Goverdhan Puja: know why Govardhan Puja is celebrated, what is the mythology behind it
Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा को दिवाली के अगले दिन बाद मनाया जाता है, लेकिन इस बार गोवर्धन पूजा सूर्य ग्रहण के कारण दीवाली के एक दिन बाद मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में काफी प्रसिद्ध है. (Govardhan puja) परंपरा के अनुसार इस दिन खास तौर पर गाय के गोबर से गोवर्धन पहाड़ बनाया जाता है, (Govardhan puja) जिसे गोवर्धन पहाड़ के नाम से जाना जाता है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है.
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(Govardhan Puja) इस दिन घरों में गाय के गोबर से गोवर्धननाथ जी की छवि बनाकर उनका पूजन किया जाता है और अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. यह परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है. श्रीमद्भागवत में इस बारे में कई स्थानों पर उल्लेख प्राप्त होते हैं. उसके अनुसार भगवान कृष्ण ने ब्रज में इंद्र की पूजा के स्थान पर कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा आरंभ करवाई थी.
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कथानुसार भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर संपूर्ण गोकूल वासियों की इंद्र के कोप से रक्षा की थी. जब इन्द्र का अभिमान चूर हो गया तब उन्होने श्री कृष्ण से क्षमा मांगी. सात दिन बाद श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत नीचे रखा और ब्रजबासियों को प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व मनाने को कहा. तभी से यह पर्व मनाया जाता है.
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