20 Famous Shiva Temples in India : आइए जानतें हैं भगवान शिव को समर्पित भारत में स्थित 20 मंदिरों के बारे में...
20 Famous Shiva Temples in India: हिन्दू धर्म में भगवान शिव को बहुत शक्तिशाली माना गया है. शिव को महादेव, शंकर और भोलेनाथ के रूप में भी जाना जाता है. भगवान शिव हिंदू पौराणिक कथाओं में ‘त्रिमूर्ति’ में से एक बताए गए हैं, जिनके पास ब्रह्मांड को बनाने, नष्ट करने और बदलने की शक्ति है. उन्हें ध्यान, योग और कला का परम संरक्षक देवता भी माना जाता है. शिव भगवान की शिवलिंग, रुद्राक्ष सहित कई रूपों में पूजा की जाती है.
भगवान शिव को भारत के अलग-अलग जगहों में महाकाल, संभु, नटराज, महादेव, भैरव, आदियोगी जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भारत में आपने 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में तो सुना ही होगा जिनमें शामिल है सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ॐकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमाशंकर, रामेश्वर,नागेश्वर, घृष्णेश्वर, केदारनाश, काशी विश्वनाथ और महाकाल. आज के इस आर्टिकल मेें हम 20 फेमस शिव मंदिर के बारें में बताएंगे.
भगवान शिव को समर्पित, बृहदेश्वर मंदिर तंजावुर में सबसे ज्यादा फेमस मंदिरों में से एक है. यह पूरी तरह से द्रविड़ वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. मंदिर में एक बड़ा पिलर और भारत के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक है.
यह मंदिर अपनी मूर्तिकला की खूबसूरती के लिए जाना जाता है – पीतल नटराज, शिव मंदिर में नंदी, देवी पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश, सभापति, दक्षिणामूर्ति, चंदेश्वर, वरही और अन्य के मंदिर भी शामिल हैं. यह दक्षिण भारत के लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक नहीं है बल्कि तमिलनाडु में सबसे अधिक देखे जाने वाले जगहों में से एक है.
वडक्कुनाथन मंदिर दक्षिण भारत का एक बहुत लोकप्रिय शिव मंदिर है, जो केरल राज्य में स्थित है. भगवान शिव को यहां वडक्कुनाथन के रूप में जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि वडक्कुनाथन मंदिर भगवान परशुराम द्वारा बनाया गया पहला मंदिर है. यहां पूजा में देवता को भारी मात्रा में घी चढ़ाया जाता है. भक्तों को प्रसाद के रूप में घी दिया जाता है. महा शिवरात्रि मंदिर का प्रमुख त्योहार है इस दिन कई कल्चर और म्यूजिक प्रोग्राम मनाए जाते हैं. महा शिवरात्रि पर एक लाख से अधिक मंदिर में दीपक जलाए जाते हैं.
महाबलीपुरम में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित शोर मंदिर 8वीं शताब्दी का है. इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में लिस्टिड किया गया है. यह मंदिर प्राचीन स्मारकों का प्रतीक हैं और शोर मंदिर की मूर्तिकला पल्लव वास्तुकला का एक खूबसूरत उदहारण हैं.शोर मंदिर के प्रमुख देवता भोले नाथ हैं. हालांकि मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की एक विशाल मूर्ति लेटी हुई स्थिति में देखी जा सकती है. भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है.
अमरनाथ मंदिर भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित है. हिंदू धर्म में सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है. यह मंदिर एक गुफा के रूप स्थित है. इस गुफा 11 मीटर ऊंची है. इस गुफा का अमरनाथ गुफा भी कहा जाता है. अमरनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है.
पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होता है. यह शिवलिंग लगभग 10 फुट ऊंचा बनता है. आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में लाखों लोग यहां आते हैं. चन्द्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इस बर्फ का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है.
अपने नाम के अनुरूप, कोटिलिंगेश्वर मंदिर भारत का एक फेमस शिव मंदिर है जो लगभग 1 करोड़ शिव लिंगों के घर के लिए फेमस है, जो देश में सबसे बड़े शिव लिंगों में से एक है. यह शानदार मंदिर कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित है और स्थानीय लोगों और अन्य लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध मंदिर है. लगभग 1 करोड़ छोटे शिव लिंगों के अलावा, मंदिर परिसर में एक 33 मीटर लंबा लिंग और 11 मीटर लंबा नंदी भी है. लिंग के पास एक पानी की टंकी भी बनाई गई है जिसका उपयोग भक्त लिंगम को चढ़ाने के लिए कर सकते हैं.
काल भैरव मंदिर भारत के सबसे प्रतिष्ठित शिव मंदिरों में से एक है. भगवान शिव को यहां शहर के संरक्षक देवता भगवान काल भैरव के रूप में पूजा जाता है. शिप्रा नदी के तट पर स्थित, यह शहर के सबसे फेमस मंदिरों में से एक है, जहां हर दिन सैकड़ों भक्त आते हैं. इस मंदिर की सबसे अलग बात यह है कि लोग मंदिर के देवता को शराब चढ़ाते हैं.
तमिलनाडु के तिरुवनमलाई जिले में शिवजी का एक मंदिर है. अन्नामलाई पर्वत की तराई में स्थित इस मंदिर को अरुणाचलेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है. यहां सावन पर भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती हैं. वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर मेला भी लगता है. श्रद्धालु यहां अन्नामलाई पर्वत की 14 किमी लंबी परिक्रमा कर महादेव से मन्नत मांगते हैं. कहा जाता है कि यह विश्व में भोलेनाथ का सबसे बड़ा मंदिर है.
भगवान शिव के अवतार भगवान मंगेश को समर्पित, मंगुशी मंदिर गोवा के सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है. यह गोवा में पोंडा तालुक के मंगेशी गांव में स्थित है. मंदिर के मुख्य देवता की यहां शिवलिंग के रूप में पूजा की जाती है, जो इसे भगवान शिव के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बनाता है. मंदिर के दर्शनार्थियों को दर्शन करते समय एक ड्रेस कोड का पालन करना होता है. मंदिर परिसर में देवी पार्वती और भगवान गणेश भी हैं. इस मंदिर में और भी कई देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं.
नीलकंठ महादेव मंदिर एक लोकप्रिय हिंदू शिव मंदिर है जहां भगवान को नीलकंठ के रूप में पूजा जाता है – भगवान शिव का एक रूप. मंदिर भगवान शिव के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है.यह स्थल घने जंगलों से घिरा हुआ है और नर-नारायण की पर्वत श्रृंखलाओं के करीब स्थित है. खूबसूरत घाटियों के बीच घिरा यह शिव मंदिर पंकजा और मधुमती नदियों के संगम पर स्थित है.
नेल्लईअप्पर मंदिर दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में स्थित भगवान शिव का एक हिंदू मंदिर है. भगवान शिव की यहां नेल्लईप्पर के रूप में पूजा की जाती है, जो लिंगम के प्रतीक हैं और उनकी पत्नी पार्वती को कंथिमती अम्मन के रूप में चित्रित किया गया है. थामिराबरानी नदी के उत्तरी तट पर स्थित यह मंदिर 14 एकड़ में फैला हुआ है. इस मंदिर में एक सुंदर गेट है जो 850 फीट लंबा और 756 फीट चौड़ा है.
तिरुवनंतपुरम जिले के चेंकल में स्थित महेश्वरम शिव पार्वती मंदिर के 111.2 फुट ऊंचे शिवलिंग को दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग माना है. बेलनाकार संरचना वाले आठ मंजिला इस शिवलिंग की 6 मंजिलें मानव शरीर के चक्रों या ऊर्जा केंद्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं. महेश्वरम मंदिर भगवान शिव का एक सुंदर मंदिर है जहां महा शिवरात्रि बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है. केरल की पारंपरिक स्थापत्य शैली में कृष्ण पत्थर और लकड़ी का उपयोग करके बनाया गया है.
बैजनाथ मंदिर पालमपुर के पास एक बहुत प्रसिद्ध शिव मंदिर है. माना जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में अहुका और मनुका नाम के दो व्यापारियों ने करवाया था. मंदिर में, भगवान शिव को वैद्यनाथ के रूप में मनाया जाता है और लिंग के रूप में पूजा की जाती है. मंदिर का पानी भक्तों के बीच भी लोकप्रिय है क्योंकि इसमें औषधीय गुण हैं.
मंदिर की बाहरी दीवारों में हिंदू देवी-देवताओं की फोटो हैं. राजा सनासर चंद द्वारा 20वीं शताब्दी में मंदिर परिसर में हरे-भरे बगीचों को जोड़ा गया है जिससे यह मंदिर और अधिक सुंदर लगता है. इस मंदिर के दर्शन के लिए शिवरात्रि सबसे अच्छा समय है.
दिल्ली के यमुना बाजार में नीली छतरी मंदिर एक प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस प्राचिन मंदिर की स्थापना पांडवों के ज्येष्ठ भाई युधिष्ठिर ने की थी. मंदिर को लेकर लोगों की मान्यता है की इस मंदिर में युधिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ आयोजित किया था.
नीली छतरी एक गुंबद है जो कि नीली रंग के टाईलों से बना हुआ है. इसलिए इसे नीली छतरी मंदिर भी कहा जाता है. यह मंदिर युमना बाजार क्षेत्र, सलीमघढ किले, रिंग रोड़, कश्मीरी गेट, नई दिल्ली में स्थित है.
मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं के बड़ी मूर्तियों के लिए फेमस है. ये लगभग 200 एकड़ जमीन में बना हुआ है. यह मंदिर जब दिल्ली से गुडगांव एनएच-8 से जाते है तो रास्ते में ही मंदिर को देखा जा सकता है और मंदिर में भगवान शिव की बड़ी मूर्ति को एनएच-8 से देखा जा सकता है.
मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर में भगवान शिव की विशाल मूर्ति है किसी उंचाई लगभग 100 फीट से ऊपर है. इस मंदिर भगवान शिव के अलावा माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी बैल, सीता राम, राधा कृष्ण और भगवान गणेश मूर्ति भी हैं.
शिव मंदिर गुफा वाला आपके पूरे परिवार के साथ घूमने लायक मंदिर है.यह प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन के पास एक प्राचीन गुफा के अंदर स्थित है. इस मंदिर में एक बड़ी गुफा है जो वैष्णो देवी मंदिर का जैसी दिखती है और गुफा के अंदर माता वैष्णो देवी और भगवान हनुमान की मूर्ति है.
गुफा से बाहर निकलने पर भगवान भोलेनाथ की एक मूर्ति है. मंदिर परिसर को पिकनिक के लिए पार्क के साथ खूबसूरती से बनाया गया है. शिव मंदिर पूर्वी दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों और सुंदर मंदिरों में से एक है.
रुद्रनाथ मंदिर भगवान शिव का यह मंदिर गढ़वाल के चमोली जिले में है. यह मंदिर पंच केदार में शामिल है. मंदिर समुद्र तल से 2220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस मंदिर के भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है जबकि शिव के पूरे धड़ की पूजा पशुपतिनाथ मंदिर (नेपाल) में की जाती है.
तुंगनाथ मंदिर यह भगवान शिव का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है. मंदिर रूद्रप्रयाग जिले में है. यह प्राचीन मंदिर भी पंच केदार में शामिल है. पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में ही भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पांडवों ने पूजा की थी और मंदिर का निर्माण करवाया था.
भांड देव मंदिर मंदिर एक तालाब के किनारे खूबसूरती से स्थित है और मंदिर का निर्माण एक सुंदर वास्तुकला में किया गया है जो पूरी तरह से पूजा के लिए एक परफेक्ट जगह है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है लेकिन मंदिर का निर्माण शैववाद की तांत्रिक परंपरा के अनुसार किया गया है और मंदिर का निर्माण नगर वास्तुकला मंदिर में किया गया है.
माना जाता है कि मंदिर 10 वीं शताब्दी में मालवा के नाग वंश के राजा मलय वर्मा द्वारा बनवाया किया गया था और इसे 1162 ईस्वी में मेड राजवंश के राजा त्रिस्ना वर्मा द्वारा फिर से बनवाया गया था.
चौमुख भैरवजी मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है जो राजस्थान में मौजूद है और भक्त ज्यादातर फरवरी के महीने में अष्टमी तिथि या जागरण के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं. मंदिर भगवान शिव के भैरव के रूप का यहां पूजा जाता है जो उग्र है और इसे मंदिर में चोमुख या चार चेहरों के रूप में दर्शाया गया है.
रुद्रप्रयाग से लगभग 3 किमी की दूरी पर कोटेश्वर महादेव मंदिर है, जो एक गुफा मंदिर है जहां भगवान शिव ने केदारनाथ पहुंचने से पहले ध्यान लगाया था. यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है. इस गुफा मंदिर में देवताओं की कई मूर्तियां हैं जिन्हें प्राकृतिक रूप से निर्मित माना जाता.
कैलाशनाथ मंदिर औरंगाबाद के पास एलोरा में स्थित है. यह एक रॉक कट मंदिर है, जिसमें चार अलग-अलग भाग शामिल हैं. इसे 8वीं शताब्दी के आसपास राष्ट्रकूट शासक द्वारा बनवाया गया था. कैलाशनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जो कि यहां की 34 गुफाओं में से 16वी गुफा में स्थित हैं. बताया जाता है कि कैलाश मंदिर को बनवाने में करीब 7000 मजदूर लगे थे. सबसे खास बात यह है कि यह मंदिर हिमालय के कैलाश मंदिर की तरह दिखई देता है.
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