Lahaul-Spiti is freezing lakes and waterfalls
Lahaul Spiti- प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद पारा शून्य के नीचे चला गया है. तापमान में गिरावट के कारण लाहौल स्पीति सहित कुल्लू, किन्नौर और चंबा के पांगी की 12 से 17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सभी झीलें व झरने जमने शुरू हो गए हैं. यही नहीं, लाहुल-स्पीति में तो ठंड इतनी अधिक है कि पानी की पाइपें जमनी शुरू हो गई हैं. जिला लाहौल-स्पीति में इन दिनों ठंड के चलते अब खाना भी जमना शुरू हो गया है. ठंड इतनी अधिक है कि ताजा खाना व चाय बनाते ही उसे परोसने पर ही ठंडा हो रहा है. वीकेंड में सैलानी अब सीधे लाहौल पहुंच रहे हैं, लेकिन रेस्तरां में खाना ताजा और गर्म परोसने के बाद भी चंद सेकेंड में ठंडा हो रहा है.
वहीं, देश व दुनिया के ट्रैकर्ज की पहली पसंद चंद्रताल झील सैलानियों के लिए पहले ही बंद कर दी गई है. सैलानी इस झील के दीदार अब अगले साल ही कर सकेंगे. बता दें कि शीत मरुस्थल लाहुल घाटी की 14091 फुट ऊंची ढंखर झील सहित लेह मार्ग पर स्थित 15840 फुट ऊंची सूरजताल झील और पट्टन घाटी की 14000 हजार फुट ऊंची नीलकंठ झील भी तापमान लुढ़कने से जमने लगी है.
जिला कुल्लू के रोहतांग दर्रे के समीप 14290 फुट ऊंची दशोहर झील, 14100 फुट ऊंची भृगु झील भी जम गई है. हालांकि पिछले साल की तुलना में पहाड़ों पर अभी ज्यादा मात्रा में बर्फ नहीं गिरी है, लेकिन पिछले सप्ताह हुई हल्की बर्फबारी के बाद तापमान लुढ़कने से झीलें जमने लगी हैं. तापमान के लुढ़कते ही लाहुल घाटी में सर्दियों का आगाज भी हो गया है. उधर, अटल टनल बनने से इस बार नवंबर महीने में वाहनों की आवाजाही अभी तक सुचारू चल रही है. सेना के वाहन भी इस मार्ग पर सरपट दौड़ रहे हैं. हालांकि मनाली-लेह मार्ग भी बारालाचा, भरतपुर सिटी, तंगलंगला व लाचुंगला दर्रे पर बर्फ पड़ने से बंद हो गया था, लेकिन बीआरओ ने सेना के वाहनों की आवाजाही को देखते हुए दो दिनों के भीतर इस मार्ग को बहाल कर दिया था.
Atal Tunnel के बाद Ropeway की सौगात, अब पूरे साल घूम सकेंगे Rohtang Pass
बीआरओ की मानें तो अटल टनल बनने से मनाली-लेह मार्ग बहाल रखने में आसानी हो रही है. उधर, एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने बताया कि पर्यटकों को झीलों की ओर न जाने की हिदायत दी गई है. एसडीएम केलांग राजेश भंडारी ने बताया कि मौसम को देखते हुए सैलानियों को लेह मार्ग पर सटींगरी से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई है. उन्होंने सैलानियों से आग्रह किया कि मौसम के हालात देखकर ही अटल टनल से लाहुल घाटी का रुख करें.
हनीमून के लिए Lahaul-Spiti रखें पहली चॉइस क्योंकि हिमाचल में ये जगह है स्वर्ग
मनाली-लेह मार्ग 15 नवंबर से प्रशासनिक तौर पर बंद हो जाता था, ताकि बर्फबारी के बीच कोई भी फिसलन भरी सड़क में वाहन न चला सके. वहीं इस बार अटल टनल बनने व सेना के वाहनों की आवाजाही को देखते हुए बीआरओ ने लेह मार्ग अभी वाहनों के लिए खुला है. बीआरओ ने भी बढ़ती ठंड को देखते हुए सरचू, भरतपुर सिटी, बारालाचा, जिंगजिंगबार और पटसेउ से अपना काम समेट लिया है. लाहौल के ट्रैकर्ज दीपक, सोनम और टशी ने बताया कि पारा माइनस में जाने से घाटी की झीलें जम गई हैं. बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि सेना के वाहनों की आवाजाही को देखते हुए लेह मार्ग बहाल रखा गया है. उन्होंने बताया कि बीआरओ भारी बर्फबारी होने तक लेह मार्ग को बहाल रखने का प्रयास करेगा.
जिला लाहौल और स्पीति Lahaul-Spiti में सड़क मार्ग से दो अलग-अलग स्थानों से प्रवेश किया जा सकता है, जिसमें से एक स्पिति घाटी में प्रवेश के लिए सुमदो (किन्नौर जिला) के माध्यम से है और दूसरा लाहौल घाटी में प्रवेश के लिए मनाली (कुल्लू जिला) के माध्यम से है. यहां का पास हवाई अड्डा भुतर हवाई अड्डे (कुल्लू) और पास रेलवे स्टेशन जोगीन्द्र नगर, शिमला और चंडीगढ़ है.
Datia Travel Guide Maa Pitambara Peeth : मध्य प्रदेश के दतिया जिले में मां पीतांबरा… Read More
Haridwar Travel Guide : अगर आप हरिद्वार घूमने की योजना बना रहे हैं, तो हम… Read More
ठंड के मौसम में स्किन और बालों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ता है। Dermatologists का… Read More
जब भी भारत में snowfall देखने की बात आती है, ज़्यादातर लोगों के दिमाग में… Read More
कांचीपुरम के प्रसिद्ध एकाम्बरणाथर मंदिर में आज 17 साल बाद महाकुंभाभिषेक की पवित्र परंपरा सम्पन्न… Read More
2025 भारतीय यात्रियों के लिए सिर्फ vacation planning का साल नहीं था, बल्कि यह meaningful… Read More