Uttarakhand Neo Metro Project: उत्तराखंड की राजधानी में नियो मेट्रो चलाने की कवायद पिछले 6 सालों से चल रही है... अब इसे लेकर उम्मीद बढ़ी है..
Uttarakhand Neo Metro Project: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नियो मेट्रो को चलाने का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के पास भेज दिया है. हालांकि अब केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद लगभग 5 साल के बाद इस प्रोजेक्ट (Uttarakhand Neo Metro Project) पर काम शुरू होने की उम्मीद एक बार फिर से जगी है.
हालांकि प्रदेश सरकार काफी लंबे समय से देहरादून में मेट्रो चलाने के लिए प्रयास कर रही है. वहीं, बीते साल मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की बोर्ड बैठक में इसे हरी झंडी दिखा दी गई थी.
दरअसल, इस प्रोजेक्ट को राजधानी देहरादून में शुरू करने के लिए साल 2016 में उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का गठन करते हुए शीर्ष स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है.
हालांकि अब कई दौर के मंथन और डीपीआर पर विचार करने के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने नियो मेट्रो के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. वहीं, आवास विभाग के इस प्रस्ताव को पिछले महीने अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है.
राज्य सरकार पहले चरण में केंद्र सरकार के साथ 50 फीसदी हिस्सेदारी के साथ देहरादून के दो रूटों पर नियो मेट्रो चलाना चाहती है. जहां दूसरे चरण में देहरादून को नियो मेट्रो के जरिए हरिद्वार-ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा. वहीं इस परियोजना की लागत पर करीब 1600 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, इसके लिए राज्य सरकार कर्ज लेगी. वहीं, केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करेगी.
बता दें कि मेट्रो नियो को बनाने की लागत सामान्य मेट्रो से काफी कम है. मौजूदा समय में एलिवेटेड मेट्रो बनाने की लागत 300-350 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है. अंडरग्राउंड में इतनी ही लागत 600-800 करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है. जबकि मेट्रो नियो या मेट्रो लाइट की कीमत सिर्फ 200 करोड़ रुपये तक है.
चूंकि इसकी कीमत कम होगी इसलिए यात्रियों को इसमें सस्ते सफर का तोहफा भी मिलेगा. इसमें यात्रियों की क्षमता सामान्य मेट्रो से कम होगी, इसके लिए यह सड़क से अलग है. डेडिकेटेड कॉरिडोर तैयार किया जाएगा.
1 एफआरआई से रायपुर (13.9 किमी) स्टेशन: एफआरआई, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, कनॉट प्लेस, घंटाघर, गांधी पार्क, सीएमआई, अरघर, नेहरू कॉलोनी, अपर बद्रीश कॉलोनी, अपर नाथनपुर, ओएफडी, हाथीखाना, रायपुर
2 आईएसबीटी से गांधी पार्क (दूरी 8.5 किमी) स्टेशन: आईएसबीटी, सेवलाकला, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन, कोर्ट
What is Neo Metro: भारत के छोटे शहरों में चलेगी नियो मेट्रो, जानिए क्या है इसकी खासियत
गौरतलब है कि पहले जाखन तक आईएसबीटी रूट का ट्रैक लेने की योजना थी लेकिन राजपुर रोड पर भूमि अधिग्रहण में अधिक दिक्कतों के कारण पहले चरण में इस मार्ग को गांधी पार्क तक सीमित कर दिया गया है.
यह ट्रैक गांधी पार्क में एफआरआई-रायपुर रोड ट्रैक में मिलेगा. केंद्र सरकार छोटे शहरों में नियो मेट्रो बनाने पर भी जोर दे रही है.
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