Dhirendra Krishna Shashtri ke guru kaun hain : आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के गुरू कौन हैं...
Dhirendra Krishna Shashtri ke guru kaun hain : बागेश्वर धाम पर बाला जी महाराज का दरबार लगता है. इस धाम का कार्यभार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री संभालते हैं. इसलिए इन्हें बागेश्वर महाराज और बालाजी महाराज के राम से भी जाना जाता है. लोग धीरेंद्र कृष्ण को हनुमान जी का अवतार मानते हैं. लेकिन एक प्रश्न जो उठता है, वह धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरू को लेकर है. आइए जानते हैं कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरू हैं कौन (Dhirendra Krishna Shashtri ke guru kaun hain), जिन्होंने उन्हें दीक्षा दी…
बागेश्वर धाम के बहुत सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है, जिससे लोगों में बागेश्वर धाम के प्रति श्रद्धा बढ़ती जा रही है. हनुमान जी का ये मंदिर कई वर्षों पुराना है और धीरेन्द्र कृष्ण की पिछली 3-4 पीढ़ियां इस मंदिर में पुजारी रही है. धीरेन्द्र कृष्ण जी के दादा जी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था. इस दरबार में काफी सालों से विशाल दरबार लगता है और लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं. आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के गुरू कौन (Dhirendra Krishna Shashtri ke guru kaun hain) हैं.
पंडित कृष्ण शास्त्री का जन्म शुक्ल वंश के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके दादा एक बहुत बड़े संत थे. महाराज धीरेंद्र को बचपन से ही गुरू की कृपा प्राप्त हो गई थी, उनके दादा बागेश्वर धाम में ही रहते थे.
उनके दादा भगवानदास गर्ग एक सिद्ध संत थे. हनुमान मंदिर के पास निर्मोही अखाड़े में दरबार लगता था, जो उनके दादा से जुड़ा था. बाद में, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिव्य दरबार लगाना शुरू किया, जिसने बहुत लोकप्रियता हासिल की.
उनके दादा जी के गुरु संन्यासी बाबा भी उनके परिवार से ताल्लुक रखते थे, जिन्होंने 320 साल पहले समाधि ले ली थी. संन्यासी बाबा धीरेंद्र महाराज के भी आध्यात्मिक गुरू हैं.
बागेश्वर महाराज ने स्वीकार किया कि उन्हें जो भी ज्ञान और अलौकिक शक्ति प्राप्त हुई है, वह सब दादा और संन्यासी बाबा की कृपा का फल है. 2010 में उनके दादा ने काशी में देह त्याग दी थी.
यह सब महाराष्ट्र में अंधविश्वास से लड़ने वाले एक संगठन द्वारा एक चुनौती देने और नागपुर में आयोजित एक सत्संग में अपनी रहस्यमय शक्तियों को दिखाने के लिए, कहने के साथ शुरू हुआ. खबर थी कि वह नहीं माने और वहां से मध्य प्रदेश चले गए. बागेश्वर धाम का चलन शुरू होने के बाद लोग यह जानने के लिए उत्सुक थे कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कौन थे और वे किस धाम को चला रहे थे.
धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह हिंदू सनातन धर्म के खिलाफ एक साजिश थी और उन्हें बदनाम करने के लिए पत्रकारों और लोगों को पैसे दिए जा रहे थे. वीडियो में वह सवाल करते हैं कि क्या धर्म के बारे में बात करना अंधविश्वास है.
हालांकि, बाद में महाराष्ट्र पुलिस ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्लीन चिट दे दी.
बागेश्वर धाम एक हनुमान जी का मंदिर है जो मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में मौजूद है.य ह वही गांव है, जहां धीरेन्द्र कृष्ण का जन्म हुआ था. यहीं पर उनके दादाजी ने समाधि भी ली थी.
दुनियाभर के लोग यहां आते हैं और अपने नाम की अर्जी लगाते हैं. यहां पर मंगलवार के अलावा कभी और अर्जी नहीं लगाई जाती. मंगलवार का दिन अर्जी के लिए इसे चुना गया है क्योंकि ये दिन हनुमान जी का दिन होता है.
जो लोग भी यहां आकर अर्जी लगाते हैं वो एक नारियल को लाल कपड़े में बांधकर जरूर लाते हैं. ऐसी मान्यता है कि अगर जो कोई भी इस नारियल को उस मंदिर में बांधकर जाता है उनकी मनोकामना पूर्ण होती है, जिसके कारण लाखों लोग यहां मंगलवार को नारियल बांधने आते हैं. यहीं पर लगता है महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का भव्य दरबार, जहां आकर लोग अपनी समस्या का समाधान पाते हैं.
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