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Chuliya Waterfall : जब भी ट्रेवलिंग का ज़िक्र होता है तो ज़ेहेन में हमेशा पोप्युलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन ही आती हैं. लेकिन विश्व भर में ऐसी कई जगह हैं जो बेहद खूबसूरत हैं लेकिन बहुत कम लोगों को उन जगहों के बारे में पता है. भारत में ऐसी जगहों की भरमार है. अगर एक्सप्लोर किया जाये तो काफ़ी शानदार व्यू देखने को मिलेंगे. रंगीले राजस्थान के बारे में तो सब जानते हैं. राजस्थान का एक समृद्ध और रंगीन इतिहास है जिसकी वजह से यह भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार है. इस राज्य के इतिहास की गवाही यहां के क़िले, महल और इमारतें बखूबी देते हैं जिन्हें देखने के लिये साल भर पर्यटक देश-विदेश से यहां आते हैं. राजस्थान की संस्कृति, यहं का खान-पान, यहां का पेहनावा, नृत्य और गीत सब अपने आप में खास हैं जो हर किसी को अपनी ओर खींचता है. लेकिन क़िलों, महलों और रेगिस्तान वाले इस राज्य में बहुत से ऐसे स्थान हैं जो अब तक आपकी नज़रों से बचे हुए हैं. हाड़ा राजाओं की राजधानी कोटा वैसे तो देश में कोचिंग सेंटर्स के लिये जानी जाती है, लेकिन चम्बल नदी और उसके किनारे बने बेह्द खूबसूरत प्राक्रतिक स्थान भी कोटा को अलग पेह्चान देते हैं. चम्बल की बेहद मनमोहक वादियां और उनमें बनी पत्थर की प्रक्रतिक कृतियां आपको अपनी ओर निश्चित ही आकर्षित करेंगी.
कोटा से करीब 50 किलोलोमीटर की दूरी पर स्थित है बेहद खूबसूरत रावतभाटा. रावतभाटा अणु नगरी के नाम से भी जाना जाता है. इस शहर में कुल आठ परमाणु ऊर्जा केंद्र हैं. वैसे तो यह अणु नगरी है लेकिन यहां के मनमोहक दृश्य इसे एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी बनाते हैं. यह पर्यटक स्थल दूसरे पर्यटक स्थलों से काफ़ी अलग है. यहां न तो भीड़भाड़ है, न शोर शराबा है और न ही प्रदूषण है. इस स्थान पर आप जितनी दूर तक अपनी नज़र दौड़एंगे आपको सिर्फ़ और सिर्फ़ आंखों और मन को सुकून पहुचने वाले नज़ारे दिखेंगे. यहां हर तरफ़ हरियाली, ताज़ी हवा, फूलों की खुश्बू, पंछियों की चेहचहाहट और शांत वातावरण मिलेगा.
यहीं से करीब साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चूलिया फ़ॉल (Chuliya Water Fall ). यहां का मनमोहक नज़ारा आपका दिल जीत लेगा. यह जगह बरसात में और भी खूबसूरत हो जाती है. राजस्थान में चम्बल नदी पर बने राणा प्रताप सागर बांध के रास्ते में मौजूद यह झरना राजस्थान के मुख्य झरनों में से एक है. राणा प्रताप सागर बांध के डाउन स्ट्रीम में लगभग 1.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झरना ज़मीन से काफी नीचे है और बड़ी-बड़ी चट्टानों से घिरा हुआ है. इन ऊंची नीची पथरीली आक्रितियों को देख कर आप निश्चित ही अचम्भे में पड़ जायेंगे. जहां एक ओर यह जलप्रपात अपनी सुंदरता से पर्यट्कों का मन मोह लेता है वहीं बहुत से फ़ोटोग्रफ़र्स की भी यह पसंदीदा जगह है. यहां का नज़ारा देख कर आपको बिल्कुल ऐसा महसूस होगा जैसे आप कही स्वप्नलोक में हो. बारिशों में यह नज़ारा और भी खूबसूरत हो जाता है. झरने से गिरते पानी की आवाज़, चेहचहाते हुए पक्षी और आसपास की प्राक्रतिक सुंदरता आपको एक अद्भुत अकल्पनिय अनुभव देंगे. जब विद्युत उत्पादन के लिये राणा प्रताप सागर बांध से पानी छोड़ा जाता है तो चूलिया जलप्रपात का जलस्तर बढ़ जाता है. अधिक्तर पर्यटक उस समय यहां आना पसंद करते हैं. रावातभाटा और उसके आसपास के इलाकों में रेहने वाले लोगों के लिये यह पसंदिदा पिक्निक स्पोट है.
इसी के निकट स्थित क्रॉकोडाइल पॉइंट भी पर्यटकों में काफ़ी लोकप्रिय है. चम्बल नदी जहां आसपास के इलाकों में रेहने वाले लोगों के लिये जीवनदायिनी है वहीं यह नदी कई मगरमच्छों का घर भी है. सर्दियों के मौसम में ये सभी मगरमच्छ धूप लेने के लिये बाहर आ जाते हैं. मगरमच्छों को देखने के लिये भी लोग यहां बड़े उत्साह के साथ आते हैं.
यहां के अद्भुत नज़ारे जितने खूबसूरत हैं वो थोड़ी सी भी असावधानी के कारण उतने ही खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. पानी के कारण यहां के पत्थर थोड़े चिकने हो जाते हैं और कहीं कहीं काई भी जमी होती है जिस काराण वहां फिसलने का डर रहता है. इसलिये इस जगह की सुंदरता का लुत्फ़ उठाते वक्त बना सकते हैं.
वैसे तो रावातभाटा घूमने के लिये जुलाई से जनवरी का मौसम अच्छा है लेकिन मॉनसून का समय यहां आने के लिये उत्तम है. मॉनसून में यहां के पेड़-पौधे और भी हरे हो जाते हैं और झरने भी और खूबसूरत लगते हैं. यहां मगरमच्छों को देखने के रोमांच के लिये सर्दियों का समय बेस्ट है.
रावातभाटा पहुंचने के लिये बेहतर है पहले कोटा पहुंचा जाये जो कि यहां से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर है. कोटा रेल्वे स्टेशन लगभग सभी बड़े रेल्वे स्टेशन से जुड़ा हुआ है. कोटा से रावतभाटा के लिये आप बाइक किराये पर ले सकते हैं या कैब कर सकते हैं. आप कोटा से यहां स्टेट बस के ज़रिये भी आ सकते हैं. रावातभाटा एक छोटा सा शहर है इसलिये यहां दूसरे बड़े शहरों की तरह पुब्लिक ट्रान्स्पोर्ट की सुविधा नही है इसलिये बेहतर होगा अगर कोटा से ही सब बंदोबस्त किया जाये.
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