India will build longest bridge on Brahmaputra River
Brahmaputra River : सीमा के नजदीक तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की बड़ी पनबिजली परियोजना निर्माण की बात पर भारत सचेत हो गया है. भारत सीमाओं पर मजबूत सड़क नेटवर्क खड़ा करने की कड़ी में ब्रह्मपुत्र नदी पर देश का सबसे लंबा सड़क पुल बनाने जा रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसके निर्माण की मंजूरी दे दी है. समाचार एजेंसी की माने तो एक पुल विशाल ट्रांस-एशियाई गलियारे एक बड़ा लिंक होगा जो पूर्वोत्तर भारत और भूटान को वियतनाम से जोड़ेगा.
इस पुल के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है. इस परियोजना को भारत और जापान के बीच बढ़ती रणनीतिक साझीदारी का उदाहरण माना जा रहा है. यह पुल चीन की सड़क परियोजना को भी संतुलित करेगा. असम से मेघालय को जोड़ने वाले इस पुल की लंबाई 19 किलोमीटर बताई जाती है. पुल के बनने से असम के धुबरी से मेघायल का फुलबारी जुड़ जाएगा. यही नहीं इससे त्रिपुरा, बराक वैली आदि क्षेत्र आवागमन सुलग हो जाएगा.
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इस महत्वाकांक्षी परियोजना का आसियान के कई सदस्य देशों विशेषकर म्यांमार, थाइलैंड, कंबोडिया और लाओस पर भी प्रभाव पड़ेगा. 2018 में भारत और जापान के बीच इस पुल को लेकर समझौता होने के बाद से यह परियोजना लोगों की नजरों में है. यह पुल भारत-म्यांमार-थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग को ईस्ट-वेस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर से जोड़ेगा. ईस्ट-वेस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर जापान समर्थित परियोजना है, जिसमें थाइलैंड, लाओस और वियतनाम शामिल हैं.
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ब्रह्मापुत्र नदी पर बांध बनाने की चीन की परियोजना के बारे में भारत ने कहा है कि वह इसको लेकर सभी गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, चीनी पक्ष ने कई मौकों पर कहा है कि वह सिर्फ नदी जल विद्युत परियोजना चलाना चाहता है. नदी की धारा मोड़ने का उसका कोई इरादा नहीं है
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ढोला- सदिया ब्रिज बनने से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी 4 घंटे कम हो जाएगी. यह ब्रिज गुवाहाटी से 540 किमी दूर सदिया में स्थित है. इसका दूसरा सिरा धोला में है, जहां से ईटानगर से 300 किमी दूर है. वर्तमान में दोनों राज्यों के बीच सड़क संपर्क सीमित है. अधिकांश लोग बोट के जरिए आना-जाना करते हैं, लेकिन ब्रह्मपुत्र के पल-पल बदलते स्तर के चलते यह सफर खतरे से खाली नहीं होता है.
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