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Datia Travel Guide : Maa Pitambara Peeth पीठ दिलाता है हर कष्ट से मुक्ति, जानें यात्रा गाइड

Datia Travel Guide: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित दतिया (Datia) एक ऐसा शहर है, जो धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक विरासत और शांत प्राकृतिक वातावरण का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करता है। ग्वालियर से लगभग 75 किमी दूर स्थित दतिया खासतौर पर मां पीतांबरा पीठ, प्राचीन शिव मंदिरों, भव्य महलों और जैन तीर्थ स्थलों के लिए जाना जाता है। अगर आप अपनी ट्रैवल के लिए एक ऐसे डेस्टिनेशन की तलाश में हैं, जहां श्रद्धालु, इतिहास प्रेमी और शांति चाहने वाले पर्यटक सभी को कुछ खास मिले—तो दतिया एक परफेक्ट ऑप्शन है।

नीचे दतिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है:

मां पीतांबरा पीठ दतिया || Maa Pitambara Peeth

मां पीतांबरा पीठ दतिया का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और यह भारत के प्रमुख Shakti Peeths में गिना जाता है। यहां देवी बगलामुखी और धूमावती की पूजा होती है। मान्यता है कि इस पीठ की स्थापना स्वयं महर्षि वेदव्यास ने की थी। यह स्थान खास तौर पर तंत्र-साधना, विजय प्राप्ति और शत्रु बाधा निवारण के लिए जाना जाता है। देश-विदेश से भक्त यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। नवरात्रि, गुरुवार और अमावस्या के दिन यहां विशेष भीड़ देखने को मिलती है। मंदिर परिसर बेहद शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है, जो श्रद्धालुओं को मानसिक शांति प्रदान करता है।

पीताम्बरा पीठ की स्थापना एक सिद्ध संत ने की थी. इन सिद्ध संत को लोग स्वामीजी महाराज कहकर पुकारते थे. स्वामी जी ने 1935 में इस पीठ की स्थापना की थी. श्री स्वामी महाराज ने बचपन से ही संन्यास ग्रहण कर लिया था। वे यहां एक स्वतंत्र अखण्ड ब्रह्मचारी संत के रूप में निवास करते थे. स्वामीजी बेहद प्रकांड विद्वान् होने के साथ साथ प्रसिद्ध लेखक भी थे. उन्हेंने संस्कृत, हिन्दी में कई किताबें भी लिखी थीं. गोलकवासी स्वामीजी महाराज ने इस स्थान पर बगलामुखी देवी और धूमावती माई की प्रतिमा स्थापित करवाई थी.

श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर || Shri Siddheshwar Mahadev Temple

श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर दतिया का एक प्राचीन और श्रद्धा से जुड़ा शिव मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का केंद्र है। मंदिर की वास्तुकला साधारण होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य आयोजन होते हैं और बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। शांत वातावरण और आध्यात्मिक अनुभूति के कारण यह मंदिर ध्यान और साधना के लिए भी उपयुक्त स्थान माना जाता है।

वीर सिंह पैलेस || Veer Singh Palace

वीर सिंह पैलेस, जिसे आमतौर पर दतिया महल कहा जाता है, बुंदेलखंडी वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। इस महल का निर्माण 17वीं शताब्दी में ओरछा के राजा वीर सिंह देव ने करवाया था।

यह सात मंजिला महल बिना लोहे या लकड़ी के बनाया गया था, जो इसे और भी खास बनाता है। महल के भीतर जटिल गलियारे, झरोखे और विशाल आंगन मौजूद हैं। कहा जाता है कि इस महल में हजारों कमरे हैं, लेकिन आज तक किसी ने इसकी सही संख्या नहीं गिनी।

इतिहास और फोटोग्राफी में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

दतिया बोट क्लब || Datia Boat Club

धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ दतिया बोट क्लब पर्यटकों को एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है। यह स्थान झील के किनारे स्थित है, जहां पर्यटक बोटिंग, फोटोग्राफी और फैमिली टाइम का आनंद ले सकते हैं।

शाम के समय यहां का नज़ारा बेहद खूबसूरत होता है, जब सूर्यास्त झील के पानी में प्रतिबिंबित होता है। बच्चों और युवाओं के लिए यह जगह खास आकर्षण का केंद्र है। दतिया यात्रा के दौरान अगर आप थोड़ा सुकून और मनोरंजन चाहते हैं, तो बोट क्लब जरूर जाएं।

सोनागिरि जैन मंदिर || Sonagiri Temple

दतिया से लगभग 15 किमी दूर स्थित सोनागिरि जैन धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां लगभग 100 से अधिक जैन मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित हैं, जो दूर से देखने पर बेहद भव्य नजर आते हैं।

मान्यता है कि यह स्थान कई जैन तीर्थंकरों की तपोभूमि रहा है। पहाड़ी पर चढ़ते समय चारों ओर फैली सफेद मंदिरों की श्रृंखला मन को शांति प्रदान करती है।

हर साल हजारों जैन श्रद्धालु और पर्यटक यहां दर्शन और ध्यान के लिए आते हैं। शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा के कारण सोनागिरि मेडिटेशन के लिए भी आदर्श स्थान है।

राजगढ़ मंदिर || Rajgarh Temples

राजगढ़ मंदिर समूह दतिया क्षेत्र की प्राचीन धार्मिक धरोहरों में शामिल है। ये मंदिर अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और पारंपरिक स्थापत्य के लिए जाने जाते हैं। यहां भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर मौजूद हैं।

कम भीड़-भाड़ और शांत वातावरण के कारण यह स्थान उन यात्रियों के लिए उपयुक्त है, जो भीड़ से दूर आध्यात्मिक अनुभव चाहते हैं। इतिहास प्रेमियों के लिए भी राजगढ़ मंदिर एक रोचक स्थल है।

दतिया घूमने का सही समय और कैसे पहुंचें ||Best time to visit Datia and how to reach

घूमने का सही समय: अक्टूबर से मार्च तक का समय दतिया घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

कैसे पहुंचें:

रेल मार्ग: दतिया रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग: ग्वालियर, झांसी और भोपाल से बस और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।

हवाई मार्ग: निकटतम एयरपोर्ट ग्वालियर है।

दतिया एक ऐसा टूरिस्सट प्लेस है, जहां धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता एक साथ देखने को मिलती है। चाहे आप तीर्थ यात्रा पर हों, इतिहास में रुचि रखते हों या शांति की तलाश में हों—दतिया हर यात्री को एक यादगार अनुभव देता है।

Komal Mishra

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