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रूद्रप्रयाग (Rudraprayag) उत्तराखंड (Uttarakhand) का एक छोटा सा कस्बा है, इसका ये नाम हिंदुओं के देवता भगवान शिव के एक अवतार ‘रूद्र’ के नाम से उत्पन्न हुआ है। हिंदू पुराण कथाओं के अनुसार नारद मुनि को इस जगह पर भगवान रूद्र के द्वारा वरदान दिया गया था। पहले जिला रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) तीन जिलों चमोली, पौड़ी और टिहरी का एक हिस्सा था। 16 सितम्बर 1997 में इसे एक अलग जिले के रूप में घोषित किया गया। ये शहर मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों के मिलन स्थल पर स्थित है।
रुद्रप्रयाग में क्या क्या देखें (Where to Visit in Rudraprayag)
देवरिया ताल (Deoria Tal)
रूद्रप्रयाग से 49 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवरिया ताल एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है। हरे भरे जंगलों से घिरी हुई ये एक अद्भुत झील है। इस झील के जल में गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और नीलकंठ की चोटियों के साथ चौखम्बा की श्रेणियों की साफ छवि दिखती है। समुद्र तल से 2438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ये झील चोपटा–उखीमठ रोड से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये झील यहां पर आने वाले यात्रियों को बोटिंग, फिशिंग और अलग अलग तरह के पक्षियों को देखने के अवसर प्रदान करती है। यहां पर रात भर कैंपिंग होती है, साथ ही ये जगह ट्रेकिंग के लिए भी काफी मशहूर है।
जखोली (jakholi)
ये रूद्रप्रयाग जिले में स्थित एक बेहद महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ, ये छोटा सा गांव पर्यटकों को हिल क्लाइंबिंग का मौका देता है। यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित चामुंडा देवी का मंदिर और रुद्रनाथ का मंदिर देखने लायक है। वहीं एक और पर्यटक स्थल ‘तिलवारा’ भी यहां से काफी पास ही है।
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कोटेश्वर मंदिर (Koteshwar Temple)
रुद्रप्रयाग शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटेश्वर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। ये गुफा मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने केदारनाथ जाते समय रास्ते में इस गुफा में साधना की थी और ये मूर्ति प्राकृतिक रूप से निर्मित हुई है। महाशिवरात्रि के मौक पर यहां पर एक मेले का भी आयोजन किया जाता है। कई भक्त अगस्त और सितंबर के महीनों में यहां पर प्रार्थना करने के लिए आते हैं।
रुद्रप्रयाग मंदिर (Rudraprayag Temple)
रूद्रप्रयाग मंदिर का नाम प्रमुख धार्मिक केन्द्रों में शामिल है, जो कि अलकनंदा और मंदाकिनी दो नदियों के संगम पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नारद मुनि ने अपनी घोर तपस्या के फल के रूप में शिव जी से संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए वरदान मांगा था और भगवान शिव ने यहां पर रुद्र के अवतार में प्रकट होकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया था। ये स्थान आपको पास ही में स्थित जगदंबा मंदिर के दर्शनों का मौका भी देता है।
चंद्रशिला (Chandrashila)
समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंद्रशिला एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। गढ़वाल की हिमालय पर्वतमाला में स्थित इस जगह से पास की झीलों के अद्भुत दृश्य, घास के मैदान, नंदा देवी, त्रिशूल, केदार और चौखम्बा की चोटियों के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत होते हैं। किंवदंतियों के अनुसार ये वो जगह है जहां पर भगवान राम ने राक्षसों के राजा रावण को जीतने के बाद तप किया था। ये भी माना जाता है कि चांद के देवता चन्द्रमा ने यहां पर अपना प्रायश्चित किया था। पर्यटक यहां पर स्केलिंग, स्कीइंग जैसी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। चंद्रशिला ट्रैक दर्शकों के बीच सबसे लोकप्रिय ट्रैकिंग मार्गों में से एक है। ये मार्ग चोपटा से शुरू होकर तुंगनाथ तक 5 किलोमीटर की दूरी तय करता है। पूरी तरह से खड़ी चढ़ाई ट्रैकिंग को कठोर और मुश्किल बनाती है।
उखीमठ (Ukhimath)
उखीमठ रुद्रप्रयाग जिले की एक पवित्र जगह है, ऐसा माना जाता है कि इस जगह का ये नाम ‘बाणासुर’ की बेटी ‘ऊषा’ से निकला है। ये जगह कई हिंदू देवी देवताओं के लिए समर्पित अलग अलग मंदिरों जैसे कि ऊषा, शिव, अनिरुद्ध, पार्वती और मंधाता मंदिर की यात्रा का अवसर प्रदान करता है। पास ही में एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर ओंकारेश्वर मंदिर भी है जिसे सर्दियों के मौसम के दौरान भगवान केदारनाथ के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव की बड़ी खूबसूरती से तैयार की गई एक मूर्ति भी है।
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रुद्रप्रयाग जाने का सबसे अच्छा समय (Best time to visit Rudraprayag)
पर्यटकों को गर्मियों के वक्त रुद्रप्रयाग में घूमने के लिए जाना चाहिए, क्योंकि गर्मियों में यहां का मौसम काफी सुहाना रहता है।
कैसे पहुंचे रुद्रप्रयाग (How to reach Rudraprayag)
रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) से 183 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा। इस हवाई अड्डे से रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध हैं। वहीं रुद्रप्रयाग के लिए ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (Rishikesh Railway Station) सबसे पास पड़ता है। बसों के द्वारा भी पर्यटक रुद्रप्रयाग तक पहुंच सकते हैं। ये जगह राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर स्थित है, जो कि दिल्ली को बद्रीनाथ से जोड़ती है। गर्मियों के दौरान दिल्ली से बद्रीनाथ की यात्रा पर जाने वाली सभी बसें रुद्रप्रयाग से होकर गुजरती हैं। वहीं इसके अलावा नियमित बसें भी ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग के लिए चलती हैं।
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