Village Tour

Lata Mangeshkar’s Village : पुर्तगाली मिशनरी से बचने के लिए लता दीदी के पूर्वजों ने यहां स्थापित की भगवान की मूर्ति!

Lata Mangeshkar Village  –   गोवा के मंगेशी गांव ( Mangeshi Village in Goa ) से लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar ) और उनके परिवार का सीधा जुड़ाव है. गोवा के Ponda में Priol में ये गांव ( lata mangeshkar village ) है. इस गांव को Mangueshi/Mangueshim के दूसरे नाम से भी जाना जाता है. मैंने साल 2019 में इस गांव ( lata mangeshkar village ) की यात्रा की थी. गोवा यात्रा पूरा करके जब हम एयरपोर्ट लौट रहे थे, तब इस गांव होकर गए थे. इस गांव में हम मंगेशी मंदिर देखने के लिए गए थे. मंगेशी मंदिर से पहले रास्ते में एक पेड़ गिरा हुआ था, जिसे आसपास के लोग मिलकर हटा रहे थे. रात होने की वजह से मुझे बहुत दूर तक कुछ दिखा नहीं. हां, मंगेशी मंदिर का परिसर कमाल की खूबसूरती को लिए हुए था. ये मंदिर, उस गोवा से बिल्कुल उलट है जहां घूमने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. इस मंदिर में हम बहुत देर तक बैठे और शांति का अहसास लिया.

Main Attraction in Lata Mangeshkar’s Mangeshi Village, Goa

प्राकृतिक वातावरण में पर्वतों के बीच है प्रभु श्री मंगेश का मंदिर. ये मंदिर Panaji-Ponda road पर है और यहां हर साल देशभर से लोग पहुंचते हैं. इसके अलावा, श्री शांतदुर्गा का मंदिर Kavale में, नवदुर्गा का मंदिर Madkai में स्थित है. गोवा के ये तीन मंदिर सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं.

History of Mangeshi Temple in Lata Mangeshkar’s Village, Goa

श्री मंगेशी मंदिर का मूल स्थल Salcette तालुका में कुशस्थली या कोर्टालिम बताया जाता है. गोवा में बढ़ती पुर्तगाली मिशनरी गतिविधियों से बचने के लिए, गौड़ सारस्वत ब्राह्मण समुदाय मंदिरों और मूर्तियों की सुरक्षा के लिए डरा हुआ था, तब एक अमावस्या की रात में श्री शांतादुर्गा और श्री मंगेश की पूजा करने वाले परिवार, अपने घरों को छोड़कर, Zuari River को पार करके एक सुरक्षित इलाके में चले आए, जो तब मुस्लिम राजा आदिलशाह के अधीन था.

भगवान की मूर्ति कुछ वक्त तक, मंदिर के पुजारी के घर में ही रही. बाद में, इसे मौजूदा जगह स्थापित किया गया.

Ponda का क्षेत्र 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली शासन के अधीन नहीं था और इसलिए पुर्तगालियों के उत्पीड़न से बचने की कोशिश कर रहे हिंदुओं का यह ठिकाना बना. Ponda के जंगल हिंदुओं के लिए बचाई गई मूर्तियों की स्थापना के लिए एकदम मुफीद जगह बने.

Lata Mangeshkar Family Connection With Mangeshi Village

दिवंगत महान गायिका लता मंगेशकर का परिवार इसी गांव से संबंधित है. उनके पिता, दीनानाथ मंगेशकर का जन्म 1900 में इसी गांव में हुआ था. वह मंदिर के पुजारी परिवार के घर में जन्मे थे. उनकी मातृ भाषा कोंकणी थी. लता दीदी के पिता ब्राह्मण थे और उनकी माता गोवा के गोमांतक मराठा समुदाय से थी. परिवार पहले उपनाम हार्दिकर के साथ था, पिता दीनानाथ ने इसे बदलकर मंगेशकर कर दिया.

कैसे पहुंचे मंगेशी गांव || How to Reach Mangeshi Village

हवाई मार्ग से – मंगेशी, Dabolim Airport से 37.92 किलोमीटर दूर है. गोवा का Dabolim Airport, भारत के सभी शहरों और विदेशी हवाई मार्गों से भी कनेक्टेड है.

रेल मार्ग से – यहां से नजदीकी टाउन Ponda है. Ponda, Karmali Railway Station से 17 किलोमीटर की दूरी पर है.

Madgaon रेलवे स्टेशन से Ponda के लिए बस सर्विस है.

सड़क मार्ग से – स्थानीय बस सेवाएं प्राइवेट ऑपरेटरों द्वारा संचालित रहती हैं. Panjim के Kadamba Bus Stand से Ponda Bus Stand के लिए बस उपलब्ध रहती है.

Recent Posts

ईरान में भारतीय पर्यटकों के लिए घूमने की बेस्ट जगहें और Travel Guide

Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More

4 days ago

Pahalgam Travel Guide : पहलगाम क्यों है भारत का Hidden Heaven? जानिए सफर से लेकर संस्कृति तक सब कुछ

Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More

5 days ago

Haifa Travel blog: इजराइल के हाइफा से क्या है भारत का रिश्ता, गहराई से जानिए!

Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More

6 days ago

Unmarried Couples का Entry Ban: आखिर क्या हुआ था Jagannath Temple में राधा रानी के साथ?

Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More

7 days ago

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश क्यों होते हैं? जानें पीछे के 5 बड़े कारण

उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More

1 week ago

Top 7 Plane Crashes: जब एक पल में खत्म हो गई सैकड़ों जिंदगियां!

Air travel को भले ही आज सबसे सुरक्षित transport modes में गिना जाता है, लेकिन… Read More

2 weeks ago