Teerth Yatra

400 हेक्टेयर में बनेगा नया अयोध्या शहर, दिखेगी त्रेतायुग की झलक

नई दिल्ली.  राम मंदिर Ram Mandir के भूमिपजन की डेट तय होने के बाद तैयारिया भी जोर-शोर से शुरू हो गई है। पांच अगस्त को होने वाले भूमिपूजन के अनुष्ठान में अयोध्या सहित मथुरा, काशी, कांची, उज्जैन,हरिदार, द्दरिका और चारों धाम की मिट्टी के साथ कई पवित्र नदियों का जल लाया जाएगा। वहीं राममंदिर परिसर में 70 एकड़ भूमि पर रामायण कालीन दृश्य निर्मित कराने की तैयारी है। दिर परिसर में प्रवेश करने के साथ ही भगवान श्रीराम के समय की पौराणिकता का एहसास हो, इसके लिए ट्रस्ट ने पूरी भूमि का सर्वे कर अति ऐतिहासिक और प्राचीन संदर्भ को प्रदर्शित करने वाले 11 स्थान चिह्नित किए हैं।

इसका ब्लूप्रिंट ट्रस्ट ने बनाकर मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा को भेज दिया है। रामजन्मभूमि परिसर में त्रेता युग की अयोध्या को पुनर्जीवित करने की योजना श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बनाई है। 70 एकड़ में विस्तृत श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामलला की जन्मभूमि के अलावा अनेक त्रेतायुगीन अनेक धरोहर हैं। इनकी पुष्टि जीर्ण-शीर्ण टीलों के साथ उस शिलालेख से होती है, जिसे सन 1902 में एडवर्ड तीर्थ विवेचनी सभा की ओर से लगवाया गया था। नई अयोध्या एक ओर जहां आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी, वहीं त्रेतायुगीन झलक भी दिखेगी। इस अत्याधुनिक टाउनशिप में साधु-संतों के आश्रम होंगे, तो आधुनिक गुरुकुल भी होंगे। इस पर सरकार काम कर रही है।

Janaki Temple in Nepal : जहां से जुड़ी हैं रामायण की जड़ें, क्यों कहते हैं नौलखा मंदिर?

त्रेता युग की संकल्पना पर ही नई अयोध्या की नई आध्यात्मिक इको सिटी बनेगी. इसमें कंबोडिया के अंकोरवाट का वास्तुशिल्प होगा और इसी लुक में नई टाउनशिप दिखेगी। अयोध्या में मंदिर परिसर और अधिग्रहित भूमि को इक्ष्वाकुपुर का नाम दिया जा सकता है।

राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी पर्यटक व श्रद्धालु अयोध्या की ओर आएंगे । उस लिहाज से अयोध्या का आकार बहुत छोटा है। यहां श्रद्धालुओं के ठहरने सहित अन्य सुविधाएं न के बराबर हैं। इस वजह से आधुनिक सुविधाओं वाले नव्य अयोध्या की आवश्यकता महसूस की गई। इसमें साधु-संतों के आश्रम के साथ ही आवासीय कॉलोनी, मॉल, रेस्टोरेंट आदि भी होंगे।

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आकर्षक केंद्र : इस योजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि नई अयोध्या में मार्ग से लेकर चौराहे और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर रामायण के प्रतीक चिह्न विद्यमान होंगे, जो इसकी धार्मिक तस्वीर को विस्तार देंगे।

 जमीन बैनामे पर रोक : सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद से यहां चार गांव मीरापुर दोआबा, तिहुरा शाहनेवाजपुर और मांझा बरहटा में रजिस्ट्री पर रोक लगी है। अब इसी में शाहनेवाजपुर व तिहुरा में नव अयोध्या के विकास की योजना बनाई जा रही है।

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