E-highway Importance : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली और मुंबई के बीच ई-हाइवे बनेगा...
E-Highway Importance : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली और मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने का प्लान कर रही है. उन्होंने भारी वाहनों के मालिकों से इथेनॉल, मेथनॉल, साथ ही साथ ग्रीन हाइड्रोजन सहित अल्टरनेटिव ईंधन का उपयोग करने का अनुरोध किया.
11 जुलाई को हाइड्रोलिक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन की ओर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने कहा कि हमारी योजना दिल्ली से मुंबई तक एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की हैय ट्रॉलीबस की तरह आप ट्रॉली ट्रक भी चला सकते हैं. गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारी 2.5 लाख करोड़ रुपये की सुरंगों का निर्माण कर रहे हैं.
आपको बता दें कि संसदीय सत्र के दौरान, गडकरी ने कहा था कि सरकार 1,300 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक अलग “ई-हाईवे” बनाने का प्रयास कर रही है, जहां ट्रक और बस प्रति घंटा 120 किलोमीटर की गति से जा सकते हैं.
मंत्री ने पिछले साल एक बार यह भी कहा था कि दिल्ली से जयपुर तक एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाना मेरा सपना है.यह अभी भी एक प्रस्तावित परियोजना है. हम एक विदेशी कंपनी के साथ बातचीत कर रहे हैं. 2016 में भी गडकरी ने कहा था कि भारत में एक ई-हाईवे खंड हो सकता है जो स्वीडन के समान होगा.
उन्होंने कहा है कि राज्यों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सभी सेवाओं को डिजिटाइज़ करने की आवश्यकता है. इससे पहले उन्होंने कार और बाइकर्स को यह कहकर चौंका दिया था कि अगले एक से दो साल में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल वाहनों के बराबर होने वाली है. दरअसल सरकार बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है लेकिन अब लोग इनकी कीमत ज्यादा होने के कारण इन्हें कम खरीद रहे हैं.
ई-हाईवे एक ऐसी सड़क है जो चलती वाहनों को ओवरहेड पावर लाइनों के माध्यम से बिजली प्रदान करती है, जो हाइब्रिड कार्गो ट्रकों को यात्रा करते समय अपनी बैटरी को रिचार्ज कर सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक हाईवे या ग्रीन हाईवे को भी खास तरीके से डिजाइन किया जा रहा है. इस तरह के हाईवे बेहद हरे-भरे होने के साथ ही पर्यावरण के लिए और भी कदम उठाए जा रहे हैं. इस हाईवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्पेशल लेन, जहां केबल के जरिए गाड़ी दौड़ेंगे. इस पर सरकार की ओर से केबल से चलने वाली विशेष बसें और ट्रेनें चलाई जाएंगी. ये बसें 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी.
इस ई हाईवे पर बस और ट्रक 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी. सरकार फिलहाल इस इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना पर काम कर रही है. इस ई हाईवे पर सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खासकर भाड़ी गाड़ी ही चल सकेंगे. यहां ई वाहनों के संचालन के लिए जरूरी सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी, चार्जिंग स्टेशन मौजूद होंगे. वहीं हाईवे पर इलेक्ट्रिक वायरल होंगे, जो ई व्हीकल को इलेक्ट्रिसिटी उपलब्ध करवाएंगे.
नितिन गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना दिल्ली और मुंबई के बीच सबसे पहले एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की है. सरकार दिल्ली-मुंबई हाईवे पर इलेक्ट्रिक ट्रॉली बसों और ट्रकों के साथ बाकी इलेक्ट्रॉनिकल व्हीकल्स के लिए ये खास ई हाईवे बनाना चाहती है. माना जा रहा है कि सरकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक अलग ई-हाईवे बनाने की योजना बना रही है. दिल्ली-मुंबई के बाद दिल्ली-जयपुर में भी ई हाईवे बनाने की प्लान है. ई हाईवे के लिए सरकार ने स्वीडन की एक कंपनी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
इलेक्ट्रिक हाईवे का लाभ भारी गाड़ी को मिलेगा. भारी ई वाहनों को ई हाइवे पर चलाने से माल ढुलाई का खर्च कम होगा. माना जा रहा है कि ई हाईवे पर इस तरह के ई वाहनों के चलने से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 70 फीसदी तक कम हो जाएगा. ढुलाई का खर्च कम होने पर कीमतों में भी कमी आएगी.वहीं ये ईको फ्रेंडली हाईवे होंगे, जिसके कारण प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी. वहीं ई हाईवे पर बिजली से गाड़ी को चलाने में मदद मिलेगी, जिससे खर्च कम आएगा.
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