Adventure Tour

भारतीय सेना ने नागरिकों के लिए खोला Siachen Glacier, अब Base Camp से कहिए Jai Hind

Siachen Glacier : भारत ने सियाचिन ग्लेशियर ( Siachen Glacier ) को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. भारतीय सेना ने सियाचिन के बेस कैंप ( siachen glacier Base Camp ) और लद्दाख में कुमार पोस्ट ( Kumar Post in Ladakh ) को नागरिकों के लिए खोल दिया है. हालांकि, दुनिया के इस सबसे ऊंचे नॉनपोलर ग्‍लेशियर ( Non-Polar Glacier ) को खोलने का फैसला भारत पिछले साल अक्‍टूबर में ही कर चुका था लेकिन इसे लागू करने का फैसला बेहद अहम मोड़ पर लिया गया है. ऐसा कदम उठाकर भारत सरकार और भारतीय सेना ने टूरिस्टों के साथ भारत के नागरिकों को भी खुश कर दिया है.

गलवान के पश्चिम में है सियाचिन ग्‍लेशियर – Siachen Glacier situated at west of Galwan Valley


सियाचिन ( Siachen Glacier ), दुनिया का सबसे ऊंचा बैटलफील्‍ड है. दुनिया भर में इस जगह को लेकर ढेरों सर्च किए जाते हैं. भारतीय सेना यहां बेहद दुर्गम परिस्थिति में रहती है. सियाचिन ( Siachen Glacier ) लद्दाख की गलवान घाटी ( Galwan Valley in Ladakh ) के ठीक पश्चिम में पड़ता है. सियाचिन ( Siachen Glacier ) से भारत-पाकिस्‍तान और शाख्सगाम का ट्राई जंक्‍शन नजर आता है. शाख्सगाम ही वो घाटी है जो पाकिस्‍तान ने अक्‍साई चिन के साथ,चीन को सौंप दी थी, हालांकि भारत का उसपर दावा है.

आर्मी जारी करेगी सियाचिन का परमिट – Indian Army give permit to citizen for Siachen Valley


सियाचिन बेस कैंप ( Siachen Glacier Base Camp ) लेह से करीब 225 किलोमीटर उत्तर दिशा की तरफ है. अभी यह खारदुंग ला पास और नुब्रा नदी के किनारे बनी ब्‍लैक टॉप रोड से जुड़ा है. बेस कैंप ( Siachen Glacier Base Camp ) करीब 11,000 फीट की ऊंचाई पर है और कुमार पोस्‍ट 15,000 फीट ऊंचाई पर है. जो भी टूरिस्‍ट्स यहां जाना चाहते हैं, आर्मी की एडवेंचर सेल उनसे जानकारी लेगी और फिर परमिट जारी करेगी.

सभी विजिटर्स को लेह प्रशासन के प्रोटोकॉल्‍स और क्‍वारंटीन प्रोसीजर को फॉलो करना होगा. फिलहाल लेह से 40 किलोमीटर के दायरे में ही गैर-स्‍थानीय लोग जा सकते हैं.

सीमावर्ती गांवों का इससे होगा विकास – Development in Border village


भारत ने इस कदम से अपनी उस नीति में भी बदलाव के संकेत दिए हैं जिसमें फॉरवर्ड गांवों को नागरिकों से दूर रखा जाता है. उन गांवों में अवसरों की कमी से पहले ही आबादी बहुत कम है. इसके मुकाबले, लेह और नुबरा के साथ-साथ पैंगोंग झील से सटे गांवों में टूरिज्‍म के चलते आर्थिक प्र‍गति हुई है. लेह जिला प्रशासन लंबे वक्‍त से और इलाकों को नागरिकों के लिए खोलने की मांग करता रहा है.
दिसंबर 2018 में बॉर्डर एरियाज में पांच नए रूट्स खोले गए थे. इनमें से अधिकतर या तो लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) के साथ-साथ चलते हैं या फिर वहां तक पहुंचते हैं लेकिन इन रूट्स का अधिकतर इलाका नागरिकों की पहुंच से दूर है.

Recent Posts

Delhi Baoli History and Facts : गंधक की बावली से लेकर उग्रसेन की बावली तक… ये हैं दिल्ली के ऐतिहासिक Stepwells

Delhi Baoli History and Facts : उग्रसेन की बावली से लेकर गंधक की बावली तक...… Read More

14 hours ago

Tianjin City China : कैसा है चीन का तिआनजिन शहर जहां पहुंचे PM मोदी?

Tianjin City China : तिआनजिन  उत्तरी चीन का एक प्रमुख शहर और प्रांत-स्तरीय नगरपालिका (Municipality)… Read More

1 day ago

U-Special Buses Delhi University : कभी डीयू की धड़कन थीं यू स्पेशल बसें, फिर से शुरुआत!

Delhi University U special bus Service :  दिल्ली सरकार ने 28 अगस्त 2025 को से… Read More

2 days ago

Vaishno Devi landslide : 30 से ज्यादा लोगों की मौत, झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर

Vaishno Devi landslide : जम्मू और कश्मीर (J&K) के रियासी जिले में श्री माता वैष्णो… Read More

5 days ago

Vaishno Devi landslide : SDRF ने शुरू की रेस्क्यू ऑपरेशन, कई यात्री फंसे

श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा मार्ग पर अर्धकुवारी में हुए भयंकर लैंडस्लाइड के कारण… Read More

6 days ago

Delhi Metro Fare Hike 2025: दिल्ली मेट्रो ने बढ़ाया किराया, जानें क्या होगा नया Fare?

Delhi Metro Fare Hike 2025: दिल्ली मेट्रो ने एक बार फिर से किराया बढ़ा दिया… Read More

6 days ago