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Gurez Valley Tour : जन्नत-ए-कश्मीर में यहां भी जरूर घूम लें

Gurez Valley Tour :  इस बात में किसी को कभी कोई शक नहीं था कि अगर धरती पर स्वर्ग है तो वो जम्‍मू-कश्‍मीर में ही है। चारों ओर से बर्फीली पहाड़ियों और शांत वातावरण के बीच मैदानी क्षेत्र भारत के इस राज्‍य को सबसे अलग और खास बनाता है। जम्‍मू-कश्‍मीर में ऐसी कई जगहें हैं जहां पर आप घूम सकते हैं और खूब सारी मस्‍ती कर सकते हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर की कुछ सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है गुरेज घाटी।

ये समुद्रतल से 8000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और ये श्रीनगर से 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप कहीं पर घूमने का प्‍लान बना रहे हैं तो इस बार आपको जम्‍मू-कश्‍मीर की गुरेज घाटी में जरूर जाना चाहिए। ये घाटी अपने अंदर कई तरह की छिपी हुई खूबसूरत जगहों को समेटे बैठी है। तो आइए आज ट्रेवल जुनून पर हम जानते हैं जन्‍नत जैसे जम्‍मू-कश्‍मीर की गुरेज घाटी में छिपी हुई कुछ खूबसूतरत जगहों के बारे में…

दवार || Dwaar

इस घाटी का केंद्रीय हिस्‍सा है दवार जिसमें कुल मिलाकर 15 गांव आते है और ये गांव पूरी तरह से गुरेज घाटी के अंदर फैले हुए हैं। इसके अलावा यहां पर एक प्राचीन शारदा यूनिवर्सिटी के भी अवशेष हैं और यहां पर किशनगंगा नदी भी बहती है। इस घाटी में आने वाले पर्यटक दवार देखने के लिए जरूर आते हैं। ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरे हुए दवार में चारों तरफ किशनगंगा नदी की बहती हुई लहरों की आवाज गूंजती है। यहां पर आकर आपको ऐसा लगेगा कि जैसे आप किसी जन्‍नत में परम आनंद के रथ पर सवार हो गए हैं।

हब्‍बा खातून || Habba Khatoon

कश्‍मीरी कवि हब्‍बा खातून के नाम पर इस जगह का ये नाम रखा गया है। इस त्रिकोणीय आकार के पर्वत में हब्‍बा खातून की अपने पति के प्रेम से जुड़ी हुई कई कहानियां आज भी यहां पर गूंजती हैं। ऐसा कहा जाता है कि आज भी आप यहां पर हब्‍बा खातून को अपने पति की तलाश करते हुए देख सकते हैं। ये त्रिकोणीय पर्वत गुरेज घाटी का सबसे प्रमुख आकर्षण है। अगर आप जम्‍मू-कश्‍मीर में कहीं पर प्राकृतिक छटाएं बिखरी हुई देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको गुरेज घाटी आना चाहिए और क्‍या पता कि यहां पर घूमते हुए आपको भी हब्‍बा खातून मिल जाए।

तुलैल घाटी || Tulail Valley

इस जगह पर आकर आपको दैवीय शक्‍तियों का आभास होता है। जी हां, ये जगह पूरी तरह से सकारात्‍म‍क वातावरण से भरी हुई है। तुलैल घाटी दवार से लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और ये पर्यटकों के लिए वाकई में किसी जन्‍नत से कम नहीं है। तुलैल घाटी में कुछ गांव भी हैं। ये घाटी फिशिंग के लिए सबसे ज्‍यादा मशहूर है। अगर आप ग्रामीण जनजीवन को देखना चाहते हैं तो इस घाटी पर आ सकते हैं। यहां पर आकर आपको कुछ ऐसे पल भी बिताने का मौका मिलेगा जो कि आपको जिंदगीभर याद रहेंगें।

हरमुख ||Harmukh

सिंध और किशनगंगा नदी के बीच में स्थित है हरमुख जो कि हिमालय की श्रृंख्‍लाओं का ही एक हिस्‍सा हैं। ये पहाड़ 16870 फीट ऊंचा है। हिंदुओं के लिए हरमुख किसी धार्मिक तीर्थस्‍थल से कम नहीं है और ये भगवान शिव का वास होने की वजह से काफी पवित्र भी माना जाता है। हरमुख की तलहटी में गंगाबल नाम की एक झील है जहां से पर्यटकों को कई खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। पर्यटकों को ये खूबसूरत जगह काफी ज्यादा पसंद आती है और एक बार आने के बाद उनका मन यहां पर बार-बार आने का करता है।

गुरेज घाटी आने का सही समय || Best time to visit Gurez Valley

जन्‍नत से भी खूबसूरत इस घाटी की यात्रा आपको जीवनभर याद रहेगी। यहां पर आप बाबा दरवाइश और बाबा रजाक और पीर बाबा की दरगाह के भी दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर रॉक क्‍लाइंबिंग, फिशिंग और ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं। अगर आप गुरेज घाटी आना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे अच्छा वक्त मई से अक्‍टूबर के बीच में रहेगा।

फोटो साभारः मैत्री मेहता

Taranjeet Sikka

एक लेखक, पत्रकार, वक्ता, कलाकार, जो चाहे बुला लें।

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