Delhi Chhatarpur Temple: Complete information about history, architecture, and travel.
Chhatarpur Mandir जिसे छतरपुर मंदिर कहा जाता है, दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध और भव्य मंदिरों में से एक है। यह मंदिर न सिर्फ आध्यात्मिक श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि वास्तुकला प्रेमियों और पर्यटकों के लिए भी एक अद्भुत स्थल है। अगर आप एक दिन शांति, भक्ति और खूबसूरती में बिताना चाहते हैं तो छतरपुर मंदिर जरूर जाएं।
छतरपुर मंदिर की स्थापना संत बाबा नागपाल जी द्वारा की गई थी। मंदिर का निर्माण कार्य 1974 में शुरू हुआ था और यह पूरी तरह 1980 के दशक में पूरा हुआ। यह मंदिर दुर्गा मां के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित है। बाबा नागपाल जी को मां कात्यायनी का परम भक्त माना जाता है।
मंदिर परिसर में अनेक अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी बने हैं, जैसे—राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, भगवान राम, हनुमान जी, गणेश जी, आदि। बाबा नागपाल जी की समाधि भी मंदिर परिसर में स्थित है, जहां आज भी श्रद्धालु मत्था टेकते हैं।
संत बाबा नागपाल जी को उत्तर भारत में विशेष रूप से दिल्ली और एनसीआर के लोगों के बीच एक दिव्य पुरुष, तपस्वी संत और चमत्कारी गुरु के रूप में पूजा जाता है। वे मुख्य रूप से छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Mandir, Delhi) के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं, जो भारत के सबसे बड़े और भव्य हनुमान मंदिरों में से एक है।
बाबा नागपाल जी का जन्म पंजाब में हुआ था, और उन्होंने बहुत ही कम उम्र में सांसारिक जीवन त्याग कर सन्यास और साधना का मार्ग अपनाया। माना जाता है कि उन्होंने हिमालय की कंदराओं में वर्षों तक तप किया और वहीं से उन्हें दिव्य ज्ञान और चमत्कारी शक्तियां प्राप्त हुईं।
उनका जीवन सादगी, सेवा और तपस्या का प्रतीक था। वे अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए कभी-कभी ही प्रकट होते थे, लेकिन उनका प्रभाव उनके हजारों-लाखों अनुयायियों के जीवन में गहराई से महसूस होता था।
छतरपुर मंदिर की वास्तुकला उत्तर और दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर दिन में सूरज की रोशनी में और रात में जगमग रोशनी में स्वर्गिक सौंदर्य का अनुभव कराता है। इसमें नक्काशीदार स्तंभ, कलात्मक मेहराब, और विस्तृत मंदिर परिसर शामिल है।
विशेष बात यह है कि यह मंदिर लगभग 70 एकड़ भूमि में फैला है, और इसमें कई बड़े-बड़े सभागार और हॉल भी हैं जहां धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
स्थान: छतरपुर, दक्षिणी दिल्ली, भारत
निकटतम मेट्रो स्टेशन: छतरपुर मेट्रो स्टेशन (Yellow Line) – मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर
पता: Chhatarpur Temple Road, Chhatarpur, New Delhi – 110074
हवाई मार्ग (By Air):
IGI एयरपोर्ट, दिल्ली मंदिर से करीब 12 किमी दूर है।
टैक्सी, ओला/उबर या मेट्रो से आसानी से पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग (By Train):
नजदीकी रेलवे स्टेशन है नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS), जो मंदिर से करीब 20 किमी दूर है।
वहां से मेट्रो या टैक्सी से मंदिर पहुंचा जा सकता है।
मेट्रो मार्ग (By Metro)
छतरपुर मेट्रो स्टेशन (Yellow Line) से मंदिर कुछ ही कदम की दूरी पर है। यह सबसे सुविधाजनक और तेज़ तरीका है।
सड़क मार्ग (By Road):
दिल्ली-NCR से टैक्सी, बस या निजी वाहन द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
मंदिर परिसर में पार्किंग की अच्छी व्यवस्था भी है।
समय:
मंदिर हर दिन खुला रहता है
सुबह 6:00 AM से रात 10:00 PM तक दर्शन किए जा सकते हैं
नवरात्रि (Navratri) के दौरान यह मंदिर विशेष रूप से सजाया जाता है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है
सर्दियों (अक्टूबर से मार्च) के महीनों में दर्शन के लिए मौसम सबसे सुखद रहता है
छतरपुर मंदिर में क्या देखें? (Things to See at Chhatarpur Mandir)
कात्यायनी देवी मंदिर: मुख्य मंदिर जहां मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा होती है।
बाबा नागपाल समाधि स्थल: यहां भक्त बाबा जी को श्रद्धांजलि देने आते हैं।
भव्य सभागार (Halls): धार्मिक प्रवचन और कीर्तन के लिए।
हनुमान जी की विशाल मूर्ति
शिव-पार्वती मंदिर
राधा-कृष्ण और राम दरबार
प्राकृतिक बगीचे और शांत वातावरण
पास में क्या करें? (Nearby Attractions)
कुतुब मीनार (Qutub Minar) – 6 किमी
गॉर्डन ऑफ फाइव सेंस (Garden of Five Senses) – 8 किमी
साकेत मॉल्स (Select Citywalk etc.) – 6-7 किमी
हौज खास विलेज – 10 किमी
मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण की व्यवस्था है
बाहर कई अच्छे शाकाहारी रेस्टोरेंट और स्ट्रीट फूड ऑप्शन मिल जाते हैं
मंदिर के पास ही छोटे कैफे और फूड स्टॉल्स भी उपलब्ध हैं
त्योहारों के समय बहुत भीड़ होती है, इसलिए समय से पहले पहुंचें
मोबाइल कैमरा ले जाना अनुमति है, लेकिन मंदिर के अंदर फ्लैश फोटोग्राफी से बचें
जूते और चप्पल मंदिर के बाहर जमा करने की उचित व्यवस्था है
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