ganga water will flow again on Har ki Pauri in haridwar
Har ki Pauri: हरिद्वार दुनियाभर के हिंदुओं की आस्था का केंद्र और आस्था के इस केंद्र की धूरी है हर की पौड़ी मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद यही पर अमृत की बूंदे छलकी थी. इसलिये हर 12 साल में एक बार यहां कुंभ का मेला लगता है. जन्म से लेकर मरण तक के तमाम संस्कार, इस तट पर होते हैं. इसे मोक्षदायिनी मान लोग यहां पर डूबकी लगाते हैं.
क्या आप लोग जानते हैं कि इन दिनों हर की पैड़ी पर जो धारा बह रही है उसका नाम क्या हो गया है. आप कहेंगे गंगा, लेकिन 2016 में इसका नाम बदल कर एस्केप चैनल कर लिया गया था.
साल 2016 में तत्कालीन हरीश रावत की सरकार ने भागीरथी बिंदु, सर्वानंद घाट भूपतवाला से हरकी पैड़ी, मायापुर और दक्ष मंदिर कनखल तक बहने वाली गंगा को एस्केप चैनल घोषित कर दिया था. इसका मतलब था कि ये धारा एक नहर है जो गंगा में अतिरिक्त पानी की निकासी के काम आती है. एनजीटी ने गंगा के किनारे के 200 मीटर के दायरे में निर्माण को हटाने के आदेश दिए थे. हर की पैड़ी से होकर बह रही गंगा के किनारे होटल, आश्रम आदि के निर्माण का भी है. जिनका हटना तय था. हरीश रावत की सरकार ने इस निर्माण को बचाने के लिए ही गंगा की धारा को एस्केप चैनल घोषित किया था. जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री गंगा सभा ने अध्यादेश को लेकर विरोध जताया था.
Har ki Pauri – हरिद्वार में हर की पौड़ी है बेहद खास, यहां मिलेगा एक से बढ़कर एक ज़ायका
श्री गंगा सभा ने तो 2016 में अध्यादेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. साल 2019 में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने श्री गंगा सभा को अध्यादेश रद्द करने को लेकर कार्यवाही का आश्वासन दिया था. इसी साल जुलाई में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरकी पैड़ी पहुंचकर अध्यादेश को लेकर श्री गंगा सभा और संत समाज से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी. हरीश रावत ने तत्कालीन परिस्थितियों का हवाला देते हुए अध्यादेश जारी करने की बात ही की थी.
प्रयाग, हरिद्वार, नासिक, उज्जैन में ही क्यों मनाया जाता है Kumbh Mela ?
वहीं प्रदेश सरकार से अध्यादेश अब गैरजरूरी बताते हुए अविलंब रद्द करने की मांग भी की थी. हरीश रावत ने संतों और तीर्थ पुरोहितों को आश्वासन दिया था कि अगर मौजूदा सरकार निर्णय नहीं लेती 2022 में यदि उनकी सरकार आती है तो अध्यादेश को रद्द किया जाएगा. तब हरीश रावत के इस मास्टर स्ट्रोक से प्रदेश की राजनीति गरमा गई थी. बकौल श्री गंगा सभा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दो महीने पूर्व अध्यादेश का रद्द करने का ठोस आश्वासन दिया.
मंसा देवी मंदिरः हर की पौड़ी के पास है देवी का चमत्कारी मंदिर
Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More
Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More
Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More
Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More
Air travel को भले ही आज सबसे सुरक्षित transport modes में गिना जाता है, लेकिन… Read More