देशभर के गांधी आश्रमों में कभी अलसुबह नीरा मिल जाया करता था। अब मिलता है या नहीं? नीरा तोडी के पेड़ से निकाला जाता है, प्राकृतिक तरीके से।
साभारः निमिश कुमार
देशभर के गांधी आश्रमों में कभी अलसुबह नीरा मिल जाया करता था। अब मिलता है या नहीं? नीरा तोडी के पेड़ से निकाला जाता है, प्राकृतिक तरीके से। इसे सुबह-सुबह पीया जाता है, तो हमें भी अलसुबह उठकर कुछ 40-50 किलोमीटर की ड्राइव कर खेतों तक पहुंचना पड़ा। दक्षिण भारत में गर्मी पड़ने लगी थी। लेकिन मटके में नीरा देखते ही मन प्रफुल्लित हो गया। खेत में बैठकर, मटके में भरा नीरा और मित्रों के साथ उसका सेवन..ठंडी बयार, चारों ओर हरियाली, गांव का माहौल…ये भी एक जिंदगी है…
नीरा के पेड़ के साथ कड़वे नीम के पेड़ दिखे। हर पेड़ पर मटकी लटकी हुई। जिसमें से बूंद-बूंद कर नीरा एकत्र किया जाता है। फिर उसे अलसुबह इक्ठ्ठा करते है। स्वाद थोड़ा अजीब होता है, लेकिन बहुत स्वास्थ्यवर्धनक होता है नीरा। और हां–जैसे जैसे सूरज चढ़ता है, नीरा में नशा बढ़ता है..इसीलिए जितनी सुबह, उतना अच्छा।
नीरा में सुक्रोस होता है, प्रोटीन होता है, इसका पीएच न्यूट्रल होता है। देश के पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों में मिलता है। कहीं कहीं इसे पॉस्चुराइज़ करके बेचा भी जाता है। इससे बना गुड़ भी मिलता है- पॉम गुड़ नाम से।
चलिए अपने आस-पास के प्राकृतिक संसाधनों को देखे, और उसके बारे में लोगों को जागरूक करें।
For Travel Bookings and Queries contact- GoTravelJunoon@gmail.com
Haridwar Travel Guide : अगर आप हरिद्वार घूमने की योजना बना रहे हैं, तो हम… Read More
ठंड के मौसम में स्किन और बालों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ता है। Dermatologists का… Read More
जब भी भारत में snowfall देखने की बात आती है, ज़्यादातर लोगों के दिमाग में… Read More
कांचीपुरम के प्रसिद्ध एकाम्बरणाथर मंदिर में आज 17 साल बाद महाकुंभाभिषेक की पवित्र परंपरा सम्पन्न… Read More
2025 भारतीय यात्रियों के लिए सिर्फ vacation planning का साल नहीं था, बल्कि यह meaningful… Read More
नई दिल्ली. Moringa यानी सहजन का पेड़ भारतीय रसोई में सालों से इस्तेमाल होता आ… Read More