दवारका पहुंचना होता है।
दिल्ली से राजकोट के लिए फ्लाइट्स || Flights from Delhi to Rajkot
एयर इंडिया: दिल्ली से राजकोट के लिए दैनिक उड़ानें उपलब्ध हैं, जो लगभग 1 घंटे 45 मिनट में यात्रा पूरी करती हैं।
MakeMyTrip
राजकोट से द्वारका तक सड़क मार्ग
राजकोट से द्वारका तक सड़क मार्ग द्वारा यात्रा लगभग 4-5 घंटे की होती है। आप टैक्सी या प्राइवेट वाहन का उपयोग कर सकते हैं।
यात्रा सुझाव || traveltips
बुकिंग: फ्लाइट्स की बुकिंग के लिए आप एयर इंडिया, इंडिगो, या स्पाइसजेट की आधिकारिक वेबसाइटों का उपयोग कर सकते हैं।
सड़क मार्ग: राजकोट से दवारका तक की यात्रा के लिए टैक्सी या प्राइवेट वाहन की बुकिंग अग्रिम रूप से करना सुविधाजनक रहेगा।
यात्रा का समय: यात्रा की योजना बनाते समय मौसम और ट्रैफिक की स्थिति को ध्यान में रखें, ताकि यात्रा आरामदायक और समय पर हो सके।
सड़क मार्ग से द्वारका || Dwarka by road
अगर आप सड़क मार्ग से यात्रा करना चाहते हैं तो यह तरीका सबसे सुविधाजनक और किफायती है।
राज्य और निजी बस सेवा प्रदाता अहमदाबाद, राजकोट, सुरेंद्रनगर जैसे शहरों से द्वारका के लिए नियमित सेवाएँ संचालित करते हैं।
आप बस पैकेज बुक कर सकते हैं जो यात्रियों को आरामदायक यात्रा का विकल्प देते हैं।
यह तरीका बजट में यात्रा करने का सबसे अच्छा विकल्प है।
साथ ही आप पास के राज्यों से भी बस सेवा का लाभ ले सकते हैं।
यदि आप चाहें तो टैक्सी या निजी वाहन से भी यात्रा कर सकते हैं, जिससे यात्रा अधिक लचीली और व्यक्तिगत बन जाती है।
धार्मिक और पर्यटक आकर्षण
द्वारका सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि संस्कृति, इतिहास और समुद्र के किनारे की प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ शहर है। यहां स्थित द्वारकाधीश मंदिर भारत के चार धामों में शामिल है। जन्माष्टमी, शरद पूर्णिमा, होली और दीपावली जैसे पर्वों पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। समुद्र किनारे ध्यान और साधना के लिए यह जगह शांत और अनुकूल वातावरण देती है।
द्वारका पहुंचने के लिए आपको हवाई, रेल और सड़क — तीनों विकल्प उपलब्ध हैं। अपनी सुविधा, समय और बजट के अनुसार आप यात्रा का तरीका चुन सकते हैं। सुंदर मंदिर, धार्मिक वातावरण और समुद्र की शांति आपको एक अलग ही अनुभव देंगे। चाहे आप मुंबई से हों, दिल्ली से या अहमदाबाद से — द्वारका आपको अपनी आस्था, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से मोहित कर लेगा।
अब देर किस बात की! अपना बैग पैक करें, यात्रा का प्लान बनाइए और भगवान कृष्ण के इस दिव्य नगर में एक यादगार यात्रा का अनुभव कीजिए।
अगर आप चाहें तो मैं इसमें यात्रा का बजट, रहने की जगह, भोजन की जानकारी या पास के पर्यटन स्थलों का विवरण भी जोड़ सकता हूँ। बताइए!
बेंगलुरु के गविपुरम इलाके में स्थित Gavi Gangadhareshwara Temple सिर्फ एक साधारण मंदिर नहीं है।… Read More
Children’s Day 2025: 14 नवंबर केवल तारीख नहीं, बल्कि एक ऐसा दिन है जो बचपन… Read More
दक्षिण भारत की कुछ road trips उतनी timeless होती हैं जितनी Bengaluru to Mysore drive।… Read More
सुपरमार्केट में कभी आप भी दो बोतलों के बीच उलझे होंगे — एक हाथ में… Read More
Health Tips : साइनस (sinus) नाक से जुड़ी ऐसी बीमारी है जो सर्दियों में काफी… Read More
Vande Mataram 150 Years : इस साल भारत वंदे मातरम के 150 वर्ष मना रहा… Read More