Jhirkeshwar Mahadev Temple : जानें, झिरकेश्वर महादेव मंदिर का दिलचस्प इतिहास
Jhirkeshwar Mahadev Temple : झिरकेश्वर महादेव भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है और यह भारत के हरियाणा के फिरोजपुर झिरका में स्थित है. यह गुफा मंदिर अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है. मंदिर के मुख्य देवता, शिव लिंगम, स्वयं प्रकट हुए हैं. इसके चारो और आपको ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और जंगल मिलेगा. इन पहाड़ियों से बरसात के दिनों में प्राकर्तिक झरना भी देखने को मिलता है.
अरावली की पहाड़ियों की गोद में यह मंदिर बहुत ही विशाल और सुंदर है. मंदिर के प्रांगड़ में एक विशाल नंदी जी भी है, जिनका मुख महादेव मंदिर कि तरफ है , एक कुआ भी है जिसका पानी निकलने के लिए नल लगे हुए है और पानी बहुत ही मीठा है, मंदिर में बहुत से बन्दर घूमते है इसलिए आपको अपना ध्यान रखना होगा.
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झिरकेश्वर महादेव का इतिहास || History of Jhirkeshwar Mahadev
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिव लिंगम को सबसे बड़े पांडव भाई युधिष्ठिर द्वारा मंत्रों के आह्वान से प्रकट किया गया था, जब वे वनवास के दौरान विराट नगर जा रहे थे. बाद में 1870 में, भगवान शिव पंडित जीवनलाल शर्मा, जो एक तहसीलदार (कर निरीक्षक) थे, के सपनों में प्रकट हुए. उन्होंने मंदिर के शीर्ष का निर्माण किया. 1970 से, हरियाणा सरकार के तहत पंजीकृत शिव मंदिर विकास बोर्ड मंदिर के मामलों की देखभाल कर रहा है.
झिरकेश्वर महादेव मंदिर में संतान की होती है प्राप्ति || In Jhirkeshwar Mahadev temple, one gets child
सबसे पहले पंडित जीवन लाल ने अपने निजी कोष से शिखर बनवाया. उनको कोई संतान नहीं थी. शिखर बनवाने के एक साल बाद उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. समय बीतता गया और मंदिर का प्रांगण बड़ा होता चला गया. साल 1970 में फिरोजपुर झिरका शहर के लोगों के द्वारा एक ट्रस्ट बनाया गया, जिसमें मंदिर की देखरेख से लेकर उसके विकास पर ध्यान दिया. पिछले करीब 18 सालों से फिरोजपुर झिरका शहर के अनिल गोयल शिव मंदिर विकास समिति फिरोजपुर झिरका की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
झिरकेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का लगा रहता है तांता || There is a continuous flow of devotees in Jhirkeshwar Mahadev temple
हर सोमवार को यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं. मंदिर परिसर में शिवरात्रि के अवसर पर मेला लगता है. हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों से श्रद्धालु आकर मन्नत मांगते हैं. मंदिर समिति प्रधान अनिल गोयल का कहना है कि जिनको पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं होती या बच्चों की शादी नहीं होती, ऐसे लोग बड़ी संख्या में आकर यहां मन्नत मांगते हैं. इसलिए यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
झिरकेश्वर महादेव मंदिर में सैकड़ों बंदर || Hundreds of monkeys at Jhirkeshwar Mahadev Temple
सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर परिसर में सैकड़ों बंदर हैं और मधुमक्खी के दर्जनों छत्ते हैं, लेकिन आज तक मधुमक्खियों और बंदरों ने किसी पर हमला नहीं किया. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां पूरी तरह से मन को शांति मिलती है. पांडव कालीन झिरकेश्वर मंदिर में न केवल श्रद्धालुओं की मुराद पूरी होती है, बल्कि इलाके के लोग एक पर्यटक स्थल के रूप में भी यहां घूमने आते हैं.
नेताओं का लगा रहता है तांता || There is a constant flow of leaders
झिरकेश्वर मंदिर का इतिहास बेहद पौराणिक है. पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने सबसे पहले इस मंदिर परिसर में पानी की कमी को दूर करने के लिए बोरवेल लगवाया था. बंसीलाल ने महज 3 दिन में 4-5 किलोमीटर दूरी पर फिरोजपुर झिरका से बिजली की व्यवस्था मंदिर परिसर में कराई थी. इसके अलावा हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला या फिर मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस मंदिर समिति की किसी न किसी रूप में मदद जरूर की है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हरियाणा सरकार में दिग्गज मंत्री राव नरबीर सिंह जैसे कई राजनेता अपने चुनावी अभियान की शुरुआत यहां से कर चुके हैं.
झिरकेश्वर मंदिर में साल मैं 2 बार शिवरात्रि पर मेला लगता है. श्रद्धालु शिवरात्रि पर इस मंदिर में नीलकंठ, गौमुख व हरिद्वार से पवित्र कांवड़ चढ़ाते है, तथा मेले का आयोजन करते हैं.
फिरोजपुर झिरका शिव मंदिर की दूरी || Distance to Ferozepur Jhirka Shiv Temple
यह मंदिर दिल्ली से करीब 110 किलोमीटर है .
गुरुग्राम से लगभग 70 किलोमीटर है.
धरुहेरा से लगभग 60 किलोमीटर है.
तिजारा से लगभग 40 किलोमीटर है.
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