Lord Krishna Famous Temple: भगवान कृष्ण, भगवान विष्णु के अवतार हैं. भगवान श्री कृष्ण को भक्त कई नाम से पुकारते हैं और कथाओं में भगवान के सभी नामों के पीछे कोई ना कोई कहानी बताई गई है. कृष्ण को वासुदेव, मुरारी और लीलाधर, आदि नाम से भक्त पुकारते हैं. कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात 12 बजे हुआ था. कृष्ण के जन्मदिन पर जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है.
कृष्ण भगवान का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था. कृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम माता देवकी थी. कृष्ण उनकी 8वीं संतान थे. पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण के बहुत मंदिर हैं, जहां हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. इनमें से कुछ मंदिर एकदम खास हैं. आइए जन्माष्टमी के पवित्र अवसर पर कृष्ण भगवान के 10 मंदिर के बारे में जानते हैं.
प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के धामों में से एक, जगन्नाथ मंदिर भारत में बेहद चर्चित मंदिर है. मंदिर के मुख्य गर्भगृह में, जगन्नाथ की लकड़ी की बारीक नक्काशीदार मूर्ति है जो काफी अनोखी है. मूर्ति को दोनों ओर भाई बलराम और बहन सुभद्रा की मूर्तियां हैं. यह मंदिर भारत के अन्य श्री कृष्ण मंदिरों से अलग दिखता है, तथ्य है कि यहां प्रक्रियाएं, प्रथाएं, संस्कार और अनुष्ठान अन्य हिंदू मंदिरों की तरह नहीं हैं, वे काफी अलग हैं.
मंदिर की वास्तुकला के बारे में भी कई अनोखी बातें हैं, जैसे मंदिर की छाया कभी दिखाई नहीं देती. समुद्र के करीब होने के बावजूद, आप मंदिर के परिसर में कदम रखते ही लहर की आवाज़ नहीं सुन पाएंगे. पहले, मंदिर सूर्य मंदिर का एक हिस्सा था, हालांकि 18 वीं शताब्दी में मराठों ने मंदिर को फिर से बनाया.
द्वारकाधीश मंदिर जिसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के चार प्रमुख तीर्थों में से एक है. मंदिर चारधाम यात्रा के दौरान भारत के हजारों भक्तों को आकर्षित करता है. द्वारका का शाब्दिक अर्थ है ‘मुक्ति का द्वार’- ‘द्वार’ का अर्थ द्वार और ‘का’ का अर्थ है शाश्वत सुख.
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि मंदिर की मूल संरचना भगवान कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभजी ने बनवायी थी. मंदिर की मुख्य मूर्ति को काले संगमरमर से उकेरा गया है. मूर्ति के एक हाथ में सुदर्शन चक्र है, जबकि दूसरे में शंख है.
मंदिर में भव्य चालुक्य शैली की वास्तुकला है, जो नरम चूना पत्थर और ग्रेनाइट से बनी है.आप रुक्मिणी मंदिर भी जा सकते हैं, जो मुख्य मंदिर से मुश्किल से कुछ किलोमीटर दूर है.
मंदिर का समय: सुबह 6.30 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक और शाम 5:00 बजे से रात 9.30 बजे तक
मंदिर स्थान: द्वारका, गुजरात
गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर केरल के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है. यह दक्षिण भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है जहां बालकृष्ण अवतार में देवता भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भगवान की मूर्ति चार हाथों वाली है – एक हाथ में शंख, एक में गदा, एक में चक्र और एक में कमल पकड़े हुए हैं और इसे उन्नीकृष्णन के नाम से भी जाना जाता है.
एक पौराणिक कथा के अनुसार, मंदिर का निर्माण देवताओं, गुरु और वायु देवता द्वारा किया गया था. भगवान उन्नीकृष्णन गुरुवायुर की आश्चर्यजनक मूर्ति पत्थर या धातु के बजाय पडाला अंजनम नामक एक दुर्लभ मिश्रण से बनी है जो पुराने समय में अधिक आम थी. इस मंदिर में भीड़ सबसे ज्यादा जन्माष्टमी के दौरान देखी जाती है.
मंदिर का समय: दर्शन सुबह 3 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक, तो वहीं 4:30 बजे से 9:15 बजे तक कर सकते हैं.
मंदिर स्थान: गुरुवायुर देवस्वोम, गुरुवायुर, केरल
राधा मदन मोहन मंदिर को वृंदावन का सबसे पुराना कृष्ण मंदिर माना जाता है. स्थानीय लोगो के अनुसार, मंदिर 5,000 वर्ष से अधिक पुराना है. यह मंदिर श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिन्हें यहां मदन मोहन के रूप में पूजा जाता है. गर्भगृह में पूजे जाने वाले देवता भगवान कृष्ण हैं जिनके दोनों ओर राधा और गोपी ललिता हैं. मंदिर नागर प्रकार की मंदिर वास्तुकला में लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है.
बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के सात प्रमुख प्राचीन मंदिरों में से एक है. यह 1863 में गोस्वामी द्वारा बनाया गया था, और तब मूर्ति को निधिवन से नीचे लाया गया था. किंवदंतियों के अनुसार, देवता की मूर्ति श्यामा-श्याम द्वारा स्वामी हरिदास को दी गई थी. एक दिन, स्वामी हरिदास के एक शिष्य, जो कालिदास के गुरु भी हैं, ने उनसे गाने का अनुरोध किया. उनकी आवाज से प्रभावित होकर, दिव्य युगल – श्यामा श्याम (राधा कृष्ण) हरिदास के सामने प्रकट हुए और गायब होने से पहले एक काली छवि छोड़ गए. मूर्ति के चरण कमलों को छिपा कर रखा जाता है. इन्हें केवल अक्षय तृतीया पर ही देखा जा सकता है.
मूर्ति के बारे में एक और अनोखी बात यह है कि मूर्ति की आंखों में लगातार देखने से आप आत्म-चेतना (self consciousness) खो सकते हैं. और यही कारण है कि मूर्ति ज्यादातर समय पर्दों से ढकी रहती है. निधि वन, सेवा कुंज, राधा दामोदर मंदिर, राधा रमन मंदिर और शाहजी मंदिर उन मंदिरों में से हैं जहां जरूर जाना चाहिए. आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के दौरान यहां जाना चाहिए. बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में केवल एक बार मंगला-आरती की जाती है और वह है जन्माष्टमी पर… भक्तों का मानना है कि अगर वे इस आरती में शामिल होते हैं, तो भविष्य में कोई आर्थिक समस्या नहीं होगी.
जुगल किशोर मंदिर को 1684 ई. में मुगल बादशाह जहांगीर ने बनवाया था. यह मथुरा के आध्यात्मिक (Spiritual) दौरे पर जाने के लिए एक अच्छी जगह है क्योंकि कृष्ण ने केसी राक्षस को मारकर इस घाट पर स्नान किया था. किंवदंतियों द्वारा सुनाई गई कहानियों के अनुसार, गौड़ीय वैष्णव समुदाय के सदस्यों ने राजा अकबर से चार नए मंदिर बनाने का अनुरोध किया – मंदन मोहन मंदिर, गोविंद देव मंदिर, जुगल किशोर मंदिर और श्री गोपीनाथ मंदिर. बाद में, औरंगजेब ने उनमें से तीन पर हमला किया, और मूल देवताओं को कहीं और ले जाया गया. मूल देवता की पूजा जुगल किशोर मंदिर में ही की जाती है.
मंदिर स्थान: गोदा विहार, वृंदावन, उत्तर प्रदेश
वृंदावन के 7 ठाकुर मंदिरों में गिना जाने वाला, श्री राधा रमन मंदिर 1542 ईस्वी में वैशाख महीने में पूर्णिमा की रात बनाया गया था. मंदिर का निर्माण गोपाल भट्ट गोस्वामी द्वारा किया गया था, जो वृंदावन के छह गोस्वामी में से एक थे, जिन्होंने श्री चैतन्य महाप्रभु के सिद्धांतों का सख्ती से पालन किया था.
मंदिर उत्तम वास्तुकला के लिए जाना जाता है, और इसके स्वयंभू देवता शालिग्राम शिला से बाहर हैं. मंदिर का सबसे मनोरंजक हिस्सा यह है कि यहां आपको राधा रानी की मूर्ति नहीं मिल सकती है, हालांकि कृष्ण के बगल में एक सोने की प्लेट है, जिस पर राधारानी का नाम उकेरा गया है.
मंदिर का वर्तमान ढांचा 1826 में लखनऊ के शाह बिहारी लालजी ने 80 हजार रुपये की लागत से बनवाया था. जिस आसन पर भगवान विराजमान हैं वह पूरी तरह से लकड़ी का बना हुआ है और 450 साल बाद भी यह बरकरार है. राम नवमी, चंदन यात्रा, झूलन यात्रा, बलराम पूर्णिमा और राधाष्टमी मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं.
प्रेम मंदिर भारत का सबसे अद्भुत हिंदू मंदिर है. वृंदावन में स्थित, यह दिव्य मंदिर जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने बनवाया था.मंदिर के प्रत्येक कोने में, आप भगवान कृष्ण के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाते हुए आकृतियों को देख सकते हैं. मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय जन्माष्टमी उत्सव और राधाष्टमी के दौरान है.
मंदिर का समय: सुबह 05:15 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 04:30 बजे से शाम 08:15 बजे तक
फाउंटेन शो का समय: शाम 07:30 बजे
मंदिर स्थान: रमन रेती रोड, वृंदावन, उत्तर प्रदेश
दक्षिण भारत में मथुरा के नाम से जाना जाने वाला कर्नाटक के उडुपी प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है. उडुपी के कृष्ण मंदिर के निर्माण के बारे में बताया जाता है, कि इसकी स्थापना वैष्णव जगद्गुरु श्री माधवाचार्य ने किया था. एक बार की बात है, श्री कृष्ण के एक परम भक्त हुआ करता था, जिसे इस मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी. तब वह इस मंदिर के पीछे जाकर भगवान श्री कृष्ण के घोर तपस्या और प्रार्थना करने लगा… तभी श्री कृष्ण ने उस भक्तों को अपना दर्शन दिया और इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा के सिर को उस तरफ घुमा दिया जिस तरफ उनका प्रिय भक्त बैठकर उनकी तपस्या कर रहा था. तभी से आज तक इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा की सिर दीवार की तरफ है और इनकी दर्शन के लिए एक खिड़की बनी हुई है.
मंदिर का समय: 05:30 सुबह से 11:00 बजे और 07:00 शाम से 08:50 रात
मंदिर स्थान: कार स्ट्रीट, उडुपी, कर्नाटक
गोविंद देव जी मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित है. मंदिर की मुख्य मूर्ति जयपुर के संस्थापक राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा लाई गई थी, और संरचना अकबर द्वारा बनाई गई थी. मंदिर में भगवान कृष्ण की फोटो पृथ्वी पर उनके अवतार के दौरान कृष्ण के रूप की तरह दिखती है. मुख्य मूर्ति का निर्माण भगवान कृष्ण के प्रपौत्र बजरानाभ ने किया था.
मंदिर का समय: 04:30 सुबह से 12:15 दोपहर और 05:30 शाम से 09:15 रात
मंदिर स्थान: जलेबी चौक, बड़ी चोपडे, बड़ी चौपड़, जे.डी.ए. मार्केट, पिंक सिटी, जयपुर, राजस्थान
Dehydration Hone Par Kya Karen : गर्मी के मौसम में अधिकतर लोगों को डिहाइड्रेशन की… Read More
Mehsana Travel Blog : मेहसाणा भारत के गुजरात राज्य में स्थित एक शहर और जिला… Read More
Nuh Tourist Places : नूंह दिल्ली से 70 किलोमीटर दूर और 190 मीटर की ऊंचाई… Read More
Aayushman Health Card Poori Jankaari : आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) एक राष्ट्रीय… Read More
Vastu Tips For Home: ऐसा कहा जाता है कि वास्तु नियमों और सिद्धांतों का पालन… Read More
Learner Licence Kaise Banwayen: लर्नर लाइसेंस एक temporary driving license है जिसे RTO द्वारा जारी… Read More