Interesting Travel Facts

neelakurinji flower : 12 साल में एक बार खिलता है ये जादुई फूल

चारों तरफ पहाड़‍ियां, ऊपर नीला आसमान। सुहाना मौसम और पहाड़ पर बिछी हुई नीले रंग के फूलों की चादर। केरल की खूबसूरती में ऐसा 12 साल बाद होता है। तीन पर्वत श्रृंखलाओं (मुथिरपुझा, नल्लथन्नी और कुंडल) के संगम पर स्थित केरल का मुन्नार समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां पर हर 12 साल में नीलकुरिंजी फूल ( neelakurinji flower ) खिलता है, जो कि पर्यटकों को सबसे ज्‍यादा पसंद आता है। इन फूलों के खिलने से पहाड़ियों का रंग भी पूरी तरह से नीला हो जाता है, जिस वजह से यहां के पहाड़ों को नीलगिरी नाम दिया गया है। 12 साल में जब ये फूल ( neelakurinji flower ) यहां पर खिलता है तो आस-पास दिखने वाली हर पहाड़ी नीले फूलों से सज चुकी होती है।

आखिरी बार ये फूल ( neelakurinji flower ) साल 2006 में खिला था औऱ इसके बाद पिछले साल भी ये फूल खिला था। मुन्‍नार में नीलकुरिंजी फूलों ( neelakurinji flower ) का मौसम जुलाई से अक्‍टूबर के बीच में होता है। साल 2006 में जब ये फूल ख‍िले थे तो दुनियाभर से 3 लाख पर्यटक इसे देखने के लिए यहां पहुंचे थे। केरल पर्यटन विभाग के मुताबिक 2018 में ये 8 लाख तक पहुंची है।

मुन्‍नार जाने के लिए आप हवाईजहाज, रेलवे और सड़क तीनों मार्गों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। तमिलनाडु का तेनी सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है, जो कि मुन्नार से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलवा यहां पर हवाई जहाज से भी पहुंचा जा सकता है। तमिलनाडु का मदुरई एयरपोर्ट 140 किलोमीटर और कोचीन एयरपोर्ट 190 किलोमीटर की दूरी पर है।

मुन्नार में पूरे देश के सबसे ज्यादा नीलकुरिंजी ( neelakurinji flower ) के पौधे हैं। ये पहाड़ियों के 3000 हेक्टयर क्षेत्र में फैले हुए हैं। हर पौधा सिर्फ एक बार ही खिलता है और फूल ( neelakurinji flower ) खिलने के बाद खत्म हो जाता है। इसके बीज को पौधा बनने में और 30-60 सेंटीमीटर तक बड़ा होने में करीब 12 सालों का लंबा वक्त लग जाता है।

मुन्नार देश के सबसे मशहूर हिल स्टेशन्स में से एक है। यहां की खूबसूरती पहाड़ी ढलानों से दिखती है। यहां पर चाय के बागान लगभग 80,000 मील की दूरी तक पहाड़ियों को कवर किए हुए हैं। मुन्नार में आमतौर पर ठंड होती है जो कि आपको आराम देगी और ये एक खास अहसास होगा।

नीलकुरिंजी ( neelakurinji flower ) एशिया और ऑस्ट्रेलिया में मिलता है। ये स्ट्रोबिलैंथ्स प्रजाति का पौधा है और पूरी दुनिया में स्ट्रोबिलैंथ्स की 350 प्रजातियां मिलती हैं जिसमें से भारत में 146 मिलती है। सिर्फ केरल में ही इनकी 43 प्रजातियां मिलती हैं। स्ट्रोबिलेंथस की अलग-अलग प्रजातियों के फूलों के खिलने का समय भी अलग होता है। कुछ फूल 4 साल में खिलते हैं, तो कुछ 8, 10, सालों में खिलते हैं।

लेकिन ये फूल ( neelakurinji flower ) कब खिलकर खत्म हो जाते हैं किसी को पता तक नहीं चल पाता है। इसके पीछे वजह ये है कि ज्यादातर फूल सड़क के किनारे ही खिलते हैं और सड़कें चौड़ी करने के मकसद से इन फूलों के उगने की जमीन खत्म हो रही है। इसके अलावा चाय और मसालों की खेती के लिए भी बड़े पैमाने में जमीन ले ली गई है और इस वजह से भी इन फूलों के लिए जमीन खत्म हो गई है। गौरतलब है कि अब नीलकुरिंजी फूल ( neelakurinji flower ) के लिए केरल में जगह अलग की जा रही है, क्योंकि इसके खिलने का इंतजार सभी को होता है। इस फूल के लिए कुरिंजीमाला नाम का संरक्षित क्षेत्र यानी की सैंक्चुअरी भी है जोकि मुन्नार से 45 किलोमीटर दूर है।

नीलकुरिंजी का फूल खिलते ही मानों तितलियों और मधुमक्खियों का झुंड आ जाता है। क्योंकि नीलकुरिंजी का शहद काफी खास होता है। ये 15 सालों तक भी खराब नहीं होता है। इस शहद में औषधीय गुण भी होते हैं। यहां के आदिवासी लोग इस शहद को तोहफे के रूप में एक-दूसरे को देते हैं और नवजात को भी यही शहद चटाया जाता है।

अब साल 2030 में ही ये फूल खिलेगा, क्योंकि बीते साल ही ये फूल खिला है। लेकिन किस पैमाने पर ये दिखेगा इसके बारे में कहना मुश्किल है। जिस तेजी से कुदरत के साथ खिलवाड़ हो रहा है उसे देखते हुए बहुत-सी दुर्लभ प्रजातियों को बचाना मुश्किल है। हालांकि, सेव कुरिंजी कैंपेन काउंसिल इस फूल के संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है और लोगों को जागरूक भी कर रही है। ताकि, आने वाली पीढ़ियां भी इस खूबसूरत फूल को देख सकें।

Recent Posts

Ragi Cheela : 10 मिनट में प्रोटीन और फाइबर से भरपूर रागी चीला तैयार करें

Ragi Cheela : नाश्ते में चीला लोगों की पहली पसंद होता है. ज़्यादातर घरों में… Read More

16 hours ago

Chhath Puja 2025 : नहाय खाय और सूर्य देव की भक्ति: छठ पूजा की शुरुआत का प्रतीक

साल 2025 में चार दिन चलने वाले छठ पर्व का पहला दिन, जिसे नहाय खाय… Read More

18 hours ago

Sabarimala Temple – भगवान अयप्पा का पवित्र धाम और इसकी रहस्यमयी परंपराएं

सबरीमाला मंदिर भारत के केरल राज्य के पठानमथिट्टा जिले में स्थित एक अत्यंत पवित्र हिन्दू… Read More

1 day ago

How I Explored Telangana Without Breaking the Bank

Travelling on a budget often feels like a puzzle. You want to cover as much… Read More

1 day ago

नवरात्रि 2024 कब है? जानें तिथि, पूजा समय, अनुष्ठान, महत्व और बहुत कुछ

नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि या शरद नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह… Read More

4 days ago

जब यात्रा की बात आती है, तो एक यादगार होटल में ठहरना बहुत मायने रखता… Read More

4 days ago