Lepakshi Temple Andhra Pradesh: कैसे पहुंचे, कब जाएं और क्या देखें?
Lepakshi Temple Andhra Pradesh: प्राचीन भारत की वास्तुकला कितनी अनोखी है, इसका शानदार उदाहरण है लेपाक्षी मंदिर (Lepakshi Temple)। लेपाक्षी मंदिर, आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है. Lepakshi Temple, जिसे Veerbhadra Temple भी कहा जाता है. यह अपने अनोखे architecture के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें Hanging Pillars और Cave Chambers शामिल हैं जो हर visitor को आश्चर्यचकित कर देते हैं. कभी Vijayanagara Empire का केंद्र बिंदु रहा यह स्थल अब cultural और archaeological दृष्टि से महत्वपूर्ण है. यहां स्थित shrine of Veerabhadra पूरे क्षेत्र का आकर्षण है.
इस मंदिर का सबसे पवित्र और प्रसिद्ध आकर्षण Durga Padam है, जिसे Maa Sita का footprint माना जाता है. मंदिर में प्रवेश करते ही आप Vijayanagara kingdom के इतिहास की झलक पाते हैं. यहां के चित्रों में musicians, saints, Parvati और Lord Shiva के व्यू नजर आते हैं.
मंदिर की hanging pillar सबसे विचित्र और अद्भुत है. मुख्य हॉल में लटकती यह pillar Shiva और Parvati के विवाह के स्वागत हॉल में स्थित है. इस pillar की खासियत यह है कि इसे British Engineer ने हिलाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे। लोग इसके नीचे कपड़े भी पास करते हैं, इसकी अनोखी स्थिति को अनुभव करने के लिए.
Lepakshi Temple में स्थित Naglinga भारत का सबसे बड़ा Monolithic Naglinga है. इतिहास कहता है कि इसे sculptors ने सिर्फ एक घंटे में बनाया था.
मंदिर की pillars पर उकेरी गई Lepakshi saree designs Indian craftsmanship का बेहतरीन उदाहरण हैं. हर carving एक masterpiece है, जो creativity और skill को दर्शाती है.
Lepakshi का इतिहास 16वीं शताब्दी के Vijayanagara साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। इसे Virabhadra, भगवान शिव के एक वीर अवतार, को समर्पित किया गया है। कहा जाता है कि यह मंदिर Bukka और Harihara, Vijayanagara सम्राटों के शासनकाल में बनाया गया था।
मंदिर का निर्माण स्थानीय शासक Virupanna Nayaka और उनके भाई Viranna Nayaka ने कराया था। ये दोनों शासक Vijayanagara साम्राज्य के अधिकारी थे और उन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
Lepakshi Temple Vijayanagara स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर की वास्तुकला में लटकते स्तंभ (Hanging Pillars) और विशाल गुम्बदों वाले मन्दिर हॉल शामिल हैं। यहाँ की दीवारों पर भित्ति चित्र (Frescoes) और मूर्तिकला अतुलनीय है।
Hanging Pillars (लटकते स्तंभ): मंदिर की सबसे खास बात इसके लटकते स्तंभ हैं। कहा जाता है कि इन स्तंभों में इतनी सूक्ष्मता और संतुलन है कि एक स्तंभ को हल्के से धक्का देने पर भी यह बिना सहारे के हिलते हैं।
Nandi Bull Statue (नंदी बैल): मंदिर में विशाल नंदी बैल की मूर्ति भी है, जो भारत की सबसे बड़ी पत्थर की मूर्तियों में से एक मानी जाती है।
भित्ति चित्र: मंदिर की दीवारों पर भगवान शिव, पार्वती, और वीरभद्र के जीवन और कथाओं को दर्शाया गया है।
Lepakshi Temple न केवल स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी यह शिव भक्तों के लि ए अत्यंत पूजनीय स्थान है। यहाँ विशेष रूप से Maha Shivaratri के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर का नाम Lepakshi पौराणिक कथा से भी जुड़ा है। माना जाता है कि जब Veerabhadra ने शिव की पत्नी पार्वती के सम्मान की रक्षा के लिए एक युद्ध लड़ा, तो उसकी तलवार के धक्के से आसमान से गिरते हुए एक अंगूठा यहाँ गिरे और यह जगह “Le Pakshi” यानी “पकड़े हुए पक्षी” के नाम से प्रसिद्ध हुई।
Vijayanagara साम्राज्य के दौरान, मंदिर निर्माण और स्थापत्य कला का उत्कर्ष हुआ। Lepakshi Temple इसी साम्राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक और कलात्मक उपलब्धियों का प्रतीक है। इस मंदिर में Vijayanagara वास्तुकला की मूर्तिकला, नक्काशी और पेंटिंग्स की उत्कृष्ट झलक देखने को मिलती है।
मंदिर के Mandapa (हॉल) और Gopuram (मंदिर का प्रवेश द्वार) पर Vijayanagara शैली की नक्काशी, देवताओं और शिल्पियों की अद्भुत कला को दर्शाती है।
Lepakshi Temple आज Andhra Pradesh Tourism के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ आने वाले पर्यटक सिर्फ धार्मिक उद्देश्य से ही नहीं, बल्कि स्थापत्य कला और इतिहास के अध्ययन के लिए भी आते हैं।
अक्टूबर से मार्च तक का समय Lepakshi Temple घूमने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
Lepakshi Temple में Vijayanagara वास्तुकला की खासियतों को देखा जा सकता है। मंदिर में छत, स्तंभ, प्रवेश द्वार और दीवारें सभी intricately नक्काशीदार हैं।
Ceiling Paintings (छत की पेंटिंग्स): भगवान शिव, देवी पार्वती, और वीरभद्र की कथाओं को दर्शाती हैं।
Stone Carvings (पत्थर की नक्काशी): सभी स्तंभों और दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है।
Musical Pillars (संगीत स्तंभ): कुछ स्तंभ ऐसे हैं, जिन्हें हल्के से छूने पर संगीत जैसी ध्वनि निकलती है।
मंदिर के निर्माण से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाएँ भी प्रसिद्ध हैं:
Veerabhadra की कथा: भगवान शिव ने अपनी पत्नी पार्वती के सम्मान की रक्षा के लिए Veerabhadra को भेजा। लड़ाई में यहां Veerabhadra ने अपने शत्रुओं का वध किया।
Nandi का स्थान: मंदिर में स्थित नंदी बैल की मूर्ति अपने विशाल आकार और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि नंदी बैल मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की रक्षा करता है।
Frescoes और चित्रकला: मंदिर की भित्ति चित्रकला में भगवान शिव और उनके परिवार की कथाएँ और Vijayanagara कालीन जीवन शैली का चित्रण है।
Lepakshi Temple को Archaeological Survey of India (ASI) द्वारा संरक्षित किया गया है। यहाँ की स्थापत्य कला और मूर्तिकला ने इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
मंदिर Vijayanagara Architectural Style का उदाहरण है और इसे तीन मुख्य भागों में बाँटा गया है:
Mukha Mandapa (Assembly Hall)
Arda Mandapa (Ante-Chamber)
Garbhagriha (Sanctum Sanctorum)
पिलर और दीवारों पर divine beings, musicians, dancers, saints और Lord Shiva के 14 avatars की चित्रकारी की गई है. Fresco painting technique का उपयोग कर रामायण, महाभारत और पुराणों के दृश्य बने हैं. Ante-Chamber की ceiling पर Asia का सबसे बड़ा fresco painting है, जो 23×13 फीट में है.
Sanctum entrance पर goddesses Yamuna और Ganga की प्रतिमाएं हैं. Hall की बाहरी columns पर soldiers और horses की carvings हैं। Northeastern hall में Nataraja और Brahma के चित्र हैं। Southwest hall में Parvati और attendants का व्यू है.
Veerbhadra को sanctum में deified किया गया है, और उनके life-size image को skulls से सजाया गया है. कहा जाता है कि Sage Agasthya ने यहां Linga स्थापित किया. Ceiling पर मंदिर बनाने वाले Virupanna और Viranna की चित्रकला भी है.
शाम को visit करते समय torch साथ रखें.
सभ्य कपड़े पहनें.
गर्मी से बचने के लिए पानी लगातार पीते रहें.
By Air
सबसे नजदीकी एयरपोर्ट Bangalore International Airport है, जो लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। Bangalore Airport से Lepakshi Temple पहुँचने में कार या टैक्सी से लगभग 3–4 घंटे लगते हैं. अगर आप Hyderabad से यात्रा कर रहे हैं, तो Rajiv Gandhi International Airport, Hyderabad सबसे करीबी है, और वहां से यात्रा का समय लगभग 6–7 घंटे है.
By Train
Lepakshi Temple का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन Guntakal Junction है, जो लगभग 50 किलोमीटर दूर है. यहां से आप टैक्सी या बस के माध्यम से सीधे मंदिर पहुँच सकते हैं। इसके अलावा, Anantapur Junction भी एक और नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो राज्य और पड़ोसी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
By Road
Lepakshi Temple सड़क मार्ग से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है. Bangalore से National Highway 44 (NH44) के माध्यम से सीधे मंदिर पहुंचना संभव है. Temple के आसपास अच्छी सड़क सुविधा उपलब्ध है और निजी कार या टैक्सी सबसे सुविधाजनक विकल्प हैं। Bangalore से Lepakshi Temple का रास्ता लगभग 3–4 घंटे का है.
Local Transport
मंदिर के नजदीक छोटे वाहन और ऑटो रिक्शा उपलब्ध हैं, जो Guntakal Junction और Anantapur से सीधे पहुंचाते हैं. कुछ टूर ऑपरेटर्स Lepakshi Temple को शामिल करते हुए day trip भी ऑफर करते हैं.
अगर आप Andhra Pradesh Tourism का हिस्सा बनना चाहते हैं और भारतीय स्थापत्य कला का अनुभव करना चाहते हैं, तो Lepakshi Temple आपके लिए एक अद्वितीय स्थल है.
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