Teerth Yatra

RamaKrishna Mission Ashram – दिल्ली में कभी किराए के घर में शुरू हुआ था रामकृष्ण मिशन, 1931 में मिली थी ज़मीन

दिल्ली में पहाड़गंज जाने के लिए हम सभी जिस मेट्रो स्टेशन पर उतरते हैं, उसका नाम है आरके आश्रम ( RK Ashram Metro Station ). इसका पूरा नाम है रामकृष्ण आश्रम ( RamaKrishna Mission Ashram ). मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 से बाहर निकलते ही बाईं ओर है ये आश्रम ( RamaKrishna Mission Ashram ). हर रोज़ हज़ारों लोग इस मेट्रो स्टेशन ( RK Ashram Metro Station ) का इस्तेमाल करते हैं. बाहर ई-रिक्शा वालों की भारी भीड़ इन सवारियों का इंतज़ार करती है. भीड़ और कोलाहल के बीच एक नज़र इस रामकृष्ण आश्रम ( RamaKrishna Mission Ashram ) पर जाती तो है लेकिन फिर नज़रें हट भी जाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लोग अपनी व्यस्तता के बीच यहां जाने के लिए कुछ लम्हें मुश्किल से ही जुटा पाते हैं. आज इस आर्टिकल में हम दिल्ली की ब्लू लाइन मेट्रो के रूट पर आरके आश्रम मेट्रो स्टेशन ( RK Ashram Metro Station ) के नीचे स्थित इस आश्रम ( RamaKrishna Mission Ashram ) को जानेंगे, जिसका पूरा नाम है रामकृष्ण आश्रम ( RamaKrishna Mission Ashram ) .

आइए जानते हैं, दिल्ली के रामकृष्ण मिशन आश्रम में आपके लिए क्या क्या दिलचस्प चीज़ें हैं-

रामकृष्ण मिशन का दिल्ली सेंटर

दिल्ली के 966, Garstin Bastion Road पर श्री रामकृष्ण मठ की स्थापना हुई थी. इसे किराए के घर में शुरू किया गया था. इसकी स्थापना पर एक कार्यक्रम भी हुआ था. 4 मई 1927 को, स्वामी अंबिकानंद ने कई भक्तों की मौजूदगी में इस कार्यक्रम को किया. इसके बाद, जल्द ही रायसीना और तिमारपुर के दो अध्ययन केंद्रों की जिम्मेदारी स्वामी निर्गुणामंद ने ले ली. अलग अलग कक्षाओं और लेक्चर के अलावा महान धार्मिक नेताओं के जन्मदिन पर उत्सवों का आयोजन किया जाने लगा और इस वजह से केंद्र में कई तरह के ज्ञान के प्रचार प्रसार को महत्व भी मिलने लगा. इसके बाद, यहां एक लाइब्रेरी और रीडिंग रूप भी बनाया गया.

सरकार से लंबी बातचीत के बाद, 1931 में रामकृष्ण मिशन ( RamaKrishna Mission Ashram ) को पहाड़गंज के इलाके में 2 एकड़ की भूमि मिली. इसमें 0.3 एकड़ की भूमि और जोड़ी गई. 1933 में इस पूरे परिसर की बाउंड्री दीवार बनाई गई.

इसकी नींव में पहली शिला स्वामी शिवानंद ने रखी. स्वामी शिवानंद, रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के दूसरे अध्यक्ष थे. इस शिला को बेलूर मठ से दिल्ली लाया गया था और कार्यक्रम 15 फरवरी 1934 के दिन आयोजित किया गया था. पहली बिल्डिंग तैयार होने के बाद, इसका उद्घाटन 12 दिसंबर 1934 को हुआ. हालांकि, रामकृष्ण मिशन पूर्ण रूप से दिल्ली के पहाड़गंज केंद्र में 16 अक्टूबर 1935 को संचालित होना शुरू हुआ.

श्री रामकृष्ण का मंदिर

इस आश्रम के बीचोंबीच रामकृष्ण जी का मंदिर बनाया गया है. इसकी नींव 5 नवंबर 1954 को रखी गई थी. उस वक्त इस मंदिर के निर्माण में 3.11 लाख रुपये का खर्च आया था. मंदिर के उद्घाटन के वक्त 4 दिनों तक उत्सव हुआ था. 27 से 30 नवंबर 1957 तक ये उत्सव हुआ था.

नया साधु निवास

परिसर में साधु निवास का निर्माण भी किया गया, ताकि यहां आने वाले मिशन के गुरू इनमें ठहर सकें. मिशन के 11वें अध्यक्ष स्वामी गंभीरानंद ने 8 नवंबर 1988 को इसका उद्घाटन किया था.

पुस्तक बिक्री और कार्यालय बिल्डिंग

परिवर में प्रवेश करते ही बाईं ओर पुस्तक बिक्री और ऑफिस बिल्डिंग दिखाई देती है. 1996 में ये प्रोजेक्ट भी परिसर में जोड़ा गया और इसकी शुरुआत की गई. 21 सितंबर 1997 को इस बिल्डिंग का उद्घाटन किया गया.

पुस्तक बिक्री शोरूम के अंदर रामकृष्ण परंपरा, वेदांत और दूसरे धार्मिक साहित्य की 3000 से भी ज्यादा किताबें अलग-अलग भाषा में उपलब्ध हैं. यहां बच्चों के लिए भी पुस्तकें हैं. सीडी, डीवीडी भी उपलब्ध हैं.

अतिरिक्त ऑडिटोरियम

एक नए एयरकंडीशन शारदा ऑडिटोरियम की शुरुआत 3 नवंबर 2002 को की गई. एक दूसरा बड़ा ऑडिटोरियम, जिसका नाम विवेकानंद ऑडिटोरियम है, उसका निर्माण भी हुआ. ऑडियो-वीडियो सुविधा वाला ये ऑडिटोरियम 12 अगस्त 2012 से शुरू हुआ.

स्वामी विवेकानंद पर प्रदर्शनी

भारत के संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र द्वारा डिजाइन और तैयार की गई स्वामी विवेकानंद की प्रदर्शनी रामकृष्ण मिशन परिसर के बेसमेंट में है. इसमें, आप तस्वीरों, पेंटिंग, ऐनिमेशन, ऑडियो/वीडियो मल्टीमीडिया के ज़रिए विवेकानंद की ज़िंदगी को समझ सकते हैं. इस मॉडर्न एग्जिबिशन का उद्घाटन, स्वामी विवेकानंद की 150वीं जन्मजंयती पर 11 सितंबर 2012 को दलाई लामा ने किया था.

आम लोगों के लिए यह एग्ज़िबिशन शनिवार और रविवार को खुला रहता है. स्कूल ग्रुप जैसे बड़ी संख्या के लिए किसी भी वीकेंड के लिए पहले से अनुरोध करना होता है.

Recent Posts

Ragi Cheela : 10 मिनट में प्रोटीन और फाइबर से भरपूर रागी चीला तैयार करें

Ragi Cheela : नाश्ते में चीला लोगों की पहली पसंद होता है. ज़्यादातर घरों में… Read More

1 day ago

Chhath Puja 2025 : नहाय खाय और सूर्य देव की भक्ति: छठ पूजा की शुरुआत का प्रतीक

साल 2025 में चार दिन चलने वाले छठ पर्व का पहला दिन, जिसे नहाय खाय… Read More

1 day ago

Sabarimala Temple – भगवान अयप्पा का पवित्र धाम और इसकी रहस्यमयी परंपराएं

सबरीमाला मंदिर भारत के केरल राज्य के पठानमथिट्टा जिले में स्थित एक अत्यंत पवित्र हिन्दू… Read More

2 days ago

How I Explored Telangana Without Breaking the Bank

Travelling on a budget often feels like a puzzle. You want to cover as much… Read More

2 days ago

नवरात्रि 2024 कब है? जानें तिथि, पूजा समय, अनुष्ठान, महत्व और बहुत कुछ

नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि या शरद नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह… Read More

4 days ago

जब यात्रा की बात आती है, तो एक यादगार होटल में ठहरना बहुत मायने रखता… Read More

4 days ago