Best Trek Routes in india- रोमांच किसे पसंद नहीं होता, लोग अपनी बोरिंग सी लाइफ को मजेदार बनाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। तो चलिये इस बार हम आपको कुछ ऐसे ही मजेदार ट्रेक्स के बारे में बताते हैं
Best Trekking Routes – रोमांच किसे पसंद नहीं होता, लोग अपनी बोरिंग सी लाइफ को मजेदार बनाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। तो चलिये इस बार हम आपको कुछ ऐसे ही मजेदार ट्रेक्स के बारे में बताते हैं, जहां आकर आप भी इस मजेदार रोमांचक ट्रेक्स का मजा ले सकते हैं। प्राकृतिक नजारों, खूबसूरत पहाड़ और ऐसे में ट्रेकिंग का मजा ही दोगुना हो जाता है. आइए आज हम आपको बताते हैं कि भारत के Best Trekking Routes के बारे में
भारत का हिमालय हो या दक्षिण में पहाड़ी इलाके हर तरफ ट्रेकिंग का अपना अलग ही मजा आता है। आज ट्रेवल जुनून पर हम आपको ऐसी ही 10 जगहों के बारे में बताएंगे जो ट्रेकिंग के लिए काफी ज्यादा पसंद की जाती है।
बर्फ से जमी हुई Zansker नदी के साथ-साथ ट्रेक करने का अलग ही मजा आता है। खूबसूरत नजारें और लद्दाख की सालों पुरानी संस्कृति की पहली झलक यहीं से मिलती है। ये उन लोगों के लिए बेहद शानदार यात्रा रहती है जो पहले से ट्रेकिंग में अनुभव हासिल कर चुके हैं। बर्फीले रास्ते, ठंडी हवाएं, खूबसूरत और प्राचीन प्रकृति। इस ट्रेक का मतलब ही है कि कभी ना भूलने वाला अनुभव। इसमें लगभग 9-10 दिनों का वक्त लग जाता है और ट्रेक पर जाने के लिए सबसे अच्छा वक्त जनवरी और फरवरी का होता है।
उत्तराखंड के गढ़वाल का ये ट्रेक आपको गंगा के शुरु होने के स्थान गोमुख में गंगोत्री ग्लेशियर तक ले जाता है। इस ट्रेक को करना एक सच्चा प्राकृतिक आनंद है, इस जगह पर दुर्लभ नीली पहाड़ी बकरियों के साथ ही पौधों और जानवरों की भी अलग अलग प्रजातियां दिखती है। ये ग्लेशियर चारों तरफ से खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है, जो कि देखने लायक है। इस ट्रेक के लिए आप अपने पास 12 दिनों तक का वक्त लेकर चलें। आपको बता दें कि यहां पर जाने के लिए सबसे अच्छा वक्त मई-जून या फिर सितंबर-अक्टूबर का है।
Markha Valley trek लद्दाख में काफी मशहूर ट्रेक है। इस इलाके में ट्रेक करते वक्त आप सूखे हुए पहाड़ों, नालों और छोटे गांवों में, गेहूं, जौ और सरसों के खेतों के साथ कई तरह के इलाकों में घूम रहे होंगे। ये क्षेत्र प्राचीन तिब्बती संस्कृति का भंडार है। इस इलाके के बीच में एक ट्रेक जीवन भर के लिए आपकी यादों में बस जाएगा। इस ट्रेक को पूरा करने में एक हफ्ते से लेकर 10 दिन का वक्त लगता है। वहीं अगर आप जून से अक्टूबर के वक्त यहां जाएं, तो आपको ट्रेकिंग का ज्यादा मजा आएगा।
भारत के बेहद खूबसूरत गढ़वाल क्षेत्र से होकर गुजरने वाले इस ट्रेक में आपको 7000 से ज्यादा चोटियों की परछाई का नजारा मिलता है। इस क्षेत्र में हिमालयन तेंदुए जैसी दुर्लभ प्रजातियां और कस्तूरी हिरण देखने को मिलते हैं। इस ट्रेक का मुख्य आकर्षण कुआरी पास 4264 मीटर की ऊंचाई पर है। ये ट्रेक काफी आसान है और इसमें स्थानीय हिंदू संस्कृति का अनुभव होता है। इसे आप 1 हफ्ते में पूरा कर सकते हैं। और अगर आप यहां पर अप्रैल से जून के बीच में या फिर सितंबर से नवंबर के बीच में जाते हैं, तो काफी अच्छा रहेगा।
7816 मीटर की ऊंचाई पर नंदा देवी भारत के गढ़वाल क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है। पहाड़ की गोद में फैला नंदादेवी नैश्नल पार्क, हिमालयी वनस्पतियों और जीवों का आवास, सुंदरता की एक खूबसूरत जगह है। आप हिमालय की तलहटी और कई छोटी नदियों और ग्लेशियरों के साथ ट्रेकिंग कर सकेंगे। ये स्थान हर साल हजारों फोटोग्राफरों, ट्रेकर्स को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। इस ट्रेकिंग में 10 दिनों का वक्त लग सकता है और मई-जून के बीच में जाने का सबसे अच्छा वक्त है।
खूबसूरत सिक्किम में बसा ये ट्रेक जो आपको कंचनजंगा के पास से लेकर जाएगा। आपको बता दें कि कंचनजंगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी चोटी है। यहां पर ट्रेकिंग करना काफी मुश्किलों भरा हो सकता है। लेकिन जब आप दोजोंगरी से हिमालय को देखते हैं, तो आपको इन मुश्किलों का सामना करने में भी मजा आएगा। इस ट्रेक को पूरा करने में 10 दिन का वक्त लगेगा। वहीं अगर आप यहां पर मार्च से जून के बीच में या फिर सितंबर से नवंबर में जाएंगे तो ज्यादा आनंद आएगा।
3658 मीटर की ऊंचाई पर उत्तरांचल के हिमालय में स्थित है, Valley of Flowers को सही नाम दिया गया है, ये एक विशाल घाटी है जो कि फूलों से भरी हुई है। ये एक शानदार जगह है जहां पर चारों तरफ खूबसूरत पहाड़ ही है। इस घाटी का फर्श सभी रंगों के फूलों से सजा हुआ है और पूरे इलाके में एक सुखद खुशबू है। इस ट्रेक में 6 दिनों के करीब का वक्त लगेगा। अगर आप यहां पर जाना चाहते हैं तो जुलाई से सितंबर के बीच में जा सकते हैं।
रूपकुंड 5029 मीटर की ऊंचाई पर बनी एक झील है, जिसके निचले हिस्से में इंसानों के कंकाल पाए जाते हैं और इसके लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। रूपकुंड झील की यात्रा आपको पुराने जंगलों से गुजारेगी। हरी-भरी हरियाली, कई प्रजातियों के पक्षी, आसपास की हिमालय की चोटियां, समतल मैदान, हिंदू मंदिर, रूपकुंड की यात्रा को एक यादगार अनुभव बनाने का काम करते हैं। इसमें ट्रेकिंग करने में 8 दिन का वक्त लगता है और इसके लिए आप मई-जून और सितंबर-अक्टूबर के महीने को चुन सकते हैं।
Photo: srijanrc travel / Alamy Stock Photo
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