Himalayan Tour

Mukteshwar Hill Station In Uttarakhand : खूबसूरत हिल स्टेशन मुक्तेश्वर गर्मियों में घूमने के लिए है BEST

Mukteshwar Hill Station In Uttarakhand – उत्तराखंड का मुक्तेश्वर प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी पैराडाइज से कम नहीं है. नैनीताल से आगे बढ़ने पर जैसे ही आप रामगढ़ को पार करते हैं, खुली खुली वादियां आपका स्वागत करती हैं. मुक्तेश्वर न सिर्फ ट्रैवल प्रेमियों के लिए बल्कि, अडवेंचर के शौकीनों, हनीमून टूर के लिए भी लोगों की पसंद है. इस टूर ब्लॉग में जानते हैं मुक्तेश्वर हिल स्टेशन (Mukteshwar Hill Station In Uttarakhand) से जुड़ी अहम बातों के बारे में….

मुक्तेश्वर उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में स्थित सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है. यह समुद्र तल से 2286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

इस जगह का नाम हिंदू भगवान शिव को समर्पित 350 साल पुराने मंदिर के नाम पर पड़ा है, जिसे मुक्तेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव भक्तों को ‘मोक्ष’ (मोक्ष) प्रदान करते हैं.

इस हिल स्टेशन को साल 1893 में अंग्रेजों द्वारा एक रिसर्च और शिक्षा इन्सिट्यूट में तब्दील कर दिया गया था. इस जगह से पर्यटक नंदा देवी के खूबसूरत व्यू देख सकते हैं, जो कि भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है.

ब्रिटिश शिकारी और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट द्वारा लिखित आकर्षक उपन्यास, ‘द मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं’ ने मुक्तेश्वर को काफी लोकप्रिय बना दिया. प्रसिद्ध ब्रिटिश शिकारी ने चंपावत बाघ और पनार तेंदुए सहित कुमाऊं के छह खतरनाक बाघों को मार डाला, जो इस क्षेत्र के सैकड़ों मूल निवासियों को मार चुके थे.

Shillong Travel Guide: मेघालय की राजधानी में कहां कहां घूमें? पूरी जानकारी लें

मुक्तेश्वर और उसके आसपास के पर्यटन स्थल || Best Places to visit in Mukteshwar

मुक्तेश्वर के जंगलों में रीसस बंदर, लंगूर जब्बार, हिरण, दुर्लभ पर्वतीय पक्षी, पर्वतीय तेंदुए और हिमालयी काले भालू रहते हैं. यहां आने वाले पर्यटक हिमालयन रूबी थ्रोट, व्हाइट-क्रेस्टेड लाफिंग थ्रश, रेड-बिल्ड लियोथ्रिक्स और ब्लैक-विंग्ड पतंग जैसे विभिन्न पक्षियों को भी देख सकते हैं. इनके अलावा हिमालय पर्वत  भी देख सकते हैं.

पर्यटक इस क्षेत्र की ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं में रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग जैसे लोकप्रिय एडवेंचर खेलों का भी मजा ले सकते हैं.

प्राचीन मुक्तेश्वर मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है. यह एक सफेद संगमरमर का शिव लिंग स्थापित करता है, जो ब्रह्मा, विष्णु, पार्वती, हनुमान, गणेश और नंदी जैसे विभिन्न हिंदू देवताओं की मूर्तियों से घिरा हुआ है.

इस मंदिर तक एक पत्थर की सीढ़ी द्वारा पहुंचा जा सकता है. 7000 फीट की ऊंचाई पर बसा एक खूबसूरत हिल स्टेशन सीतला, मुक्तेश्वर के पास स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. यह हिल स्टेशन 39 एकड़ के क्षेत्र में फैला है और हिमालय के शानदार व्यू दिखाई देताहै. यह हिल स्टेशन सदाबहार ओक और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है.

Krem Liat Prah Cave: जोखिम से भरा है मेघालय की इस गुफा का सफर, बिल्कुल न जाएं

मुक्तेश्वर के मंदिर के बगल में स्थित चौथी जाली या चौली की जाली अपनी किंवदंतियों के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि यहां एक राक्षस और एक देवी के बीच युद्ध हुआ था.

चौली की जाली में पहाड़ के बीच एक बड़ा सुराग है. संतान प्राप्ति के लिए भी कई महिलाएं इसमें से गुजरती हैं.

एक ढाल, एक हाथी की सूंड और तलवार की फीकी रूपरेखा अभी भी देखी जा सकती है. इस जगह पर साल भर कई भक्त आते हैं. एक अन्य लोकप्रिय पर्यटक स्थान प्राचीन राजरानी मंदिर है.

इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था और इसमें राजरानी की एक सुंदर पत्थर की मूर्ति है. ब्रह्मेश्वर मंदिर वर्ष 1050 में निर्मित एक प्रमुख मंदिर है. टूरिस्ट इस मंदिर की यात्रा के दौरान बेहतरीन मूर्तियों और पत्थर की नक्काशी का एक वाइड कलेशन देख सकते हैं.

मुक्तेश्वर मंदिर || Mukteshwar Mandir

मुक्तेश्वर मंदिर को शिव मंदिर और मुक्तेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है. मुक्तेश्वर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. मंदिर समुद्र तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. यह 350 साल पुराना मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है और हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है.

मंदिर को सफेद संगमरमर के शिवलिंग और तांबे से बनी योनि से सजाया गया है. शिव लिंगम अन्य हिंदू देवताओं और देवी, विष्णु, ब्रह्मा, गणेश, हनुमान, नंदी और पार्वती की कई मूर्तियों से घिरा हुआ है. पर्यटक पत्थरों से बनी घुमावदार खड़ी सीढ़ियों की श्रृंखला पर चढ़कर मंदिर तक पहुंच सकते हैं.

Bangladesh Border Journey: सिंदूर और साड़ी… डबल डेकर ब्रिज से आगे ऐसा है मेघालय!

सीतला

मुक्तेश्वर से 5 किमी की दूरी पर स्थित सीतला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. समुद्र तल से 6000 फीट की ऊंचाई पर बसा यह एक खूबसूरत हिल स्टेशन है. यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के मनमोहक व्यू दिखाई देता है.

यह 39 एकड़ के क्षेत्र में फैला है और हरे-भरे ओक के पेड़ों, देवदार के पेड़ों और बागों से घिरा हुआ है.पर्यटक यहां एक खूबसूरत पत्थर का बंगला देख सकते हैं, जिसका निर्माण करीब एक सदी पहले अंग्रेजों ने करवाया था.इस बंगले को सीतला एस्टेट के नाम से जाना जाता है और पर्यटक यहां ठहरने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.

चौली की जाली || Chauli ki Jali Mukteshwar

चौली की जाली मुक्तेश्वर मंदिर के पास स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह साइट कुमाऊं घाटी और हिमालय  के खूबसूरत व्यू देखने को मिलती है.

एक पौराणिक कथा के अनुसार, यह वही स्थान है जहां एक राक्षस और एक देवी ने युद्ध किया था. युद्ध के साक्ष्य, जैसे ढाल, हाथी की सूंड और तलवार की फीकी रूपरेखा अभी भी इस स्थान पर देखे जा सकते हैं.

यहां की चट्टान के प्राकृतिक स्वरूप से एक कहानी से जुड़ी हुई है. ऐसा माना जाता है कि यदि कोई बांझ महिला जाली से अपना सिर निकालने में सफल हो जाती है, तो उसे संतान की प्राप्ति होती है.

ब्रह्मेश्वर मंदिर

ब्रह्मेश्वर मंदिर मुख्य सड़क से 1 किमी की दूरी पर स्थित एक धार्मिक स्थल है. ऐसा माना जाता है कि मंदिर का निर्माण वर्ष 1050 में किया गया था और यह सुंदर मूर्तियों से भरी हुई है. ब्रह्मेश्वर मंदिर के प्रांगण में चार अन्य छोटे मंदिर हैं.

नाथूखान

नाथूखान एक खूबसूरत गांव है, जो समुद्र तल से 1940 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह मुक्तेश्वर से लगभग 14 किमी दूर स्थित है. गांव का नाम इस जगह के एक प्रसिद्ध मुस्लिम शख़्सियत नाथुआ खान से लिया गया है.

गांव को कई छोटे क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जैसे तल्लटंडा, नवादा, मल्लतंडा, कफलधारी, कनाला, झोपरो, बनोला, बुंगा, बगीचा, लमाखान और टपुक.

कैसे पहुंचें मुक्तेश्वर || How to Reach Mukteshwar

मुक्तेश्वर हवाई, ट्रेन और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.

हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे मुक्तेश्वर : मुक्तेश्वर से नजदीकी हवाईअड्डा (nearest airport from mukteshwar) पंतनगर (Pantnagar Airport) का है. मुक्तेश्वर से पंतनगर एयरपोर्ट की कुल दूरी लगभग 90 किलोमीटर की है.

सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे मुक्तेश्वर : मुक्तेश्वर तक सड़क मार्ग से आने के लिए आपको पहले नैनीताल या भीमताल पहुंचना होगा. नैनीताल से और भीमताल से रास्ते यहां तक आते हैं. दोनों ही रास्ते अलग अलग है इसलिए आप अपनी सुविधा के हिसाब से कोई भी रूट चुन सकते हैं.

बस से कैसे पहुंचे मुक्तेश्वर : बस से मुक्तेश्वर पहुंचने के लिए आपको पहले हल्द्वानी पहुंचना होगा. हल्द्वानी ही मुक्तेश्वर से सबसे नजदीकी बड़ा बस अड्डा (nearest bus station from mukteshwar is in Haldwani) है. अलग अलग शहरों से हल्द्वानी के लिए बसें उपलब्ध होती हैं. हल्द्वानी पहुंचकर आप लोकल कैब या टैक्सी सीधा मुक्तेश्वर के लिए बुक कर सकते हैं.

ट्रेन से कैसे पहुंचे मुक्तेश्वर : ट्रेन से मुक्तेश्वर पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले काठगोदाम पहुंचना होगा. काठगोदाम ही मुक्तेश्वर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन (Nearest railway station from Mukteshwar is Kathgodam) है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन की मुक्तेश्वर से कुल दूरी 56 किलोमीटर की है. आप काठगोदाम से टैक्सी बुक करके मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं.

मुक्तेश्वर का मौसम

मुक्तेश्वर का मौसम साल भर आरामदायक रहता है.टूरिस्ट सर्दियों और मानसून के दौरान हिल स्टेशन पर जाने से बच सकते हैं क्योंकि इन मौसमों में यातायात की समस्या काफी आम है.

Recent Posts

ईरान में भारतीय पर्यटकों के लिए घूमने की बेस्ट जगहें और Travel Guide

Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More

4 days ago

Pahalgam Travel Guide : पहलगाम क्यों है भारत का Hidden Heaven? जानिए सफर से लेकर संस्कृति तक सब कुछ

Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More

5 days ago

Haifa Travel blog: इजराइल के हाइफा से क्या है भारत का रिश्ता, गहराई से जानिए!

Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More

6 days ago

Unmarried Couples का Entry Ban: आखिर क्या हुआ था Jagannath Temple में राधा रानी के साथ?

Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More

7 days ago

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश क्यों होते हैं? जानें पीछे के 5 बड़े कारण

उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More

1 week ago

Top 7 Plane Crashes: जब एक पल में खत्म हो गई सैकड़ों जिंदगियां!

Air travel को भले ही आज सबसे सुरक्षित transport modes में गिना जाता है, लेकिन… Read More

2 weeks ago