Interesting Travel FactsTeerth YatraTravel History

Gita Press History : जानिए गीता प्रेस के 100 साल का इतिहास

Gita Press History :  गीता प्रेस का इतिहास बिल्कुल अलग और दिलचस्प है. गोरखपुर के शेखपुर इलाके की एक इमारत में धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन और प्रिंटिंग का काम किया जाता है. आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे गीता प्रेस के इतिहास के बारे में…

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गीता प्रेस है. इसे 2021 का गांधी शांति पुरस्कार मिला है. यह पुरस्कार गीता प्रेस को अहिंसा और गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन में योगदान के लिए दिया गया है. .’

गीता प्रेस हिंदू ग्रंथों का सबसे बड़ा पब्लिशर है || Gita Press is the largest publisher of Hindu scriptures

गोरखपुर में स्थापित गीता प्रेस हिन्दू धार्मिक ग्रंथों का विश्व का सबसे बड़ा पब्लिशर  है. इसकी स्थापना 29 अप्रैल, 1923 को जय दयाल गोयनका, घनश्याम दास जालान और हनुमान प्रसाद पोद्दार ने की थी. गीता प्रेस की स्थापना का उद्देश्य सनातन धर्म के सिद्धांतों या हिंदू धर्म के शाश्वत सत्य को बढ़ावा देना था. संस्थापकों में से एक हनुमान प्रसाद पोद्दार, गीता प्रेस के कल्याण पत्रिका के आजीवन संपादक भी थे.

Parmarth Niketan : ऋषिकेश के सबसे बड़े परमार्थ आश्रम में मिलती है ये सुविधाएं

अपनी स्थापना के पांच महीने बाद, गीता प्रेस ने 600 रुपये में एक प्रिंटिंग मशीन खरीदी. गीता प्रेस के अभिलेखागार में 3,500 से अधिक पांडुलिपियां हैं.

41 करोड़ से ज्यादा किताबें छपीं ||More than 41 crore books printed

गीता प्रेस गोविंद भवन कार्यालय की एक इकाई है, जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत है. अब इसे पश्चिम बंगाल सोसायटी अधिनियम, 1960 के रूप में जाना जाता है.गीता प्रेस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अब तक 41.7 करोड़ से अधिक पुस्तकें मुद्रित की जा चुकी है.  ये किताबें हिंदी के अलावा 14 भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिनमें मराठी, गुजराती, उड़िया, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, नेपाली, अंग्रेजी, बंगाली, तमिल, असमिया और मलयालम शामिल हैं.

गीता प्रेस ने अब तक श्रीमद्भगवद्गीता की 16.21 करोड़ से अधिक प्रतियां छापी हैं. इसके अलावा इसने तुलसीदास की 11.73 करोड़ कृतियों और पुराणों और उपनिषदों की 2.68 करोड़ प्रतियां छापी हैं.

Neelkanth Mahadev Temple : नीलकंठ महादेव मंदिर के बारे में जानें सबकुछ

गीता प्रेस कैसे काम करता है || how does geeta press work

गीता प्रेस की वेबसाइट के मुताबिक इस संस्था का प्रबंधन गवर्निंग काउंसिल (ट्रस्ट बोर्ड) संभालती है. गीता प्रेस न तो चंदा मांगता है और न ही विज्ञापनों से पैसा कमाता है. इसकी पूरी लागत उन व्यक्तियों और संगठनों द्वारा वहन की जाती है जो उचित मूल्य पर मुद्रण सामग्री प्रदान करते हैं.

इतिहास में पहली बार 2014 में हड़ताल

दिसंबर 2014 में गीता प्रेस के कर्मचारी अपने वेतन को लेकर हड़ताल पर चले गए. इसके बाद गीता प्रेस ने भी अपने तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. हालांकि, बाद में कर्मचारी संघ और गीता प्रेस के ट्रस्टियों के बीच हुई बैठक में मामला सुलझ गया. गीता प्रेस ने उन तीन कर्मचारियों को भी वापस काम पर रख लिया जिन्हें उसने पहले निकाल दिया था. गीता प्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि वह लगभग तीन सप्ताह तक बंद रहा.

Komal Mishra

मैं हूं कोमल... Travel Junoon पर हम अक्षरों से घुमक्कड़ी का रंग जमाते हैं... यानी घुमक्कड़ी अनलिमिटेड टाइप की... हम कुछ किस्से कहते हैं, थोड़ी कहानियां बताते हैं... Travel Junoon पर हमें पढ़िए भी और Facebook पेज-Youtube चैनल से जुड़िए भी... दोस्तों, फॉलो और सब्सक्राइब जरूर करें...

error: Content is protected !!