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Kartarpur Corridor Journey : कैसे पहुंचे करतारपुर साहिब , Tips to Know

करतारपुर कॉरिडोर ( Kartarpur Corridor ) की यात्रा मेरी लाइफ में अब तक की सबसे यादगार यात्रा बनी. इस यात्रा ने मुझे ऐसे अनुभव दिए जो जीवनभर मेरे साथ चलेंगे. मैं इस यात्रा से जुड़ी हर बातें आपसे शेयर करूंगा. मेरे लेख अलग अलग हिस्से में आएंगे. करतारपुर यात्रा ( Kartarpur Corridor ) की पहली कड़ी में मैं आपको इस यात्रा की जानकारी दूंगा. आप इस यात्रा को किस तरह से अच्छे से पूरा कर सकते हैं आपको इस लेख से इसकी जानकारी मिलेगी.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के नरोवाल जिले में शकरगढ़ तहसील के अंदर बना हुआ एक गुरुद्वारा है. सिखों के पहले गुरू, गुरू नानक देव जी, इसी जगह 18 साल रहे थे. उनके देहावसान के बाद मुस्लिम धर्म के लोगों ने उनके निवास के बाहर उनकी मजार बनाई जबकि हिंदुओं ने अंदर उनकी समाधि. गुरू नानक देव जी ही सिख धर्म के संस्थापक भी हैं.

करतारपुर साहिब की यात्रा के लिए आपके पास दो रास्ते हैं. एक पाकिस्तान का वीजा लेकर वाघा बॉर्डर के रास्ते वहां प्रवेश कर आप करतारपुर गुरुद्वारा जा सकते हैं और दूसरा भारत के डेरा नानक बाबा के रास्ते… डेरा बाबा नानक के रास्ते होने वाले सफर के लिए आपको वीजा की जरूरत नहीं होगी, हालांकि इस यात्रा पर आपको उसी दिन वापस भारतीय सीमा में दाखिल होना होगा.

बाबा डेरा नानक के रास्ते करतारपुर बॉर्डर से होकर गुरुद्वारे तक पहुंचने का अनुभव मैंने गुरु नानक जी के 550वें जन्मदिन पर लिया. इस यात्रा की जानकारी मैं आपसे शेयर करूंगा ताकि आप अपनी यात्रा को सही तरीके से पूरा कर सकें.

पहले कराएं रजिस्ट्रेशन (Registration for Kartarpur Sahib Gurudwara)

बाबा डेरा नानक के रास्ते करतारपुर तक पहुंचने के लिए आपको https://prakashpurb550.mha.gov.in/ की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर कराना होगा. इस वेबसाइट पर टॉप नेविगेशन पर अप्लाई ऑनलाइन पर आपको टैप करना होगा. इसके बाद आप जैसे जैसे आगे बढ़ते जाएंगे, रजिस्ट्रेशन का तरीका समझते जाएंगे. इसमें आपको अपनी फोटो, पासपोर्ट का पहला और आखिरी पेज की तस्वीर भी अपलोड करनी होगी. ध्यान रहे, यात्रा की तारीख भी आप यहीं से चुनते हैं.

रजिस्ट्रेशन के पूरे प्रोसेस के बाद आप फाइल को डाउनलोड भी कर सकते हैं, अन्यथा रजिस्ट्रेशन की कन्फर्मेशन वाला एसएमएस से भी काम चल सकता है. अब यहां आपका काम हो गया. रजिस्ट्रेशन के बाद एलआईयू ऑफिसर आपसे कुछ दिन में संपर्क करेंगे. वह आपकी रिकॉर्ड को जांचेंगे. यह वेरिफिकेशन प्रोसेस पासपोर्ट बनते वक्त होने वाले वेरिफिकेशन जैसा ही होता है.

इस वेरिफिकेशन में अगर आप वेरिफाई कर लिए जाते हैं तो प्रक्रिया आगे बढ़ती है. अब मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स यानी गृह मंत्रालय का कोई अधिकारी आपके घर को विजिट करता है. वह आपसे न सिर्फ आपकी बल्कि परिवार के सभी सदस्यों की भी जानकारी लेगा. इस जांच में खरा उतरने के बाद चार से पांच दिन में आपको मैसेज के जरिए अपने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बाद एलिजिबिलिटी को लेकर सूचित किया जाता है. अगर आपको यात्रा की अनुमति मिल जाती है तो अब आप आगे की तैयारी करें. रजिस्ट्रेशन की अप्रूवल के बाद आपक फिर से वेबसाइट के टॉप नेविगेशन पर रजिस्ट्रेशन स्टेटस पर टैप करना होगा. यहां डीटेल्स डालकर आप अप्रूवल का लेटर डाउनलोड कर लें. यात्रा में पासपोर्ट के अलावा यही चीज सबसे ज्यादा जरूरी रहेगी.

कैसे पहुंचे करतारपुर साहिब ? (How to reach Kartarpur Sahib)

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बाद अगर आप यात्रा के लिए योग्य रहते हैं तो आपको बाबा डेरा नानक पहुंचना होगा. इस स्थल पर भी एक पवित्र गुरुद्वारा है. बाबा डेरा नानक ही भारत की तरफ से वो चेकपॉइंट है, जहां से आप पाकिस्तान में प्रवेश करते हैं. आपको यहां तक पहुंचने के लिए सबसे मुफीद जगह अमृतसर है. अमृतसर तक आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग अथवा बस से पहुंच सकते हैं. अमृतसर से बाबा डेरा नानक बस स्टैंड पहुंचने में कुल दो घंटे का वक्त लगता है. हालांकि आपके स्थल से यदि बाबा डेरा नानक की सीधी बस सर्विस है तो भी आप यहां पहुंच सकते हैं. बस स्टैंड से करतारपुर इमिग्रेशन चेकपॉइंट की दूरी लगभग तीन किलोमीटर के आसपास है. आप फ्री बस सर्विस के जरिए भी इस चेकपॉइंट तक पहुंच सकते हैं या फिर पैदल भी.

चलकर जाने में एक फायदा ये है कि आप बाबा डेरा नानक के दर्शन कर सकेंगे, वर्ना बस आपको हाइवे से (करतारपुर कॉरिडोर के मार्ग) से लेकर जाएगी.

इमिग्रेशन चेकपॉइंट पर क्या करें (What to do at Kartarpur immegration check point ?)

इमिग्रेशन चेकपॉइंट पर पासपोर्ट और मिनिस्ट्री का लेटर हाथ में निकाल लें. अंदर आपके इन्हीं डॉक्टूमेंट्स को देखा जाएगा. हो सकता है आपसे वेलिड आईडीकार्ड भी मांग लिया जाए. इसके बाद आपके सामान की चेकिंग की जाएगी. सामान के साथ साथ आपकी चेकिंग होने के बाद आपको पोलियो की ड्रॉप्स पिलाई जाएंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान अभी पोलियो से मुक्त नहीं हुआ है.

कस्टम चेकिंग और बाकी कार्रवाई के बाद आप इमिग्रेशन पॉइंट से एग्जिट करेंगे. आपको एक इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा भारत-पाक की सीमा तक लेकर जाएगा. यहां एक बार फिर आपके अप्रूवल लेटर और पासपोर्ट को देखा जाएगा. अब यहां से आप पाक सीमा में प्रवेश करेंगे. पास सीमा में एक ई-रिक्शा आपको पाकिस्तान के इमिग्रेशन पॉइंट तक लेकर जाएगा. इसकी दूरी कोई एक किलोमीटर के लगभग है.

पाकिस्तान के इमिग्रेशन पॉइंट पर क्या करें, क्या न करें (What to do at Pakistan Immegration point in Kartarpur Sahib)

पाकिस्तान के इमिग्रेशन पॉइंट पर भी आपके पासपोर्ट और मिनिस्ट्री की तरफ से मिले लेटर को देखा जाएगा. मैं चूंकि जिस दिन गया था उस दिन यात्रा का सर्विस चार्ज नहीं लिया गया था इसलिए आप 20 डॉलर की लगने वाली राशि रख लें. पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारे के पास एक मार्केट भी बना रखी है. यदि आप वहां से कुछ लाना चाहते हैं तो समुचित राशि को एक्सचेंज करा लें. याद रहे वहां चीजें थोड़ी महंगी हो सकती हैं और लौटते वक्त करेंसी वापस बदलवाने में आपसे लगभग दोगुने चार्ज लिए जाते हैं. इसलिए आवश्यक हो तभी करेंसी एक्सचेंज कराएं.

इसके बाद आप इमिग्रेशन बिल्डिंग में दाखिल होते हैं. बिल्डिंग में आपके डॉक्यूमेंट की जांच होती है, फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं और फिर आप इससे एग्जिट करते हैं. इसके बाद एक बस आपका इंतजार कर रही होती है जो आपको गुरुद्वारे पर लेकर जाती है. ये बस बीच में पड़ने वाली रावी नदी से होकर गुजरती है. इस नदी पर पाकिस्तान सरकार ने कॉरिडोर के तहत आने वाले नए पुल को निर्माण किया है. बस में बैठने के चंद ही मिनटों बाद आप करतारपुर गुरुद्वारे के सामने होते हैं.

करतारपुर गुरुद्वारे में (In Kartarpur Sahib)

करतारपुर गुरुद्वारे में प्रवेश करते ही बहुत बड़ा परिसर आपका स्वागत करता है. आप परिसर देखकर मंत्रमुग्ध होइए, उससे पहले अपना सामान दाहिनी तरफ बने जूता घर और लॉकर रूम में जरूर रख दें. ऐसा करने के बाद आप पूरा परिसर आसानी से घूम सकते हैं.

इसी परिसर में आप पवित्र कुआं, गुरू नानक देव जी की समाधि-दरगाह, इत्यादि के भी दर्शन कर सकते हैं. एक पेंटिंग म्यूजियम है, उसे आपको जरूर देखना चाहिए. इसके अलावा भी यहां ढेरों आकर्षण हैं. करतारपुर गुरुद्वारे का पूरा वीडियो यहां देखें

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