Adventure Tour

Siachen Glacier Blog : खून जमाने वाला बॉर्डर…Siachen कैसा है? ये गुलाबों की घाटी नहीं….Siachen Glacier है

Siachen Glacier Blog : खून जमाने वाला बॉर्डर…सियाचिन ( Siachen Glacier ) कैसा है? जहां पर अगले ही पल क्या हो कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे हालात में भी भारतीय रणबांकुरे देश की सेवा में लगे हुए हैं। वो क्या खाते हैं, क्या पीते है, शून्य से भी 50 डिग्री के तापमान में खुद को कैसे महफूज रखते हुए देश की रक्षा करते हैं। ये हम आपको बताने जा रहे हैं, मेरा मानना है कि आप भी जब ये ऑटिकल पढ़ेंगे तो हमारी भारतीय फौज पर गर्व महसूस करेंगे

कहां है Siachen Glacier ?:  सियाचिन ग्लेशियर लेह से 200 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से 16-18 हजार फीट ऊंचाई पर स्थित Siachen Glacier के एक तरफ पाकिस्तान की सीमा है, तो दूसरी तरफ चीना की सीमा अक्साई चीन इस इलाके में है। दोनों देशों पर नजर रखने के हिसाब से यह क्षेत्र भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अगर सियाचिन के नाम का मतलब निकाले तो सिया मतलब गुलाब और चिन मतलब जगह यानी गुलाबों की घाटी, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलता। चारों तरफ बर्फीली चोटियां। यहां ज्यादातर समय शून्य से भी 50 डिग्री नीचे तापमान रहता है। ऐसे हालात में भारतीय जांबाजों को देश की रक्षा करनी पड़ती है। जवान यहां पर लगभग तीन महीने तैनात रहते हैं

Siachen Glacier के योद्धाओं को सलाम: खून जमाने वाले बॉर्डर पर जिंदगी बहुत ही मुश्किल भरी है। सियाचिन ग्लेशियर पर जवानों को दुश्मन से ज्यादा वहां के मौसम से दो चार होना पड़ता है। बावजूद इसके भारतीय रणबांकुरे मुस्तैदी से देश की रक्षा में डटे हुए हैं। यहां पर पेट्रोलिंग के दौरान सैनिकों को एक के पीछे एक लाइन में चलना होता है, और उन सभी के कमर पर रस्सी बंधी होती है। क्योंकि अगर कोई जवान खाई में गिरने लगे तो बाकी सैनिक उसे बचा सकें। यहां पर ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से सैनिकों को धीमे-धीमे चलना पड़ता है।  सैनिक कपड़ों की कई तह पहनते हैं और सबसे ऊपर जो कोट पहनते हैं उसे ‘स्नो कोट’कहते हैं।

स्लिपिंग बैग में सोते हैं जवान: सियाचिन ग्लेश्यिर पर तैनात जवानों के टेंट को गर्म रखने के लिए खास तरह की अंगीठी का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे स्थानीय भाषा में बुखारी कहते हैं। सैनिक कड़ाके ठंड से बचने के लिए लकड़ी की चौकियों पर स्लीपिंग बैग में सोते हैं।

दाढ़ी बनाना और नहाना मना है! : यहां पर सैनिकों को नहाना और दाढ़ी बनाने की मनाही है। वजह ऐसी है कि सैनिकों को दाढ़ी बनाने के लिए मना किया जाता है।क्योंकि वहां रहने से सैनिकों की Skin इतनी नाजुक हो जाती है कि उसके कटने का खतरा काफी बढ़ जाता है। और अगर एक बार Skin कट जाए तो वो घाव भरने में काफी समय लगता है।

इसके अलावा पीने के पानी के लिए भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, जवानों को बर्फ को पिघलाकर पानी पीना पड़ता है। वहीं, सियाचिन ग्लेशियर में मोबाइल फोन तो चलते नहीं ऐसे में यहां के जवानों को उपग्रह फोन का ही सहारा लेना पड़ता है। जवानों को अपनों से बात करने करने के लिए सप्ताह में सिर्फ दो मिनट की कॉल करने की अनुमति है ।

5 करोड़ एक दिन का खर्च:  भारत से हर दिन 5 करोड़ रुपए सियाचिन में मौजूद सैनिकों की सुरक्षा के लिए खर्च किए जाते हैं। हालांकि सियाचिन को 1984 में मिलिट्री बेस बनाया गया था। तब से लेकर अबतक 1000 से ज्यादा सैनिक सिर्फ खराब मौसम के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।

1984 में क्या हुआ था ?: 1984 में पाकिस्तान सियाचिन पर कब्जे की तैयारी में था, लेकिन सही समय पर इसकी जानकारी होने के बाद सेना ने ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया। 13 अप्रैल 1984 को सियाचिन ग्लेशियर पर भारत ने कब्जा कर लिया। इससे पहले इस क्षेत्र में सिर्फ पर्वतारोही आते थे। अब यहां सेना के अलावा किसी दूसरे के आने की मनाही हो गई। 2003 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम संधि हो गई। उस समय से इस क्षेत्र में फायरिंग और गोलाबारी होनी बंद हो गई ।

सियाचिन में ओपी बाबा का मंदिर : सियाचिन में 80 के दशक में ओपी नाम का एक सैनिक लापता हो गया था। तब से ये मान्यता है कि सियाचिन में भारतीय सैनिकों की रक्षा ओपी बाबा करते हैं। यहां तक कि कोई भी सैनिक ओपी बाबा को प्रणाम किए बिना आगे नहीं बढ़ता।

क्या Siachen Glacier जा सकता है कोई आम इंसान?: सियाचिन में सर्दियों में दौरान पारा -50 डिग्री तक जाता है। गर्मियों में तापमान -30 डिग्री तक रहता है। आम इंसानों को पानामिक गांव तक ही जाने की अनुमति है। हालांकि, भारतीय सेना की तरफ से सियाचिन की सालाना सिविलियन ट्रेक ऑर्गेनाइज की जाती है। ये इकलौता मौका होता है जब आम इंसान सियाचिन जा सकते हैं। आर्मी 40 लोगों को लेकर जाती है इसमें दो पत्रकार, डिफेंस साइंटिस्ट, स्कूल कैडेट और कुछ सिविलियन होते हैं। 2007 में इस तरह के ट्रैक की शुरुआत हुई थी।

 

Recent Posts

ईरान में भारतीय पर्यटकों के लिए घूमने की बेस्ट जगहें और Travel Guide

Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More

2 weeks ago

Pahalgam Travel Guide : पहलगाम क्यों है भारत का Hidden Heaven? जानिए सफर से लेकर संस्कृति तक सब कुछ

Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More

2 weeks ago

Haifa Travel blog: इजराइल के हाइफा से क्या है भारत का रिश्ता, गहराई से जानिए!

Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More

3 weeks ago

Unmarried Couples का Entry Ban: आखिर क्या हुआ था Jagannath Temple में राधा रानी के साथ?

Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More

3 weeks ago

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश क्यों होते हैं? जानें पीछे के 5 बड़े कारण

उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More

3 weeks ago

Top 7 Plane Crashes: जब एक पल में खत्म हो गई सैकड़ों जिंदगियां!

Air travel को भले ही आज सबसे सुरक्षित transport modes में गिना जाता है, लेकिन… Read More

3 weeks ago