Must visit Junagadh Fort its a beautiful place
Junagadh Fort- राजस्थान की धरती प्राचीन काल से वीरों की धरती रही है. बीकानेर में एक से बढ़कर एक-एक शानदार किले हैं. हर किले का अपना एक इतिहास है. इसी कड़ी में राजस्थान की धरती में बसा है बीकानेर में स्थित जूनागढ़ किला एक बहुत ही खूबसूरत और शानदार है. ये किला बीकानेर शहर के बीचों-बीच बसा हुआ है. इतिहास काल में इस किले को बीकानेर किले के नाम से जाना जाता था लेकिन 20 वीं शताब्दी में बीकानेर किले का नाम बदलकर Junagadh Fort रख दिया गया.
जूनागढ़ किले की नीव महाराजा राव बीका के द्वारा रखी गई थी, लेकिन इस भव्य किले की खूबसूरत संरचना का निर्माण राजा राय सिंह द्वारा शुरू किया गया था. अगर आप इस खूबसूरत किले की सैर करना चाहते हैं तो बता दें कि जूनागढ़ का किला दिखने में बेहद आकर्षक और विशाल है, यहां आने वाले पर्यटकों कों अपनी तरफ खींचता है.
इतिहास के अनुसार Junagadh Fort पर कई बार दुश्मनों के द्वारा हमाला किया गया था, लेकिन कभी इस किले को कोई हासिल नहीं कर सका. सिर्फ इतिहास के पन्नो में कामरान मिर्ज़ा नाम दर्ज है, कामरान मिर्जा मुग़ल बादशाह बाबर के दूसरे बेटे थे जिन्होंने सन 1534 में बीकानेर पर आक्रमण किया था. उसे भीकामरान मिर्जा ने जूनागढ़ को अपने नियंत्रण में कर लिया था, लेकिन एक दिन में ही उन्हें ये किला छोड़ना पड़ा था. और इसके बाद राजा राव जित सिंह बीकानेर पर शासन हो गया था.
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जूनागढ़ किले का निर्माण बीकानेर के शासक राजा राय सिंह के शासन काल में किया गया था, राजा राय सिंह ने कई सालों तक बीकानेर पर राज किया था. राजा राय सिंह ने 17 फरवरी 1589 जूनागढ़ किले का निर्माण शुरू किया. जिसका काम 17 जनवरी 1594 को पूरा हुआ. जूनागढ़ किले के शेष भाग लक्ष्मी नारायण मंदिर के आस-पास बने हुए हैं.
राजा राय सिंह एक बहुत ही अच्छा कलात्मक व्यक्ति थे जो वास्तुकला का काफी ज्ञान रखते थे. उन्होंने इस किले को थार मरुस्थल के बीच एक बहुत ही भव्य और विशाल बनवाया. जूनागढ़ किले की संरचना दिखने में बेहद आकर्षक और खूबसूरत है. किले की वास्तुकला में कई संस्कृतियों का मिश्रण है, जिसकी वजह से जूनागढ़ किले की संरचना में इस पर राज करने वाले हर शासक का प्रभाव झलकता है. इस किले को मुग़ल और राजस्थान की मिश्रण शैली से साफ नजर आती है.
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ये किला चतुष्कोणीय आकार में बना है, जो 1100 गज की छेत्र में फैला है, जो चारों और से लम्बी चौड़ी से दीवार से घिरा हुआ हैं. इस किले में प्रवेश के 2 द्वार हैं, करण प्रोल व चांद प्रोल. करण प्रोल पूर्व दिशा में बना है जिसमें 4 द्वार हैं और चांद प्रोल पश्चिम दिशा में बना है, जो एक मात्र द्वार ध्रुव प्रोल से संरक्षित है. जूनागढ़ किला की बाहरी डिजाईन शानदार है , साथ ही कई महलों को घेरता है जूनागढ़ किले के अंदर कई महल हैं जिनकी अपनी अलग पहचान है. महल की नक्काशीदार दीवारें, चित्र, इस्तेमाल किये गए संगमरमर और लाल पत्थर इस किले की भव्यता और सुंदरता को बढ़ाता हैं. जूनागढ़ किले के अंदर कुछ मुख्य महल है जिनके नाम अनुप महल, करण महल, गंगा महल, बादल महल और फूल महल है.
राजस्थान की रेगिस्तानी भूमि की गर्मी से बचने के लिए हम यह सलाह देते हैं कि पर्यटक नवंबर और फरवरी के बीच में यहां पर आएं और पर्यटक स्थल का आनंद लें.
By Air : नजदीकी हवाई अड्डा जोधपुर (256 किमी) दूर है. जोधपुर से दिल्ली और मुंबई के लिए दैनिक उड़ानें उपलब्ध है.
By Train : रेल नेटवर्क बीकानेर को दिल्ली (470 किमी), कोलकाता, जोधपुर (243 किलोमीटर), जयपुर (321 किलोमीटर) और इलाहाबाद से जोड़ता है. “पैलेस ऑन व्हील्स” लक्जरी ट्रेन में बीकानेर भी शामिल है. एक्सप्रेस ट्रेन जयपुर-बीकानेर एक्सप्रेस (प्रस्थान 8:30 बजे) जयपुर पहुंचने के लिए आर.एस. इंटरसिटी एक्सप्रेस सुबह 5 बजे रवाना होती है और 11:55 बजे जयपुर पहुंचती है. रणकपुर एक्सप्रेस जोधपुर के लिए सुबह 9:35 बजे निकलती है, इसमें लगभग 5 1/2 घंटे लगते हैं. सराय रोहिल्ला एक्सप्रेस 7:45 बजे रवाना होती है और 6:40 बजे दिल्ली पहुंचती है.
By Road : बस स्टैंड शहर के केंद्र के उत्तर में है. बीकानेर और जैसलमेर, जयपुर, उदयपुर, अजमेर और दिल्ली के बीच कई राजस्थान राज्य परिवहन निगम की बसें हैं.
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