Lipu Lech Trek, Lipu Lech Pass, Lipulekh Pass Full Travel Guide, How to Reach Lipulekh pass, Lipulekh Pass in Pithoragarh
Lipulekh Pass is Adi Kailash
उत्तराखंड में, लिपुलेख पास, धारचुला की चौदान वैली में पड़ता है. धारचुला, पिथौरागढ़ जिले का एक सब डिस्ट्रिक्ट है. यह कुमाऊं रेंज में पड़ता है. ये क्षेत्र नेपाल की ब्यास वैली और तिब्बत से जुड़ता है. तिब्बत चीन का स्वायत्ता वाला क्षेत्र है. भारतवर्ष में कैलाश पर्वत तक होने वाली कैलाश मानसरोवर की यात्रा इसी रास्ते से होकर गुजरती है.
History of Lipulekh Pass
Lipulekh Pass का एक अद्भुत इतिहास है. प्राचीन काल में व्यापारी, दवा के खोजकर्ता और श्रद्धालु इस मार्ग का इस्तेमाल करते थे. यह मार्ग तभी से भारत के उत्तराखंड और देश नेपाल को तिब्बत के टकलाकोट (पुरांग) से जोड़ता रहा है. इस वक्त, यह मार्ग हर साल जून से सितंबर के महीने में क्रॉस बॉर्डर ट्रेड के लिए खुलता है.
Some Facts About Lipulekh Pass
लिपुलेख पास भारत का पहला बॉर्डर पोस्ट है जिसे 1992 में चीन के साथ ट्रेड के लिए खोला गया था.
लिपुलेख पास 4 ऑफिशियली एग्रीड BPM (Border Personnal Meeting) में से एक है.
यह प्राचीन काल से ही कैलाश मानसरोवर यात्रा का मार्ग है.
Lipulekh Pass Trek Itinerary
लिपुलेख पास का ट्रेक पिथौरागढ़ जिले के पांगु गांव से शुरू होता है. पांगु गांव में अच्छी सड़क है जहां प्रमुख शहरों से बस या टैक्सी के जरिए पहुंचा जा सकता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि विदेशी यात्रियों को सिर्फ बूधी तक यात्रा की अनुमति है. अगर कोई भारतीय इनर लाइन तक की यात्रा करना चाहता है तो परमिट की आवश्यकता होती है जो पिथौरागढ़ का स्थानीय प्रशासन जारी करता है.
पहला दिन : दिल्ली – अल्मोड़ा (वाहन से 400 किलोमीटर)
दिल्ली से यात्रा करने के दौरान, आप दिल्ली से अल्मोड़ा तक की (वाया गाजियाबाद-काठगोदाम) बस ले सकते हैं. बस अल्मोड़ा पहुंचाने में लगभग 14 घंटे लेगी. आप जिन दिन अल्मोड़ा पहुंचे, बेहतर होगा उस दिन वहीं विश्राम करें.
दूसरा दिन : अल्मोड़ा-धारचूला (वाहन से 207 किलोमीटर)
अल्मोड़ा से सुबह सुबह धारचूला के लिए बस लें. बस आपको धारचूला पहुंचाने में 10 घंटे लेगी. आप यहां डिनर करें और रात्रि विश्राम यहीं करें.
तीसरा दिन : धारचूला-पांगू (वाहन से 50 किलोमीटर)
धारचूला से सुबह सुबह एक बस पांगू के लिए लें. यहां आराम करें और अगले दिन ट्रेक की तैयार करें. (अल्मोड़ा से पांगू की यात्रा भी एक दिन में की जा सकती है)
चौथा दिन : पांगू-गाला (25 किलोमीटर का ट्रेक)
पांगू से गाला की दूरी 25 किलोमीटर की है. सुबह इस ट्रेक की शुरुआत करें और गाला पहुंच जाएं. यहां आपको ढेरों टूरिस्ट फैसिलिटी मिल जाएंगी जिसमें टूरिस्ट बंगलो, कैंप्स, रेस्ट हाउसेस शामिल हैं.
पांचवा दिन : गाला-बूधी (20 किलोमीटर का ट्रेक)
गाला में ब्रेकफास्ट करने के बाद आपको बूधी के लिए 20 किलोमीटर का ट्रेक करना होगा. रात को यहीं विश्राम करें.
छठा दिन : बूधी-गूंजी (17 किलोमीटर का ट्रेक)
बूधी से आपको 17 किलोमीटर का एक और ट्रेक करना होगा ताकि आप गूंजी पहुंच सकें. आप यहीं डिनर करें और रात्रि विश्राम भी.
सातवां दिन : गूंजी-नवी ढांग (20 किलोमीटर का ट्रेक)
सुबह का 20 किलोमीटर का ट्रेक आपको नवी ढांग पहुंचा देगा. यहां से आपको ओम पर्वत का जादुई नजारा दिखाई देगा. नवी ढांग में थोड़ा आराम करने के बाद, लिपुलेख के लिए यात्रा शुरू कर दें.
आठवां दिन : नवी ढांग-लिपुलेख (7 किलोमीटर का ट्रेक)
नवी ढांग से 7 किलोमीटर का ट्रेक करिए और पहुंच जाइए लिपुलेख. लिपुलेख से दिखाई देने वाला सुंदर नजारा आपकी थकान को दूर कर देगा. इसके बाद वापसी के लिए इसी रूट को फॉलो करें.
नवां दिन : लिपुलेख-गूंजी (27 किलोमीटर का ट्रेक)
दसवां दिन : गूंजी-बूधी (17 किलोमीटर का ट्रेक)
11वां दिन : बूधी-गाला (20 किलोमीटर का ट्रेक)
12वां दिन : गाला-पांगू (25 किलोमीटर का ट्रेक)
13वां दिन : पांगू-धारचूला (वाहन से 50 किलोमीटर)
14वां दिन : धारचूला-अल्मोड़ा (वाहन से 207 किलोमीटर)
15वां दिन : अल्मोड़ा-दिल्ली (वाहन से 400 किलोमीटर)
Gen Z सिर्फ घूमने नहीं जाती, वो हर ट्रिप को aesthetic adventure बनाना जानती है… Read More
Shankar's International Dolls Museum दिल्ली में स्थित एक ऐसा म्युजियम है जहां दुनिया भर की… Read More
दिल्ली में Shaheddi Park Outdoor Museum MCD ने साढ़े चार एकड़ के एरिया में तैयार… Read More
कभी-कभी सफर हमें नई जगहें नहीं दिखाता, बल्कि हमें खुद से मिलाता है. भारत भी… Read More
Shri Someshwara Swamy Temple : कर्नाटक की संस्कृति, परंपरा और भक्ति का अनोखा संगम देखने… Read More
Jammu-Kashmir Visit In Winter : जब कश्मीर में सर्दी दस्तक देती है, तो सिर्फ ठंड… Read More