तीर्थ यात्रा
Key Monastery Travel Guide : समुद्र तल से 4,166 मीटर की ऊंचाई पर स्थित की मठ हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले का एक प्रसिद्ध तिब्बती मठ है. यह एक बहुत ही खूबसूरत मठ है जो एक पहाड़ी पर स्थित है. यह मठ हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में स्पीति नदी के बहुत करीब है. इस मठ को देखकर आपको यह विश्वास करना मुश्किल होगा कि यह मठ एक हजार साल पुराना है. की मठ स्पीति घाटी में सबसे बड़ा मठ है.
इस मठ का निर्माण 11 वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था और इसमें अभी भी प्राचीन बौद्ध स्क्रॉल और पेंटिंग हैं. इस धार्मिक मठ में बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु, नन और लामा यहां अपनी धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको की मठ के बारे में बताने जा रहे हैं.
की मोनेस्ट्री की स्थापना ड्रोमन ने की थी, जो 11 वीं शताब्दी में किसी समय आतिशा के शिष्य थे. इस मठ ने अपने लंबे इतिहास में कई बार हमलों का सामना किया है और क्षतिग्रस्त हो चुका है. इस मठ पर किये गए हमलों 17 वीं शताब्दी में मंगोलों द्वारा किया गया हमला शामिल है,जब पांचवें दलाई लामा सत्ता में थे. 1830 में लद्दाख और कुल्लू के बीच युद्ध के दौरान मठ को फिर से हमले का शिकार होना पड़ा था.
1841 में गुलाम खान और रहीम खान के शासन में मठ को डोगरा सेना काफी नुकसान पहुंचाया. 1840 के दशक में आग लगने से ढांचा क्षतिग्रस्त हो गया था. 1975 में जब यहां बड़ा भूकंप आया तब और नुकसान हुआ और फिर से तबाही मच गई. इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राज्य लोक निर्माण विभाग ने इस ऐतिहासिक संरचना की मरम्मत और बरहाल का काम किया.
की मठ बार-बार होने वाले हमलों और आपदा काई मठ को भुगतना पड़ा. इस मठ की प्राथमिक संरचना का निर्माण फिर से किया गया था. निरंतर नवीनीकरण के बाद यह मठ अब एक अनियमित बॉक्स जैसी संरचना बन गया. अब यह मठ पहले की तुलना में रक्षात्मक किले की तरह दिखता है. इन सब के बाद भी यह मठ वास्तुकला का एक एक शानदार उदाहरण है जिसने चीन के प्रभाव के कारण 14 वीं शताब्दी में लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया था.
चम उत्सव की मठ के पास जून या जुलाई में एक वार्षिक उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. इस उत्सव में चाम नर्तकों को शामिल किया जाता है और लामाओं द्वारा जुलूस निकाला जाता है जो मठ के पास नीचे तरफ अनुष्ठान मैदान में नृत्य करते हैं. इस उत्सव के दौरान दानव की एक बड़ी मक्खन की मूर्ति भी स्थापित की जाती है. इस उत्सव में शामिल होने वाले भक्त जमीन पर लेटते हैं ताकि लामा उन पर चल सकें.
की मठ हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्पीति घाटी में स्पीति नदी के करीब स्थित है. यह काजा के उत्तर में लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
फ्लाइट से कैसे पहुंचें- स्पीति घाटी के लिए कोई सीधी उड़ान उपलब्ध नहीं है. यहां का नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर में है, जो कुल्लू के पास स्थित है और घाटी से 245 किमी दूर है. हालांकि, भुंतर हवाई अड्डा सीमित उड़ानों के साथ छोटा है.
बस से कैसे पहुंचें-हिमाचल राज्य परिवहन ग्रीष्मकाल में दोनों मार्गों से बसें चलाता है. चंडीगढ़, शिमला, कुल्लू, मनाली और उत्तर भारत के कुछ स्थानों से यहां के लिए सीधी बसें उपलब्ध हैं.
ट्रेन से कैसे पहुंचें- स्पीति से नजदीकी ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ में स्थित है, जिसकी देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी है. जोगिंदर नगर में एक रेलवे स्टेशन भी है जो स्पीति के सबसे नजदीक है, लेकिन इस रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी बहुत खराब है.
अपनी यात्रा को यादगार बनने और आनंद लेने के लिए आपको जून और अक्टूबर के बीच काई मठ की यात्रा करना चाहिए.
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