Interesting Travel Facts

Mumbai History : बॉम्बे से बंबई और फिर ( Mumbai ) मुंबई बनने का इतिहास क्या है, आइए जानते है

Mumbai History :  बॉम्बे, बंबई और अब ( Mumbai )  मुंबई इस शहर को ( Mayanagari ) मायानगरी के नाम से भी जाना जाता है। इसे ( City of dreams ) सपनों की नगरी भी कहते है। ये हमारी देश की ( Financial capital ) आर्थिक राजधानी भी है। इस शहर में वो लोग रहते है जो आम लोगों के दिलों पर राज करते हैं। यहां ( Bollywood ) बॉलीवुड में किस्मत आजमाने के लिए हर साल कई युवा इस शहर का रुख करते हैं। लेकिन क्या आपको बता है ये मुंबई शहर कोई आज का नहीं है। यहां की सभ्यता हजारों साल पुरानी है। इतिहास के पन्ने जब हम पलटते है तब हमें मालूम होता है की आखिर इस शहर की सभ्यता है क्या?

मुंबई का इतिहास ( History of Mumbai ) :  कांदिवली के पास उत्तरी मुंबई में मिले प्राचीन अवशेष ( Ancient relics ) ये बताते है कि ये द्वीप समूह पाषाण युग से बसा हुआ है। मानव आबादी के लिखित प्रमाण 250 ईस्वी पूर्व तक मिलते हैँ, जब इसे ( Haptanesia ) हैप्टानेसिया कहा जाता था। तीसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व में ये ( Archipelago) द्वीप समूह ( Maurya Empire ) मौर्य साम्राज्य का हिस्सा बने, जब सम्राट अशोक महान का शासन था। कुछ शुरुआती शताब्दियों में मुंबई का नियंत्रण ( Satavahana Empire ) सातवाहन साम्राज्य और ( Indo-Scythian Western Satrap ) इंडो-साइथियन वैस्टर्न सैट्रैप के बीच विवादित है। बाद में हिन्दू सिल्हारा वंश के राजाओं ने यहां 1383 तक राज किया, जब तक की गुजरात के राजा ने उन पर अधिकार नहीं कर लिया। कुछ पुरातन नमूने, जैसे ( Elephanta Caves ) ऐलीफैंटा गुफाएं और ( Balkeshwar Temple ) बालकेश्वर मंदिर में इस काल के मिलते हैं।

1534 तक मुगलों ने पूरे भारत पर कब्जा कर लिया था। मुगलों का कद बढ़ता जा रहा था। हुमायूं के बढ़ते कदमों से गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह की परेशानी बढ़ने लगी। उन्होंने अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने शुरू किए कि कैसे इस शहर पर मुगलों की परछाई पड़ने से रोका जाए। 9वीं सदी से ही मुंबई के द्वीप गुजराती परिवार के पास थे। उसी डर की वजह से बहादुर शाह ने पुर्तगालियों से हाथ मिला लिया। और एक संधि कर ली। ये संधि 1534 को हुई थी। इसका मतलब था कि बॉम्बे के 7 द्वीप जो बेसिन शहर के करीब थे (जिसे अब वसई कहते है) वो अब पुर्तगालियों के Under आएं। और यहीं से हुआ मुंबई बनने का आगाज

कैसे बॉम्बे पड़ा नाम ?: 1534 में ( Portuguese ) पुर्तगालियों ने मुंबई के द्वीपों को अपने अधीन कर लिया था। तब तक ये कई द्वीपों का समूह ही था। ( Portuguese ) पुर्तगाली इस शहर को बॉम बाहिया ( Bom bahia ) कहते थे जिसका मतलब था एक अच्छी खाड़ी। हालांकि, अंग्रेजों ने इसे बदलकर बॉम्बे कहना शुरू कर दिया और ऐसे मिला उन द्वीपों के समूह को अपना सबसे Popular नाम बॉम्बे।  1626 तक ये एक बड़ा शहर बन चुका था। यहां से कई चीजों को import, Export किया जाने लगा था। यहां वो सब कुछ था जो एक बड़े शहर में होना चाहिए था।

बॉम्बे पर अंग्रेजों की नजर: 1626 में पहली बार अंग्रेजों ने बॉम्बे की तरफ रुख किया। हालांकि, पुर्तगालियों के साथ 1612 में भी अंग्रेजों के दो-दो हाथ हो चुके थे। अंग्रेजों ने पुर्तगालियों का काफी नुकसान भी किया। हालांकि इस द्वीपों के समूह पर कब्जा करने के लिए अंग्रेजों ने एड़ी- चोटी का जोर तक लगा दिया, लेकिन बॉम्बे पर किसी भी रास्ते से जमीनी हमला करना मुमकिन नहीं था, ऐसे में अग्रेजों को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा।

दहेज में दे दिया गया बॉम्बे: अंग्रेज वैसे तो बॉम्बे पर कभी भी कब्जा नहीं कर सके, लेकिन उन्हें बॉम्बे बड़ी ही आसानी से मिल गया। 1652 में सूरत काउंसिल ऑफ ब्रिटिश अम्पायर ने अंग्रेजों के सामने पुर्तगाल से बॉम्बे खरीदने की बात रखी। लेकिन 9 साल में सब कुछ बदल गया। ब्रिटेन के चार्ल्स की शादी पुर्तगाल के राजा की बेटी कैथरीन डी ब्रि‍गांजा से हो गई, और 11 मई 1661 को बॉम्बे के 7 द्वीप ब्रिटेन को दहेज में दे दिए गए। हालांकि चार्ल्स ज्यादा दिन तक यहां पर अपना सिक्का नहीं चला पाए, लिहाजा उन्होंने इसे 1668 में ईस्ट इंडिया कंपनी को 10 पाउंड में पट्टे पर दे दिया। इस तरह बॉम्बे पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया।

अंग्रेजों का कब्जा: बॉम्बे पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया था ऐसे में बॉम्बे को आगे कैसे बढ़ाया जाए, उसके बारे में सोचा जाने लगा। कुछ सालों में कंपनी के Governor Gerald Aungier ने कई गोदामों के साथ बंदरगाहों के निर्माण कराने की योजना बनाई, और उसकी एक रिपोर्ट लंदन भेजी। जिसे वहां से समर्थन मिला और फिर नए शहर की नींव रखी गई। इसके बाद यहां पर लोगों के लिए जमीन खरीदने और घर बनाने की सुविधाओं का प्रबंध किया गया। कंपनी के गवर्नर ने कई बिल्डिंगों और द्वीपों को जोड़ने का काम किया और लोगों के लिए घर, अस्पताल, चर्च और टकसाल का निर्माण कराया। आकड़ों के मुताबिक 1670 में कंपनी के पास रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए 1,500 सैनिक थे, जिसमें अंग्रेजी और स्थानीय दोनों लोग शामिल थे। 1670 में प्रिंटिंग प्रेस स्थापित की गई और कई कारखाने लगाए गए। सन 1661 में बॉम्बे की आबादी लगभग 10 हजार ही थी। व्यापार बढ़ा तो लोगों की भी जरूरत पड़ी और 1675 में यहां की आबादी बढ़कर 60 हजार हो गई। कंपनी को लगा की बॉम्बे में काम बढ़ने लगा है, तो उन्होंने अपना मुख्यालय जो सूरत में हुआ करता था उसे 1687 में मुंबई ले आए।

बॉम्बे पर मुगलों का हमला:  बॉम्बे विकास के नए आयाम गढ़ रहा था लेकिन इसी बीच मुगलों की एंट्री हो गई। सन 1688 ईस्वीं के आसपास अंग्रेजों और मुगलों के बीच संघर्ष का दौर शुरू हुआ। जब अंग्रेजों ने मुगलों के 14 जहाजों पर कब्जा कर उन्हें बंदरगाह पर खड़ा कर दिया। ऐसे में मुगल भी कहा पीछे रहने वाले थे उन्होंने भी बदला लेने के लिए 1689 ई. में बॉम्बे पर हमला कर दिया। इस हमले में कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। मुगलों की सेना ने घरों और बाग-बगीचों को तबाह कर दिया। हालांकि बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी और मुगलों में समझौता हो गया। लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी को समझौते के पहले बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। बॉम्बे वीरान और बदहाल हो चुका था।

फिर से खड़ा हुआ बॉम्बे: भारी नुकसान से आगे की सोचकर ईस्ट इंडिया कंपनी ने बॉम्बे को फिर से विकास के रथ को आगे बढ़ाया। बॉम्बे के गवर्नर सर रोबर्ट ग्रांट ने 1779 से 1883 के बीच कई सड़कों का निर्माण कराया। 1853 में ( Victoria ) विक्टोरिया और ( Thane ) थाणे को जोड़ने वाली पहली भारतीय रेलवे लाइन का निर्माण हुआ। हालांकि, ईस्ट इंडिया कंपनी पर कई आरोप लगे और फिर ब्रिटिश क्राउन का Control हो गया। ब्रिटिश क्राउन की देखरेख में बॉम्बे में कई निर्माण कार्य हुए। जैसे Victoria Terminal, (जो अब CST टर्मिनल है) General Post Office, municipal Corporation, Prince of Wales Museum, Rajbai Tower, Bombay University, Old Secretariat. 1911 में राजा जार्ज और रानी मैरी के भारत आने पर Gateway of India बनाया गया। और फिर वो दिन आया जब सन 1947 को बॉम्बे के साथ पूरा भारत अंग्रेजों से आजाद हो गया। आजादी के बाद ये शहर बढ़ता ही गया। सन 1995 में बंबई का नाम बदलकर मुंबई कर दिया गया। मुंबई नाम ही मराठी के शब्द मुंबा आई यानि मुंबा माता के नाम से निकला है। मुंबा देवी मछुआरों की माता है।

Recent Posts

Khatu Shyam Kaun Hain : खाटू श्याम कौन हैं, राजस्थान में स्थित इस मंदिर का क्या है इतिहास, आइए जानते हैं

Khatu Shyam Kaun Hain : खाटू श्याम मंदिर में विराजने वाले भगवान खाटू श्याम कौन हैं,… Read More

20 hours ago

East Siang visiting places : अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग जिले में घूमने की है बेहतरीन जगहें

East Siang visiting places : आइए जानते हैं अरुणाचल प्रदेश में स्थित ईस्ट सियांग में… Read More

2 days ago

Lahaul and Spiti Visiting Place : लाहौल-स्‍पीति में ये जगहें किसी जन्नत से कम नहीं

Lahaul and Spiti Visiting Place: लाहौल-स्‍पीति, हिमाचल प्रदेश का एक जिला है. ये दो घाटियां… Read More

2 days ago

Beautiful Islands of India: Lakshadweep से लेकर Assam के Majuli तक, ये हैं भारत के Best आईलैंड्स

Beautiful Islands of India :आईलैंड्स पर जाकर छुट्टियों को इंजॉय करना किसकी ख्वाहिश नहीं होती… Read More

3 days ago

Pune Top Tourist Places : पुणे में घूमने की जगहों के बारे में पूरी जानकारी यहां पाएं

Top Tourist Places Pune :  पुणे इतिहास, प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिकता का मिश्रण है. पुणे… Read More

4 days ago

Uttarakhand Full Travel Guide : यहां लें उत्तराखंड के 41 Best Hill Station की पूरी जानकारी

Uttarakhand Full Travel Guide की इस सीरीज में हम जानेंगे उत्तराखंड के 41 बेस्ट ट्रेवल… Read More

5 days ago