Travel Blog

Alleppey Travel Blog : केरल का वह कॉम्युनिस्ट नाविक कांग्रेसी भी है और भाजपाई भी

Alleppey Travel Blog :  हम नाव पर बैठे ही थे कि नाविक ने सवाल किया, ‘आपने ब्रेकफ़ास्ट किया?’ सवाल जायज़ था और ज़रूरी भी क्योंकि दिन के साढ़े नौ बज रहे थे और अगले दो घंटे हमें पानी के बीच ही रहना था जहाँ हमें कुछ नहीं मिलना था। हमने कहा, ‘हाँ, खाकर आए हैँ।’

अलेप्पी की मीलों तक फैली झील में तैर रही उस बड़ी-सी नाव में हम केवल चार लोग थे। तीन सदस्यों का मेरा परिवार और वह नाविक। बैठने के लिए बेंत की छह कुर्सियाँ और लेटने के लिए पलंग भी। पत्नी ने उनका नाम पूछा। उन्होंने बताया, ‘विनय’। वह चौंकी, ‘विनय नाम तो यहाँ नहीं होता…’

मैंने कहा, ‘जब विजय हो सकता है तो विनय क्यों नहीं हो सकता?’ मेरा इशारा केरल के मुख्यमंत्री विजयन से था।

जब विजयन का ज़िक्र आया तो मेरे अंदर का पत्रकार जाग गया और लगा विनय का इंटरव्यू लेने। मैंने उनसे अगला सवाल सरकार पर ही किया। पूछा, ‘कैसा चल रहा है यहाँ की सरकार का काम?’

विनय के चेहरे पर अजीब तरह का भाव आया। न तारीफ़ का, न आलोचना का। मैंने सवाल को और स्पष्ट किया, ‘काम पहले से अच्छा है या ख़राब?’

‘सीपीएम का लोग ना थोड़ा चोर होता,’ विनय ने थोड़ा रुक कर कहा। मुझे लगा, ये ज़रूर कांग्रेसी या बीजेपी समर्थक हैं। मैंने पूछा, ‘आप कांग्रेस के सपोर्टर हैं या बीजेपी के?’ विनय ने कहा, ‘हम कॉम्युनिस्ट!’

मैं जैसे आसमान से गिरा। बंदा ख़ुद को कॉम्युनिस्ट बताता है और सीपीएम के लोगों को चोर भी कह रहा है। मैंने और टोह ली, ‘सीएम तो अच्छे आदमी बताए जाते हैं…’

विनय ने कहा, ‘हाँ, वो अच्छा आदमी लेकिन मोदी उसको बहुत तक़लीफ़ देता। दोनों अलग-अलग पार्टी का इसीलिए…’

‘तक़लीफ़ कैसे देता?’

‘जब यहाँ फ़्लड आया तो दुबई का गोरमेंट बोला कि हम 700 करोड़ देता लेकिन नहीं लेने दिया। सबरीमला में भी जो झगड़ा चलता, मोदी चाहता तो ऑर्डिनेंस निकाल सकता लेकिन नहीं निकाला।’

मेरे लिए दूसरा झटका। यानी विनय कॉम्युनिस्ट हैं लेकिन सबरीमला के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से सहमत नहीं हैं न ही इस मामले में सीपीएम या सरकार की लाइन के समर्थक हैं।

मैंने और गहराई में जाने के लिए पूछा, ‘क्या सबरीमला से बीजेपी को फ़ायदा हो रहा है?’

‘हाँ, फ़ायदा तो होता, सपोर्ट बढ़ता।’

‘लेकिन अभी वहाँ जो अभी इलेक्शन हुए, उसमें तो बीजेपी को कोई सीट नहीं मिली।’

‘सीट नहीं मिलेगा लेकिन सपोर्ट बढ़ेगा,’ विनय ने कुछ रुककर कहा, ‘यहाँ तो कांग्रेस और सीपीएम ही रहेगा।’

मैं फिर सरकार के कामकाज पर आया। ‘काम कैसा कर रही है सरकार?’

विनय फिर चुप हो गए। थोड़ी देर बाद बोले, ‘ये सीपीएम के लोग ना, न ख़ुद कुछ काम करता न दूसरों को करने देता। जब कांग्रेस था तो डेवलपमेंट होता, काम होता। डेवलपमेंट तो होना चाहिए।’

मेरे लिए तीसरा झटका। कॉम्युनिस्ट हैं लेकिन कांग्रेस के कामकाज से ख़ुश हैं।

‘अगली बार यहाँ कांग्रेस ही आएगा। यहाँ ऐसे ही चलता, एक बार लेफ़्ट, एक बार कांग्रेस। अगला इलेक्शन में भी लेफ़्ट को चार-पाँच सीट से ज़्यादा नहीं मिलना।’

विनय ने फिर पूछा, ‘आपने ब्रेकफ़ास्ट कर लिया है। हम कर लेता।’ और उन्होंने अपना नाश्ता निकाल लिया।

नाव मोटर के सहारे धीरे-धीरे चल रही थी और मैं चारों ओर का नज़ारा देख रहा था। झील के चारों तरफ़ सरकार ने मोटी-सी दीवार बना दी है और दीवार के उस पार समुद्र तल से भी नीचे खेत ही खेत हैं जहाँ धान की फ़सल लहरा रही थी।

विनय ने बताया कि भले ही इस झील के बैकवॉटर्स (यानी समुद्र से आए पानी से बना जलाशय) कहते हों लेकिन समुद्री पानी केवल दो महीने आता है, बाक़ी समय यहाँ अलग-अलग नदियों से पानी आता है और इसी पानी से सिंचाई होती है। मई के बाद दो महीनों के लिए केवल समुद्र का पानी आता है जब खेती का समय नहीं होता। तब सरकार की तरफ़ से यहाँ टापू में रहने वालों के लिए पानी की व्यवस्था की जाती है।

यहाँ एक नहीं, कई झीलें हैं और कुल मिला कर 12 टापू हैं जहाँ नाविक और किसान ही रहते हैं। विनय ने हमारी नाव को उन टापुओं के बीच में बने कनैल से भी निकाला और एक टापू पर हम चाय पीने के लिए भी उतरे। विनय कहते हैं, ‘टूरिस्ट सोचते हैं कि यहाँ का विलेज लाइफ़ बहुत अच्छा। लेकिन यहाँ के लोगों को बहुत तक़लीफ़। यहाँ घर बनाने पर ख़र्चा बाक़ी जगह घर बनाने से डेढ़ गुना ज़्यादा क्योंकि सामान बोट से लाना पड़ता। सबसे बड़ी प्रॉब्लम कि यहाँ कोई हॉस्पिटल नहीं।’

इन टापुओं से मुख्य शहर तक आने-जाने के लिए फ़ेरी सर्विस चलती हैं लेकिन यदि रात को कोई बीमार हो गया तो तुरंत उसे किसी अस्पताल तक पहुँचाना बहुत मुश्किल काम है।

मैंने पूछा, ‘आपलोग एमएलए से कहते नहीं हैं कि कोई ब्रिज बनाएँ?’

विनय ने कहा, ‘एमएलए बोलता, रोड बनाने का कॉस्ट 50 करोड़ रुपया।’

हमारी ट्रिप ख़त्म हो रही थी और हम किनारे की तरफ़ लौट रहे थे। विनय ने हमसे पूछा, ‘आपलोग कहाँ से आता?’ मैंने कहा, ‘हम आए तो दिल्ली से हैं। वैसे मैं गुजरात से हूँ, वाइफ़…’ सुनते ही उनके मुँह से निकला, ‘सॉरी…हम मोदी के बारे में आपको बोला…’ मैं समझ गया, विनय को लगता है कि हर गुजराती मोदी का पुजारी है और मैं भी वही हूँ। मैंने कहा, ‘नहीं, नहीं, मैं किसी का सपोर्टर नहीं हूँ। मेरे फ़ोरफ़ादर्स गुजरात के थे। मैं तो कलकत्ता में ही जन्मा और बड़ा हुआ।’

विनय ने जाते-जाते अनुरोध किया, ‘आपलोग दिल्ली जाकर अलेप्पी के बारे में दोस्तों को बताना कि वो यहाँ ज़रूर आए और बोटिंग भी करे।’ हमने भी उनसे मुस्कुराकर विदा ली। पत्नी और बेटी ख़ुश थे कि उन्होंने दो घंटों तक सुहाने मौसम में झील में सैर करने का आनंद लिया। मैं भी ख़ुश था। मैंने दो घंटों में ही थोड़ा-बहुत ही सही, यह जान लिया था कि केरल का आम आदमी वहाँ की राजनीति के बारे में क्या सोचता है।

Recent Posts

Jagannath Puri Facts : जगन्नाथ पुरी मंदिर के बारे में जानें 7 Interesting Facts, जहां PM Narendra Modi ने की पूजा

Jagannath Puri Facts : भारत के ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भारत के… Read More

6 hours ago

Darr Se Kyun Kampte Hain Hath Pair : डर से क्यों कांपते हैं हाथ पैर?

Darr se kyun kampte hain hath pair  : दोस्तों ऐसा कई लोगों के साथ होता… Read More

10 hours ago

Dehydration Hone Par Kya Karen : डिहाइड्रेशन होने पर कैसे करें बचाव

Dehydration Hone Par Kya Karen : गर्मी के मौसम में अधिकतर लोगों को डिहाइड्रेशन की… Read More

3 days ago

Mehsana Travel Blog : मेहसाणा में घूमने की ये जगहें हैं परफेक्ट

Mehsana Travel Blog : मेहसाणा भारत के गुजरात राज्य में स्थित एक शहर और जिला… Read More

3 days ago

Nuh Tourist Place : जानें मेवात का नाम नूंह कैसे पड़ा, यहां घूमने की कई जगहें हैं बेहतरीन

Nuh Tourist Places :  नूंह दिल्ली से 70 किलोमीटर दूर और 190 मीटर की ऊंचाई… Read More

4 days ago

Aayushman Health Card ki Poori Jankaari: आयुष्मान हेल्थ कार्ड कैसे बनवाएं? यहां मिलेगी कंप्लीट जानकारी

 Aayushman Health Card Poori Jankaari : आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) एक राष्ट्रीय… Read More

4 days ago