Damoh Waterfall || सिरमथुरा में एक सुंदर झरना दमोह है. लोकल लोगों के लिए एक में पिकनिक स्पॉट में से एक है. इस झरने की धाराएं जुलाई से सितंबर तक लगातार ड्राई रहने के लिए जानी जाती हैं.....
Damoh Waterfall in Sirmathura : राजस्थान के धौलपुर में दमोह वाटरफॉल एक शानदार पिकनिक स्पॉट है. दमोह झरना नेचर प्रेमियों के लिए एक जन्नत है. दमोह झरना जितना खूबसूरत है उतना ही रोमांचकारी यहां तक का सफर भी है.
इस आर्टिकल में हम आपको दमोह झरने तक की यात्रा के बारे में बताएंगे. साथ ही ये भी बताएंगे कि अगर आप यहां जाते हैं तो किन बातों का ध्यान रखें.
धौलपुर जिले के सरमथुरा में दमोह झरना स्थित है. यह लोकल लोगों के लिए एक पिकनिक स्पॉट है. इस झरने की धाराएं जुलाई से सितंबर तक कम उफान पर रहती हैं.
बड़ी बात ये है कि ये झरना एक बैराज के पानी का ही रूप है. आपको यहां जो पानी मिलता है, वह ताजा न होकर बैराज से बहकर आया पानी है. ऐसे में आपको उसमें हरा रंग भी दिखाई देगा, जो काई की वजह से होता है.
दमोह झरना धौलपुर में स्थित एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है. यह झरना धौलपुर में सरमथुरा में स्थित है. यह झरना सरमथुरा से 10 किलोमीटर दूर है. यह झरना बहुत सुंदर है. यह झरना घने जंगल के अंदर स्थित है.
झरने में आप बाइक और गाड़ियों से पहुंच सकते हैं. मगर झरने तक पहुंचने के लिए आपको सरमथुरा से लंबा रास्ता तय करना पड़ता है. सफर में आपको दोनों ओर लाल पत्थर की खदानें मिलती हैं.
ये जगह बिल्कुल इंटीरियर इलाके में हैं. तो, गाड़ी के जरिए आप गांवों से होकर और उबड़ खाबड़ रास्तों से होकर गुजरेंगे. छोटी गाड़ी लाने से परहेज करें. बड़ी बात ये कि आसपास मकैनिक की दुकान भी नहीं मिलती है.
गांवों से निकलकर लंबी दूरी तय करने के बाद आप खुले मैदान में आ जाते हैं. ये जंगली इलाका है. यहां हमें चरवाहे मिले. ये भेड़ बकरियां और ऊंट चराते हैं और जंगलों में ही कबीले के साथ रहते हैं.
हमने इनसे पानी पिया. ये पानी बैराज से ही लाकर रखा गया था. हालांकि जब आप यहां आएं तो चरवाहों के कुत्तों से सावधान रहें. कई बार चरवाहे मौजूद न होने से कुत्ते हमला कर सकते हैं. ये कुत्ते जंगली जानवरों से हिफाजत के लिए ये लोग साथ लेकर चलते हैं. ऐसे में इंसानों का इनसे दूर रहना बेहद जरूरी है.
जंगल में गाड़ी या बाइक खड़ी करने के बाद आपको लगभग 1 से 2 किलोमीटर तक ट्रैक करके जाना पड़ सकता है. बीच रास्ते में से बैराज का पानी बहकर जाता है. ये चट्टानी रास्ता है जिसपर काई जमी हुई है. ऐसे में इस पानी को पार करते वक्त एक्स्ट्रा सावधानी बरतें. पैर फिसलने की पूरी संभावना रहती है.
दमोह झरने पर बरसात के समय बिल्कुल न आएं. झरने के लिए तलहटी में जाने के लिए आपको खड़ी चट्टानों पर पैर रखकर नीचे जाना होता है. बरसात में ये घातक साबित हो सकती हैं. दमोह झरना भी नहाने के लिहाज से बेहद अनुकूल नहीं है. हां, यहां की खूबसूरती कमाल की है.
एक बार आप झरने के किनारे बैठ गए तो मानिए सारी झकान खुद ब खुद दूर हो जाएगी.
यहां चारों तरफ जंगल ही जंगल है. यहां पर आप अकेले आने से बचें. यहां पर आपको जानवर भी मिल सकते हैं. कोशिश ये करें की दमोह झरना देखने आप दिन में ही आएं.
यहां पर एक वाचिंग टॉवर भी है जहां से पूरे जंगल को दूर तक देख सकते हैं हालांकि वह गंदी स्थिति में हैं. जानवर के मल वहां गिरे हुए दिखाई देते हैं. इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है, लेकिन जब आप दमोह झरना को देखेंगे तो सारी खामियों को भूल जाएंगे.
यहां पर आप खाने के लिए अपने साथ खाना और पानी जरूर लेकर आएं. झरने के आसपास गंदगी ना करें. यहां पर आपको बरसात में चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है जो बहुत ही आकर्षक लगती है. यह झरना धौलपुर का मुख्य आकर्षण स्थल है. झरने से थोड़ी दूर पर आपको दमोह डैम/बैराज देखने के लिए मिलेगा जो बहुत सुंदर है.
आप हफ्ते में किसी भी समय यहां आ सकते हैं. बस कोशिश ये करें कि दिन में ही यहां आएं. दमोह झरना मॉनसून के मौसम में सक्रिय रहता है इसलिए इस अद्भुत झरना की यात्रा के लिए जुलाई से सितंबर का समय सबसे अच्छा है.
सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
मंगलवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
बुधवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
शुक्रवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
रविवार सुबह 10बजे से शाम 4 बजे तक
दमोह झरना मानसून के मौसम में सक्रिय रहता है इसलिए इस अद्भुत झरना की यात्रा के लिए जुलाई से सितंबर का समय सबसे अच्छा है.
धौलपुर से
1 घंटा 12 मिनट (69 किमी) वाया NH23
आगरा से
1 घंटा 9 मिनट (122 किमी) वाया एनएच 44
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