Himalayan Tour

Shyok River का क्या है इतिहास ? क्यों कहते है River of Death ?

Shyok River से जुड़ी खबरें आजकल आपके पास खूब पहुंच रही होंगी. क्या आपके दिमाग में भी ये एक सूखी नदी की तस्वीर के रूप में कैद है? या ये एक ऐसी नदी जो वीरान-बंजर पहाड़ियों के बीच से बह रही है? इस नदी से जुड़ी कुछ बातें हम आपको बताने जा रहे हैं, जिन्हें जान लेना आपके ही लिए नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए बेहद जरूरी है.

श्योक नदी ( THE RIVER OF DEATH ) : लेह- लद्दाख भारत के प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। लेह- लद्दाख का इलाका पहाड़ों, घाटियों और नदियों से सजा हुआ है। यह इलाका ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग, पहाड़ों के बीच में टेंट लगाकर रहने वालों को अपनी और आकर्षित करता है। साथ ही स्थानीय लोगों की दिनचर्या को पास से देखने का मौका भी मिलता है। इसके साथ ही लेह लद्दाख के लोकल फूड का भी आप मजा ले सकते हैं।

पढ़ें- LAC की Galwan Valley का कैसे पड़ा नाम ? क्या है गुलाम रसूल गलवान से रिश्ता ?

ऐसे में अगर आप लेह- लद्धाख आए तो ‘मौत की नदी’ की सैर करना ना भूले, डरिए मत श्योक नदी ( Shyok River ) को ‘मौत की नदी’ के नाम से जाना जाता है। ये नदी रिमो ग्लेशियर, काराकोरम रेंज से निकलती है जो सिंधु नदी की एक सहायक नदी है, और उत्तरी लद्धाख से होकर गिलगित- बाल्टिस्तान में प्रवेश करती है। ये नदी करीब 550 किलोमीटर में लंबी है।

कैसे पहुंचे श्योक नदी तक ? ( How to reach at Shyok River ) : अगर आपको चैलेंज पंसद है तो श्योक नदी की सैर आपके लिए कभी नहीं भूलने वाला पल हो सकता है। आपको वहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। आपको लेह से श्योक नदी तक पहुंचने में 135 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा।

श्योक नदी के दीदार के लिए अगर आप मोटर बाइक और कार का सहारा ले तो ज्यादा मुफीद होगा, क्योंकि यहां के रास्ते उबड़- खाबड़ है, और छोटे है। ऐसे में बड़ी गाड़ियों का पहुंचना मुश्किल है। हालांकि कहीं कहीं पर पक्की सड़क भी है, जो आपके सफर को थोड़ा आसान बना सकती है, लेकिन अगर आप थक भी गए है तो यकिन मानिए वहां की वादियों को देखकर आपकी थकान छूमंतर हो जाएगी.

पढ़ें- दौलत बेग ओल्डी को कहां से मिला ये नाम ? क्यों डरते हैं दुश्मन यहां से 

क्यों कहते है ‘मौत की नदी’ ? (Why Shyok River called as River of Death ) : श्योक नदी को मौत की नदी कहने की कहानी ये है कि ये नदी बहुत तेज बहती है, जिसे पार कर पाना ना मुमकिन है, ये नदी गर्मियों में अपने पूरे रंग में होती है, गर्मियों में गलेश्यिर पिघलने की वजह से इस नदी में पानी का बहाव तेज हो जाता है। और इसे पार करना किसी के लिए भी मुनासिब नहीं होता है, हालांकि सर्दियों में इसका बहाव कम रहता है लेकिन नदी को पार करना बस की बात नहीं होती है।

वहीं, यह नदी प्राचीन काल से लद्दाख के लोगों के लिए एक सुरक्षा मोर्चे की तरह रही,  जिसने लगातार विदेशी आक्रमणकारियों से उन्हें बचाया। कोई भी विदेशी आक्रमणकारी या तो मंगोल और चीनी घुड़सवार इस नदी को पार करने की कोशिश करते और डूब जाया करते थे। हालांकि आजकल नदी पर कई पुल हैं जिससे सुरक्षित पार किया जा सकता है

कब जाए लेह- लद्दाख ? ( Best time to visit Let-Ladakh ) : लद्दाख में टूरिस्ट सीजन अप्रैल से शुरू होता है जो अगस्त तक चलता है ये सीजन लद्दाख में समर सीजन होता है इसलिए ज्यादातर पर्यटक इस सीजन में लद्दाख आते हैं। लेकिन कुछ लोगों को विंटर सीजन भी पसंद है लद्दाख की नदी चादर ट्रैक में बदल जाती है जिसपर ट्रैकिंग का एक अलग ही अनुभव होता है। इस दौरान काफी ठंड होती है और पूरा इलाका बर्फ से ढका होता है।

Recent Posts

Gen Z के लिए भारत के 7 अंडररेटेड वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी: जहां हर फ्रेम बनेगा ‘Epic Reel’

Gen Z सिर्फ घूमने नहीं जाती, वो हर ट्रिप को aesthetic adventure बनाना जानती है… Read More

1 day ago

Shankar’s International Dolls Museum जाकर खुश हो जाएंगे आपके बच्चे! जानें इसके बारे में विस्तार से

Shankar's International Dolls Museum दिल्ली में स्थित एक ऐसा म्युजियम है जहां दुनिया भर की… Read More

2 days ago

अगर शांति चाहिए तो भारत के इन 12 शहर जाएं

कभी-कभी सफर हमें नई जगहें नहीं दिखाता, बल्कि हमें खुद से मिलाता है. भारत भी… Read More

4 days ago

Shri Someshwara Swamy Temple: श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर का इतिहास, महत्त्व, कैसे पहुंचे और आसपास घूमने लायक जगहें

Shri Someshwara Swamy Temple : कर्नाटक की संस्कृति, परंपरा और भक्ति का अनोखा संगम देखने… Read More

6 days ago

Jammu-Kashmir Visit In Winter : कश्मीर की 5 जगहें जहां स्नोफॉल देखकर आप कहेंगे-वाह, क्या नज़ारा है!

Jammu-Kashmir Visit In Winter : जब कश्मीर में सर्दी दस्तक देती है, तो सिर्फ ठंड… Read More

1 week ago