Friday, March 29, 2024
Adventure Tour

धरती का अनोखा श्रृंगार है Amboli Hill Station, मिलता है Monsoon Travel का मजा

मानसून ने दस्तख़त दे दी है। ऐसे सुहावने मौसम में लोग घूमने की योजना तो बनाते ही हैं साथ ही साथ वो किसी नई जगह पर जाना भी बहुत पसंद करते हैं। तो अब जब बात चल रही है घूमने-फिरने की तो आज हम आपको एक नयी जगह से रूबरू करायेंगें। आज हम बात करने जा रहे हैं अंबोली हिल स्टेशन ( Amboli Hill Station ) की जो कि जो महाराष्ट्र राज्‍य में लगभग 700 कि.मी. की ऊँचाई पर स्थित है। ये  एक सुंदर व छोटा सा हिल स्टेशन है। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सह्याद्री पर्वतमाला में बना हुआ है जो सिंधुदुर्ग जि़ले में है।

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बारिश की फुहारों का मजा अगर किसी हिल स्टेशन पर लिया जाए, तो ये अनुभव जिंदगी में कभी भुलाए नहीं भूलता। जब फुहारे ना केवल आपके तन की बल्कि मन को भिगा जाती हैं। कुछ ऐसा ही बेहतरीन एहसास दिलाने वाली जगह है अंबोली हिल स्टेशन। ये हिल स्टेशन बेहद खूबसूरत है आप ख़ुद को यहां जाने से रोक नहीं पायेंगे। शहरों की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए हर कोई किसी ना किसी ऐसी जगह जाने की तलाश में रहता है, जहांक का मौसम सुहावना हो।

किस मौसम में जाएं अंबोली

ये हिल स्टेशन अधिक ऊँचाई पर स्थित है। जिसके कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है। इसलिए यहाँ गर्मियों में जाना ज़्यादा अच्छा है। जहां मौसम का लुत्फ़ आप अपने परिवार वालों के साथ उठा सकते हैं। मानसून के चलते होने बारिश यहां के झरनों की सुंदरता को अभी बढ़ा देते हैं।

अंबोली के आस-पास की सैर

श्रीगाँवकर झरना

श्रीगाँवकर झरना, शाम बिताने के लिए एक सुंदर पिकनिक स्थल है। ये अंबोली शहर से 25 कि.मी. की दूरी पे स्थित है। यह एक बड़ा पर्यटन का आकर्षण है। बारिश के दौरान यहाँ आना और भी  है ज़्यादा अच्छा रहताा है क्योंकि इस समय यहाँ हवा ठंडी और निर्मल होती है तथा चारों ओर हरियाली भी छाई रहती है।
श्रीगाँवकर प्वाइंट का रास्ता घने जंगलों से होकर गुज़रता है। यहां आपको अनेक मनोरम दृष्य देखने को मिलेंगें। इस जगह के काफी करीब भगवान शिव और देवी पार्वती का मंदिर भी स्थित है।

नंगर्ता झरना

सिंधुदुर्ग जि़ले में स्थित ये झरना मानसून में एक विशेष आकर्षण रहता है। इस झरने से निकलने वाला पानी 10 फीट गहरे खड्डे में गिरता है। जिससे एक गहरी आवाज़ गूंजती हुई सुनाई देती है। ये पुल काफी मजबूती से बना है। यहां पर्यटक नीचे खड्डे को भी देख सकते हैं। जहाँ पानी जमीन में मिलता हुआ नज़र आता है।

माधवगढ़ किला

अंबोली शहर में स्थित माधवगढ़ का विशालकाय सुंदर ऐतिहासिक किला है। इस समय यह खंडहर, पुणे में शनिवारवाड़ा नामक शाही किले से भी चार गुना ज़्यादा बड़ा है। ये किला मुख्य मार्ग पर ही है। यहँ किले की छत से आप सुंदर नज़ारें देख सकते हैं। यहां से आप अरब सागर और कोंकण तट भी एकदम साफ दिखाई पड़ता है।

स्वयं शिवजी ने किया शिव मंदिर का निर्माण

यहां पर कई सालों पुराना शिव जी का मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर को हिरण्यकेश्वर मन्दिर के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि स्वयं शिव जी ने इस मंदिर का निर्माण किया था। पार्वती जी ने इसे हिरण्यकेश्वर नाम दिया था। अंबोली के आस पास के क्षेत्र में लगभग 108 शिव मंदिर स्थित हैं।

अंबोली में देखें प्रकति का श्रृंगार

अगर विशेषज्ञों की मानें तो अंबोली हिल स्टेशन महाराष्ट्र का सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र माना जाता है। प्रकृति का यह बेहद सुन्दर उपहार पर्यटकों के मन मस्तिष्क में हमेशा के लिए मन में बस जाता है। अंबोली हिल स्टेशन में बारिश की फ़ुहारें दिल को और भी ज़्यादा रोमांचित कर देती हैं।

कैसे पहुँचे अंबोली हिल स्टेशन

सावंतवाड़ी और गोवा के पास होने से हवाई, रेल व सड़क द्वारा आप आसानी से अंबोली हिल स्टेशन पहुँच सकते हैं। हवाई जहाज़ से आने के लिए लगभग 70 कि.मी. की दूरी पर ये स्थित है। गोवा का घरेलू हवाई अड्डा यहाँ से काफ़ी करीब है। ट्रेन से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर भी आप अंबोली आसानी से पहुँच सकते हैं। 550 कि.मी. की दूरी पर बसे मुंबई और 400 कि.मी. की दूरी पर स्थित पुणे होने से अनेक बसें न केवल इन दो शहरों से बल्कि अन्य शहरों से भी आसानी से उपलब्ध होती है। जिनकी सहायता से आप सड़कमार्ग से पहुँच सकते हैं।

Anchal Shukla

मैं आँचल शुक्ला कानपुर में पली बढ़ी हूं। AKTU लखनऊ से 2018 में MBA की पढ़ाई पूरी की। लिखना मेरी आदतों में वैसी शामिल है। वैसे तो जीवन के लिए पैसा महत्वपूर्ण है लेकिन खुद्दारी और ईमानदारी से बढ़कर नहीं। वो क्या है कि मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हें याद रखती हूँ, मैं बातें भूल भी जाऊं तो लहज़े याद रखती हूँ, ज़रा सा हट के चलती हूँ ज़माने की रवायत से, जो सहारा देते हैं वो कंधे हमेशा याद रखती हूँ। कुछ पंक्तिया जो दिल के बेहद करीब हैं। "कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे हम रोये ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये"

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