Mauni Amavasya 2024
Mauni Amavasya 2024: माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन त्रिवेणी, गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस साल मौनी अमावस्या 9 फरवरी को पड़ रही है. मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितर हमारे सभी लक्ष्यों को पूरा करने का आशीर्वाद देते हैं. मौनी अमावस्या पर कई शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में इस दिन स्नान और दान का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है.
द्रिक पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या तिथि 09 फरवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी और 10 फरवरी 2024 को सुबह 04:28 बजे समाप्त होगी.
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मौनी अमावस्या हिंदुओं के लिए बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है. अमावस्या को अपने पूर्वजों या पूर्ववर्तियों की याद में विभिन्न प्रकार के पूजा समारोह आयोजित करने के लिए सम्मानित किया जाता है, जिसमें हवन, पितृ दोष पूजा और यहां तक कि यदि वांछित हो तो पिंड दान भी शामिल है.हालांकि, शादी, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे आयोजनों को दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है. मौनी अमावस्या का दिन शांति के अभ्यास के लिए समर्पित है, क्योंकि ‘मौनी’ शब्द मौन का प्रतीक है. इस दिन, जो लोग ध्यान का अभ्यास करते हैं वे मौन या मौन व्रत का संकल्प लेकर आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं. मौनी अमावस्या के अनुयायी देवी के सम्मान में मौन रहने का दैनिक संकल्प लेते हैं। मौनी अमावस्या को किसी पवित्र नदी में डुबकी या ‘स्नान’ के लिए बहुत भाग्यशाली दिन भी कहा जाता है.
इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर आप किसी तीर्थ स्थान पर जाने में असमर्थ हैं तो घर पर ही पानी में त्रिवेणी या गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. पितृ तर्पण करने के लिए नदी या घर पर ही स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन खिलाएं. साथ ही किसी जरूरतमंद या गरीब व्यक्ति को दान भी करें. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पूर्वज अपने वंशजों से मिलने आते हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने, पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने तथा पितरों को भोजन कराने से वे प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं.
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