Travel Blog

Morena Tour Blog Part – 7 : सुबह जो रास्ता खामोश था, शाम होते ही वह गुलज़ार हो उठा

दोस्तों मैं मुरैना की यात्रा पर अपने ब्लॉग ( morena tour blog ) की सीरीज़ पेश कर रहा हूं. अभी तक के ब्लॉग ( morena tour blog ) में, मैं आप सभी के लिए मुरैना में पान सिंह तोमर के गांव की यात्रा, सिहोनिया में ककनमठ मंदिर की यात्रा, सिहोनिया में श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र की यात्रा का वृत्तांत लेकर आया हूं. आप सभी वेबसाइट www.TravelJunoon.com पर नीचे स्क्रॉल करके, मेरी मुरैना यात्रा के बाकी सभी ब्लॉग पढ़ सकते हैं. इस ब्लॉग में, मैं आप सभी से मुरैना में अपनी यात्रा का एक और ब्लॉग शेयर करूंगा. इस यात्रा ब्लॉग में, मैं मुरैना में अपनी पहली शाम ( evening walk in near morena station ) का किस्सा साझा करूंगा. चलिए इस सफ़र की शुरुआत करते हैं

सिहोनिया से बस पकड़ने के बाद लगभग 6 बजे मैं मुरैना रेलवे स्टेशन के पास बनी धर्मशाला ( dharmshala near morena station ) में आ चुका था. धर्मशाला के अंदर मैंने जो कमरा लिया था, वह था तो नया और ऊर्जा भी सकारात्मक थी अंदर, लेकिन जगह जगह पान की पीक के निशान मुझे परेशान कर रहे थे. भला, ये भी कोई सभ्य आदमी की निशानी है? नए नए कमरे में पान की पीक… यह सब देखकर मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. कमरे में आते ही मैं फ्रेश हुआ और फिर एक घंटे की नींद लेने के लिए सो गया. सोने से पहले, अलार्म भी सेट कर लिया था.

शाम को आंख खुली. उठकर तैयार हुआ और फिर चल दिया बाहर की ओर. सुबह 6 बजे मुरैना की जो सड़क मुझे वीरान नज़र आ रही थी, और यह मुझे किसी फिल्म के छोटे शहर की याद दिला रही थी, रात को यह एकदम गुलज़ार हो उठी थी. मार्केट में दुकाने सज चुकी थी. किसी से पता किया तो मालूम हुआ कि पीछे मुरैना की मेन मार्किट है. पीछे गया तो दंग रह गया. बाज़ार में पैर रखने की जगह नहीं थी. यहां एक मेडिकल स्टोर से इचिंग की क्रीम ली. और फिर वापस अपने धर्मशाला वाली रोड पर आ गया.

यहां एक होटल में भोजन का ऑर्डर किया. भरपेट भोजन के बाद आधी थकान जैसे वहीं दूर हो गई थी. खाकर थोड़ा टहलने लगा. बाज़ार में आगे क्या करता, कोई साथ होता तो शायद थोड़ा और घूम लेता. हां, रात वाले सन्नाटे के बाद ये चमक धमक देखना अच्छा लगा. अब मैं शांति से वापस धर्मशाला के अपने कमरे में आ गया. दिनभर के वीडियो का बैकअब हार्डड्राइव में लिया और लैपटॉप में भी. अगले दिन का प्लान किया.

अगले दिन मुझे कुतवार में कुंती मंदिर, मितावली में 64 योगिनी मंदिर, बटेश्वर के मंदिर, करह आश्रम और शनिचरा धाम पहुंचना था. ऐसा करने के लिए ज़रूरी था कि मैं सुबह जल्दी उठूं और सुबह जल्दी उठने के लिए ज़रूरी था कि मैं रात को जल्दी सो जाउं. मैंने ऐसा ही किया. घर पर कॉल किया. हाल-समाचार के बाद अलार्म सुबह 5 बजे के लिए सेट किया और चल दिया सोने.

दोस्तों, आपको मुरैना यात्रा पर मेरी ब्लॉग पेशकश कैसी लग रही है, ज़रूर बताएं… मिलते हैं अगले ब्लॉग में, अपना ध्यान रखिएगा.

Recent Posts

ईरान में भारतीय पर्यटकों के लिए घूमने की बेस्ट जगहें और Travel Guide

Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More

3 weeks ago

Pahalgam Travel Guide : पहलगाम क्यों है भारत का Hidden Heaven? जानिए सफर से लेकर संस्कृति तक सब कुछ

Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More

3 weeks ago

Haifa Travel blog: इजराइल के हाइफा से क्या है भारत का रिश्ता, गहराई से जानिए!

Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More

3 weeks ago

Unmarried Couples का Entry Ban: आखिर क्या हुआ था Jagannath Temple में राधा रानी के साथ?

Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More

3 weeks ago

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश क्यों होते हैं? जानें पीछे के 5 बड़े कारण

उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More

4 weeks ago